बजट लाखों का, मेंटीनेंस सिफर

नॉर्दर्न रेलवे की साउथ ब्लॉक डबल स्टोरी कॉलोनी में 60 मकान हैं। इनमें करीब 400 से ज्यादा लोग रहते हैं। यहां पिछले 6-7 सालों से मेंटीनेंस और रिपेयरिंग का काम नहीं हुआ। उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन ने बताया कि हर साल जोनवाइज इन कॉलोनीज के लिए करीब 20 लाख रुपए का बजट पास होता है, लेकिन सालों से यह बजट सिर्फ कागजों में ही कॉलोनीज की सूरत चमका रहा है। इन बदहाल कॉलोनीज का कभी फिजिकल वैरीफिकेशन नहीं किया गया। तमाम कंप्लेन के बावजूद एडीईएन और डीआरएम ने इंस्पेक्शन भी नहीं किया।

'छतें चटक गई हैं। रोज प्लास्टर की पपड़ी गिरती है। छोटे बच्चों के लिए खतरा बना रहता है। कितनी ही कंप्लेन की गईं, पर कभी सुनवाई नहीं हुई। चटकी छत पर पॉलीथिन बांध कर सीमेंट लगा रहे हैं। खिड़कियां-दरवाजे तक टूटे हैं.'

- निशि कश्यप

'घरों के आगे नालियां जाम हैं। बरसात में घर के अंदर पानी भर जाता है। चारों ओर बस गंदगी फैली है। ऐसे में हमेशा बीमारियों का खतरा बना है। टॉयलेट्स की हालत सबसे ज्यादा खराब है। इससे महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है.'

- सुनीता देवी

'सालों से ऐसी बदहाली देख रहे हैं। अब तो सफाई कर्मचारी भी नहीं आते। हम लोगों को खुद ही सफाई करनी पड़ती हैं। गटर और नालियां चोक पड़ी हैं। बिल्डिंग इतनी बुरी हालत में हैं कि कभी भी गिर सकती हैं। पीने के पानी में गंदगी आ रही है.'

- हाजरा

'टॉयलेट्स बहुत बेकार हालत में हैं। खुद के पैसे से टॉयलेट बनवाने पड़े। अफसरों ने शुरू में थोड़ा बहुत कूड़ा उठवाया था, लेकिन बाद में वो भी फॉर्मेलिटी कर वापस चले गए। कंप्लेन करने पर सुनवाई नहीं की। इस साल ऐसा जलभराव हुआ कि गेहूं और डॉक्यूमेंट्स का नुकसान हो गया.'

-तेजपाल दिवाकर

 

'पिछले 4 महीने में कॉलोनी के हर क्वार्टर का सर्वे किया गया है। डीआरएम से इन कॉलोनीज की मेंटीनेंस के लिए एक्स्ट्रा फंड की मांग की गई है। साथ ही ठेकेदारों के काम को यूनियन से अप्रूवल के बाद ही पेमेंट करने की अपील की है। जल्द ही कॉलोनीज की मेंटीनेंस पर काम नहीं हुआ तो उरमू हड़ताल और आंदोलन करेगी.'

- एचडी शर्मा, शाखा सचिव, उरमू

'रेलवे फोर्थ क्लास इंप्लॉईज की कॉलोनीज की मेंटीनेंस में पहले के अधिकारियों ने जो लापरवाही दिखाई, उसका खामियाजा मुझे भुगतना पड़ा। इन कॉलोनीज का जल्द सर्वे कराया जाएगा। मेंटीनेंस के लिए बजट कम मिलता है। ऐसे में अर्जेंसी के आधार पर कॉलोनीज में काम कराया जाएगा, लेकिन इसमें टाइम लगेगा। अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे दी गई है.'

- आरके कुशवाहा, एडीईएन