- ग्राम्य विकास विभाग के कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार आज से

-मांगों को लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने किया कलक्ट्रेट में प्रदर्शन

Meerut : ग्राम्य विकास महापरिषद के ऐलान के बाद गुरुवार से तीन दिन तक ग्राम्य विकास विभाग के कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर रहेंगे तो वहीं राज्य कर्मचारी महासंघ ने कलक्ट्रेट पर अपनी मांगों के संबंध में प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन को सौंपा।

कार्य बहिष्कार का ऐलान

ग्राम्य विकास महापरिषद ने जहां तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। बता दें कि शासन ने कुछ दिन पहले ग्राम विकास को लेकर कुछ निर्देश जारी किए थे। निर्देश जारी होने के साथ ही ग्राम्य विकास महापरिषद ने विरोध दर्ज कराते हुए आंदोलन का ऐलान कर दिया। पहले चरण में सांकेतिक विरोध किया गया, मंगलवार को कार्य बहिष्कार कर धरना दिया गया। अब 21 जुलाई से तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार कर धरना देने की तैयारी है। जिला विकास अधिकारी अतुल मिश्रा ने कहा कि महापरिषद अधिकारों को लेकर आंदोलन जारी रखेगा।

अतिरिक्त कार्य करेगा पंचायती राज

महापरिषद के कार्य बहिष्कार को चुनौती देते हुए जिला पंचायती राज संयुक्त मोर्चा ने अतिरिक्त कार्य करने का ऐलान किया है। जिला पंचायती राज अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि संयुक्त मोर्चा तीन दिनों तक दो घंटे अतिरिक्त काम करेगा। लड़ाई शुरू होते ही दोनों की संगठनों को अन्य विभाग समर्थन देकर दो भागों में बट गए हैं।

कलक्ट्रेट घेरा

उप्र चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कलक्ट्रेट पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। महासंघ पदाधिकारियों का कहना था कि सातवें वेतन आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में 125 प्रतिशत मंहगाई भत्ता जो पूर्व से कर्मचारियों को प्राप्त हो रहा था। आयोग द्वारा प्रस्तुत 18 हजार रुपये में कर्मियों को लाभ नहीं होगा। उनकी मांग है कि न्यूनतम वेतन अब 26 हजार रुपये प्रति माह किया जाए। प्रदर्शनकारियों में संरक्षक रामदास सिंह, अध्यक्ष नवाबुद्दीन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश यादव, सेंसर पाल व मंत्री मनोज कुमार शामिल थे।