भइया बहुत परेशान है भाभी की तबियत कुछ ठीक नहीं हैं. कमर में बहुत दर्द रहता है और हमेशा जी भारी रहता है. उलटियां भी बहुत हो रही हैं. अरे, अब कौन समझाए भइया को की ये घबराने वाली बात नहीं है बल्कि ये तो खुशी की बात है. भाभी मां बनने वाली हैं.

अपने अनाड़ी बालम से बन्नी कह रही है कि मेरे लिए मोटर ला दो मेरी कमर दुखती है, पर भोले भाले सइयां के तो कुछ समझ नहीं आ रहा है.  

सुन ऐ सजन एक मोटर मंगाओ, मेरी दूखन लागी कमरिया

ऊपर के कमरे में पलंग बिछाओ, मेरी दूखन लागी कमरिया

दे दो खबरियां सासू न आवे न आने दो, मम्मी को दे दो खबरिया, मेरी दूखन लागी कमरिया

चलो इतना समझाने के बाद आखिरकार भइया समझ ही गए कि उनका प्रमोशन होने वाला है और वो पापा बनने बाले हैं. अब तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं. अब तो सब ही भाभी का बहुत ध्यान रखते हैं.

धीरे धीरे समय निकलता गाया बस अब तो कभी भी नन्हा फरिश्ता घर आ जाएगा. सब बहुत खुश हैं सबने अपने-अपने नाम सोच लिए हैं. मज़े की बात तो ये है कि सबने दो-दो नाम सोचे हैं. लड़का होगा तो क्या बुलाएगें और लड़की होगी तो क्या. सबके मन में बस यही खयाल है कि जो भी हो ठीक हो और हेल्दी हो.

सात महीने पूरे हो चुके हैं आज भाभी की गोद भराई की रसम है. कई लोगों के यहां ये रसम आंठवे महीने में होती है पर हमारे यहां सातवे Baby sower, godbharaiमहीने में ही गोद भराई कर दी जाती है. आज सब लोग मिलकर भाभी को आशिर्वाद के साथ खूब सारे फल, मेवे देगें और खूभ नाच गाना होगा. खूब सोहर होंगे बहुत मज़ा आएगा. मैं तो चली नाचने चाची ने गाना भी शुरू कर दिया है.

सूतल रहलीं अटरियां सपन एक देखेलीं

सासु सपना के करहु विचार सपन सुठि सुन्नर

बभनामें देखलीं पतरा लिहले पनवा ढ़ेपारल

दियना त देखलौंतखत तरे, अमवा घवदिया हो...

दिन करीब है कभी कुछ भी हो सकता है, भाभी का लाडला देवर ये सोच ही रहा था कि भाभी कि चिल्लाने की आवाज़ आयी. अब समय आ गया भाभी को हॉस्पिटल ले जाने का. भाभी एडमिट हो गई और थोड़ी ही देर बाद खबर मिली कि नई पीढ़ी ने जन्म ले लिया है. बस एक दो दिन में भाभी घर आ जाएंगी. हम सब भाभी का कमरा सजाने के प्लैन्स बनाने लगें.

आज भाभी आने वाली है और प्लैन के मुताबिक भाभी का कमरा भी सज चुका है. भाभी के लिए घर में सोंठ के लड्डू बनाए जा रहें है और सब इतने खुश है कि गाने भी गा रहे हैं.

सोंठ के लड्डू चरपरेरी, सोंठ के लड्डू चरपरेरी

पूरा देत मेरी उंगली दुखत है आधा देत ना जाए

सोंठ के लड्डू चरपरेरी, सोंठ के लड्डू चरपरेरी...

इन लड्डुओं को खाने से भाभी को ताकत मिलेगी. लो भाभी आ गई. मैं इतनी खुश हूं कि उनको घर आते देख ही मैंने नाचना शुरू कर दिया और मेरा नेग वो तो मैं भूल ही नहीं सकती. मुझे नाचता देख सबन नेग गाने लगे.

Child and motherननदियां आज छमा छम नाचे, ननदियां आज छमा छम नाचे

ओ राजे मेरे माथे का टीका बड़ा भारी, ओ राजे मेरे माथे का टीका बड़ा भारी

इसी को आज ननदियां मांगे, इसी को आज ननदियां मांगे...

भइया आज इतने खुश हैं कि वो भाभी से कहते हैं

तो रानी मेरी मांगे मना ना करना

ये शुभ दिन बार-बार ना आए...

मेरी भाभी भी बहुत मज़ाकिया है और सुनिए तो बधाई गाते गाते मेरी टांग कैसे खींच रही हैं.

अठन्नी ले जा ननदी लाल की बधाई, अठन्नी ले जा ननदी लाल की बधाई

ये तो अठन्नी मेरे ससुर की कमाई, चवन्नी ले जा ननदी लाल की बधाई

ये तो चवन्नी मेरे जेठ की कमाई, दुअन्नी ले जा ननदी लाल की बधाई

ये तो दुअन्नी मेरे देवर की कमाई, इकन्नी ले जा ननदी लाल की बधाई

ये तो इकन्नी मेरे साजन की कमाई, दो डंडे ले जा ननदी लाल की बधाई

ये दो डंडे मेरे कोने की शोभा, दो धक्के ले जा ननदी लाल की बधाई

अठन्नी ले जा ननदी लाल की बधाई, अठन्नी ले जा ननदी लाल की बधाई

Story:Surabhi Yadav