Lucknow: चन्दा चमके चमचम चीखे चौकन्ना चोरहटा सावन की घटा जैसे चुटकीले गीतों के साथ अपनी रोमांटिक आवाज से म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज करने वाले प्लेबैक सिंगर बाबुल सुप्रियो बुधवार को शहर में मौजूद थे। लखनऊ घूमने के साथ ही बाबुल कहते हैं कि वो रियलटी शोज नौकरी की तरह ही करते हैं। रियलटी शो से निकलने वाले कंटेस्टेंट मुझे काम करते तो नजर नहीं आते। यहां से निकलने के बाद उनका नाम भी लोग भूल जाते हैं फिर भी यह दौर रियलटी शोज का है।
दोनों अलग अलग इंडस्ट्रीज हैं
अगर नाम की बात करें तो इंडियन आयडल में अभिजीत सावंत के बाद मुझे तो कोई नाम याद नहीं पड़ता। अब यह शोज सिर्फ कमाई का जरिया बनते जा रहे है। लोग देखते हैं और बनाने वाले बनाते जा रहे हैं। ऑडीशन में मीलों तक लाइनें लगाकर बच्चे आते हैं लेकिन कौन जीतता है कौन हारता है कुछ दिनों बाद सभी भूल जाते हैं.
किसी को कहीं काम नहीं मिलता कहीं कोई प्लेबैक करता नजर नहीं आता। फिल्मों में यह कोई ऑब्लीकेशन नहीं कि वो टीवी इंडस्ट्री से आने वाले कलाकारों को काम दे ही दे। दोनों ही इंडस्ट्रीज अपने अपने तरीके से काम काम कर रही हैं। टीवी इंडस्ट्री अपने आप में ग्रो कर रही है।
रानियों को लेकर आना चाहता हूं
कई बार पहले भी लखनऊ के मंच पर परफार्म कर चुके बाबुल कहते हैं कि इस शहर में एक एसेंस है। मैं रात को यहां पहुंचा तो कहीं नहीं गया इस शहर की उन गलियों में गया जहां लखनऊ महकता है। कहीं चूड़ी की दुकाने सजी थी तो कहीं दुपट्टे लहरा रहे थे। मैंने पहले अपने फेवरेट कवाब पराठे खाए और कुछ शॉपिंग भी की। मैं तो उस गली में अपनी रानियों को लेकर आना चाहता हूं और यही गाना गाऊंगा कि रुक मेरी रानी देख जरा पीछे मुड़ के अगली बार मैं अपनी ख्वाहिश जरूर पूरी करूंगा।