- एमयू ने खराब इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच के लिए बनायी कमेटियां

PATNA : मगध यूनिवर्सिटी के अंतर्गत कई ऐसे कॉलेज हैं, जिसका इंफ्रास्ट्रक्चर खराब है। इसके बावजूद वे कॉलेज चला रहे हैं। अब लैब, लाइब्रेरी सहित जिन प्रमुख अहर्ताओं को कॉलेज पूरा नहीं करेंगे, उनके साथ मगध यूनिवर्सिटी सख्ती बरतेगा। यदि मामला गंभीर हुआ तो मान्यता तक जा सकती है। जांच में पास नहीं होने वाले कॉलेजों पर कार्रवाई संभव है। इस बावत मगध यूनिवर्सिटी ने दो जंाच कमेटियों का गठन किया है। कमेटी मान्यता के लिए आवश्यक निर्देशों का मिलान करते हुए मौजूदा संसाधन का विजिट कर रिपोर्ट तैयार करेगा। जानकारी हो कि प्रदेश भर में सबसे अधिक कॉलेज मगध यूनिवर्सिटी से ही मान्यता प्राप्त हैं। लेकिन सुविधाओं की कमी से छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई कॉलेज तो वोकेशनल कोर्स भी चला रहे हैं।

दो कमेटी बनायी गई

कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच के लिए दो कमेटियां बनायी गई है। इसका को-आर्डिनेटर कॉलेज ऑफ कामर्स के प्रिंसिपल डॉ बबन सिंह को बनाया गया है। पहली कमेटी का नेतृत्व वे स्वयं कर रहे हैं। इसमें एएन कॉलेज के प्रो। कमलनाथ मिश्र शामिल हैं। जबकि दूसरी कमेटी का नेतृत्व टीपीएस कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। तपन कुमार शांडिल्य कर रहे हैं। इस कमेटी में जेडी वीमेंस कॉलेज के डी कुमार शामिल हैं। दोनों कमेटियां अलग-अलग जांच करेंगी। एक माह में दोनों कमेटियों को अपनी रिर्पोट तैयार करना है। दोनों अलग-अलग जांच रिपोर्ट तैयार करेगा।

तो कैसे चले वोकेशनल कोर्स

अभी आलम यह है कि पिछले तीन वर्षों से वोकेशनल कोर्स की अनुमति काफी देर से मिलती है। इस वजह से छात्रों को कभी तो दो माह कभी तीन माह लेट हो जाता है। इस स्थिति से कॉलेज और छात्र दोनों ही परेशान हैं। जानकारी हो कि मगध यूनिवर्सिटी हर साल वोकेशनल कोर्स के लिए कॉलेजों को मान्यता प्रदान करता है। इससे यह सवाल सहज ही उठता है कि आखिर कैसे चले वोकेशनल कोर्स।

कॉलेज की स्थिति बदतर

सूत्र बताते हैं कि कई कोर्स कॉलेजों द्वारा चलाये जा रहे है, जिसकी अनुमति राजभवन ने दी ही नहीं है। कॉलेज में न तो क्लास रूम है और न ही लैब है। जानकारी के मुताबिक जांच के दायरे में ख्ब् संबद्ध कॉलेजों के साथ-साथ अन्य मान्यता प्राप्त कॉलेजों में कुल भ्म् कॉलेजों की जांच की जाएगी।

राजधानी में ही हालात खराब

अन्य जिलों की कौन कहे, राजधानी पटना में ही स्थिति खराब है। इसके लिए जब यहां के कॉलेजों का जायजा लिया गया तो पता चला कि वोकेशनल कोर्स में एडमिशन पढ़ाई जो कर रहे छात्र-छात्राएं, उनके साथ एक अलग ही समस्या है। कोर्स को अपडेट नहीं किया जा रहा है। इसके कारण कोर्स के डिग्री हासिल होती है लेकिन नौकरी पाने में यह काम नहीं आ रही है। एएन कॉलेज में एमबीए के सैंकड़ों छात्रा-छात्राएं परेशान हैं। यहां के छात्रों का कहना है कि कोर्स का कभी अपडेशन नहीं किया जाता है। इसके अलावा इंडस्ट्री में इसकी पहुंच बेहतर हो इसके लिए कॉलेज या यूनिवर्सिटी के पास कोई प्लान नहीं है। इससे एमबीए, बीबीए, एमसीए आदि कोर्सेज के छात्र परेशानी में हैं। जेडी वीमेंस कॉलेज में कमोबेस यही स्थिति है। इसके अलावा यहां के दर्जन भर कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने वोकेशनल कोर्स के नाम पर धंधा बना रखा है। फीस को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं होती है।

इस जांच में संबंधित कॉलेज का चयन किया गया है। जांच तय गाइडलाइन के आधार पर किया जाएगा। जैसे कितनी क्लास रूम, किस स्टैंडर्ड की लैब आदि होनी चाहिए।

- डॉ बबन सिंह, जांच कमेटी के को आर्डिनेटर