150 ज्यादा मोबाइल बरामद कर चुकी है टीम

15 लोगों को वापस दिलाया गया उनका मोबाइल फोन

मोबाइल चोरों पर नकेल कस रही मोबाइल रिकवरी सेल

Meerut। हाथों में जब गुम हुआ वापस मोबाइल आया, तो चेहरे पर खुशी देखने लायक थी। किसी अपने मोबाइल को पुरानी यादों से जुड़ा बताया तो किसी ने बताया कि यह मोबाइल उन्हें गिफ्ट में मिला था। जीहां को रविवार को पुलिस लाइन में बने मोबाइल रिकवरी सेल में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। दरअसल, मोबाइल रिकवरी सेल ने 15 लोगों को उनके खोए या चोरी हुए मोबाइल वापस कराए।

सर्विलांस की सहायता

दरअसल, शहर में अक्सर बदमाश मोबाइल छीन कर ले जाते हैं। जिनसे बाद उसका सिम आदि निकालकर उसे आधे पौने दामों पर बेच देते हैं। लेकिन अब मोबाइल रिकवरी सेल इन्हीं मोबाइल चोर पर शिकंजा कस रही है। सर्विलांस के माध्यम से मोबाइल की लोकेशन को ट्रेस करके चोरों की धरपकड़ की जा रही है। साथ ही चोरी या खोए हुए मोबाइल वापस उनके मालिकों को लौटाए जा रहे हैं।

इनका है कहना

एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि मोबाइल रिकवरी सेल सर्विलांस के माध्यम से लोगों के खोए हुए मोबाइल को बरामद करता है। अब तक यह टीम 150 ज्यादा मोबाइल बरामद कर चुके हैं।

इनसेट

क्रिमिनल्स की लोकेशन ट्रेस करने में सबसे अहम भूमिका सर्विलांस की मानी जाती है। क्रिमिनल को ट्रेस करने के लिए पुलिस उसके सेल नंबर को जिस सिस्टम पर लगाती है, उसे सर्विलांस कहते हैं। कई बार शातिर बदमाश इस जाल से निकलने के लिए अपना सिम चेंज कर लेते हैं, लेकिन उनके द्वारा पूर्व में की गई कॉल और एसएमएस के जरिए पुलिस उस तक जा पहुंचती है।

आईएमईआई नंबर से फंसते हैं

हर मोबाइल का अपना इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आईडेंटिटी(आईएमईआई)नंबर होता है, जिसकी डिटेल फोन बनाने वाली सभी कंपनीज के पास मौजूद रहती है। सिम चेंज कर क्रिमिनल भले ही ये समझता हो कि पुलिस अब उस तक नहीं पहुंच सकती, लेकिन जैसे ही मोबाइल में दूसरा सिम डाला जाता है, इसकी इंफॉर्मेशन उस कंपनी को लग जाती है। आईएमईआई के माध्यम से भी ये पता लग जाता है कि कौन किस नंबर पर बात कर रहा है। बस पुलिस के लिए यही जानकारी महत्वपूर्ण साबित होती है। फोन ऑफ होने पर भी लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।