7 नहीं 20 घंटे कटौती

पावर कॉर्पोरेशन ने डिपार्टमेंट को तीन शिफ्ट में बिजली कटौती करने का निर्देश दिया। निर्देश के मुताबिक मॉर्निंग 9 से 12 शाम 5 से 7 और रात 10 से 12 बजे के बीच टोटल 7 घंटे की बिजली कटौती होनी चाहिए। घोषित कटौती के अलावा बाकी समय में बिजली की प्रॉपर सप्लाई होनी चाहिए। लेकिन डिपार्टमेंट ये टाइम शेड्यूल फॉलो नहीं कर रहा है। 17 घंटे बिजली तो दूर की बात है, बरेलियंस 4-5 घंटे की बिजली के लिए तरस रहे हैं। सिविल लाइंस, राजेंद्र नगर, श्यामगंज, कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, डीडीपुरम, ग्रीन पार्क, पवन बिहार, महानगर सहित अन्य एरिया में बिजली का यही हाल है।

Alternative व्यवस्था भी बेदम

बिजली की बुरी हालत को देखते हुए मोस्टली लोगों ने घरों में ऑल्टरनेटिव अरेंजमेंट्स कर रखे हैं। इंवर्टर के अलावा रेजिडेंट्स ने बैकअप के लिए लोगों ने दो-दो बैटरी भी लगवा रखी है। लेकिन इन सबके बावजूद लोगों को राहत नहीं मिल रही है। कांटीन्यू बिजली नहीं मिलने की वजह से इंवर्टर की बैटरी डीप डिस्चार्ज हो जाती है। शॉप ओनर जावेद खां ने बताया कि बैटरी डीप डिस्चार्ज होने से रोकने के लिए कम से कम 6-7 घंटे कांटीन्यू बिजली मिलनी चाहिए। अगर एक बार बैटरी डीप डिस्चार्ज हो जाती है तो दोबारा इंवर्टर से बैटरी चार्ज हो पाना पॉसिबल नहीं हो पाता है। लिहाजा एक्स्ट्रा चार्जर लगाकर बैटरी की ग्रेविटी मेंटेन करनी पड़ती है।

बढ़ गई complaints की संख्या

सिटी में नॉवेल्टी, कालीबाड़ी, नगर निगम रोड, सिविल लाइन, डीडीपुरम, चौपुला सहित अन्य एरियाज में इंवर्टर का बिजनेस करने वालों की संख्या 200 के आस-पास है। आजकल इन शॉप ओनर्स के पास सबसे अधिक

कंप्लेंट्स बैटरी खराब होने की आ रही हैं। बैटरी बिजनेस से जुड़े आशुतोष ने बताया कि इस टाइम कंप्लेंट्स 40 परसेंट तक बढ़ गई है। जबकि नार्मल दिनों में बैटरी से रिलेटेड 10 परसेंट की कंप्लेंट्स आती है। प्रेजेंट में

बिजली की बदतर सप्लाई की वजह से बैटरी चार्जिंग नहीं पकड़ पा रही है। इसकी वजह से बैटरी डाउन हो जा रही है। बैटरी को फुल चार्जिंग के लिए 12 घंटे की कांटीन्यू बिजली की आवश्यकता होती है।

बचा सकते हैं battery की life

शॉप ओनर्स की मानें तो बैटरी फुल चार्ज नहीं होने की स्थिति में बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। बैटरी डीप डिस्चार्ज ना हो जाए, इसके लिए जरूरी है कि कम लोड डालकर बैटरी का यूज किया जाए। वहीं बैटरी को चार्ज करने के लिए सोलर सिस्टम भी बेस्ट ऑप्शन है पर यह कॉस्टली है। प्रति बैटरी सोलर सिस्टम के लिए मिनिमम 12,000 रुपए खर्च करने पड़ते हैं।

'वोल्टेज कम या ज्यादा होने से इंवर्टर के सर्किट व मासपिट में प्रॉब्लम आती है। इसकी वजह से चार्जिंग प्रॉब्लम आने लगती है। बैटरी चार्जिंग की यही कंडीशन अगर ज्यादा दिन रहती है तो एक साल चलने वाली बैटरी 9 मंथ ही चलती है। इससे बहुत ज्यादा प्रॉब्लम हो रही है.'

- शब्बीर उल हसन, शॉप ओनर

'बैटरी से रिलेटेड कंप्लेंट्स काफी बढ़ गई हैं। पहले की अपेक्षा कंप्लेंट्स में कई परसेंट का इजाफा हुआ है। रोज ढेरों कस्टमर्स के आने से हमें भी टाइमली सभी बैटरी सही करने में परेशानी हो रही है। एक बैटरी ठीक नहीं हो पाती, दूसरी आ जाती है.'

- शकील अहमद, शॉप ओनर

'बिजली इतनी कम आ रही है कि नींद ही नहीं पूरी हो रही है। जब भी कम्प्यूटर पर कोई जरूरी काम करना होता है, बिजली ही चली जाती है। इसके अलावा वोल्टेज फल्क्चुएशन के चलते घर के कई बल्ब भी फुक चुके हैं। इस बार ने तो बिजली ने सच में रुला दिया है.'

- अनुज मैसी, सिविल लाइंस

मैंने तो घर में दो इंवर्टर के साथ दो बैटरी लगा रखी है। लेकिन कम बिजली आने की वजह से बैटरी चार्ज ही नहीं हो पा रही है। इंवर्टर होते हुए भी कई बार अंधेरे में रहना पड़ता है।

- अभि मेहता, रामपुर गार्डन

'बिजली नहीं आने से पानी तक की समस्या हो गई है। अगर बिजली आ भी जाती है तो लो वोल्टेज के चलते मोटर ही नहीं चल पाती है। इसकी वजह से बहुत प्रॉब्लम होती है। कई बार इलेक्ट्रिॉनिक इक्प्विमेंट भी फुक  चुके हैं.'

- जगदीश कुमार तिवारी, बदायूं रोड

'घोषित कटौती के बाद भी पूरे दिन बिजली की कटौती हो रही है। ऐसी कंडीशन तो किसी भी दूसरी सिटी में नहीं होगी। हमारी सिटी एक गांव जैसे लगने लगी है। ऑल्टरनेटिव इक्प्विमेंट में एक्स्ट्रा पैसे खर्च करने के बाद भी कोई राहत नहीं मिल रही है.'

- विनोद कुमार, रामपुर गार्डन