बारिश के कारण मैच 42 ओवरों का कर दिया गया था. न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 42 ओवरों में सात विकेट के नुक़सान पर 271 रन बनाए.

डकवर्थ लुईस नियम के तहत भारत को 42 ओवरों में 297 रनों का लक्ष्य मिला था.

जवाब में भारत ने जब नौ विकेट के नुक़सान पर 277 रन बनाए थे, उस समय फिर बारिश शुरू हो गई. उस समय तीन और गेंद फेंकी जानी बाक़ी थी.

अंपायरों ने मैच समाप्त करने की घोषणा की और डकवर्थ लुईस नियम के तहत भारत 15 रनों से मैच हार गया.

ख़राब शुरुआत

भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और 37 रनों पर उसके दो विकेट गिर गए थे. शिखर धवन 12 और रोहित शर्मा 20 रन बनाकर पवेलियन लौट गए.

लेकिन अजिंक्य रहाणे और विराट कोहली ने तीसरे विकेट के लिए 90 रन जोड़े.

रहाणे के 36 के निजी स्कोर पर आउट हो जाने के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोहली ने कमान संभाली. दोनों के पिच पर रहते ऐसी उम्मीद बँध रही थी कि शायद भारत मैच में वापसी कर सकता है.

लेकिन पहले मैच में शतक लगाने वाले कोहली 78 रन बनाकर आउट हो गए. रैना ने तेज़ी से रन बनाने की कोशिश की. लेकिन वे 35 रन ही बना सके.

कप्तान धोनी के 56 रन पर आउट होने के बाद भारत की रही-सही उम्मीद जाती रही.

न्यूज़ीलैंड की ओर से टिम साउदी ने सबसे ज़्यादा चार विकेट लिए.

न्यूज़ीलैंड की पारी

हैमिल्टन वनडे में भी हारा भारत

इससे पहले न्यूज़ीलैंड की ओर से केन विलियम्सन ने सर्वाधिक 77 रनों की पारी खेली, जबकि रॉस टेलर ने 57 रन बनाए.

लेकिन न्यूज़ीलैंड की पारी के स्टार रहे कोरी एंडरसन, जिन्होंने सिर्फ़ 17 गेंदों पर 44 रनों की पारी खेली. हाल ही में उन्होंने वनडे में सबसे तेज़ शतक का रिकॉर्ड अपने नाम किया था.

उन्होंने 44 रनों की पारी में दो चौके और पाँच छक्के लगाए. सलामी बल्लेबाज़ मार्टिन गुप्टिल ने भी 44 रनों की पारी खेली.

भारतीय गेंदबाज़ों का प्रदर्शन कोई ख़ास नहीं रहा. मोहम्मद शामी ने 55 रन देकर तीन विकेट लिए. जबकि भुवनेश्वर कुमार, ईशांत शर्मा, रवींद्र जडेजा और सुरेश रैना ने एक-एक विकेट लिए.

   

 

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