बूंदों ने किया सड़कों का बेड़ा गर्क

महज दो दिनों की बारिश ने अपने सिटी के उन सारे विभागों को उनकी औकात दिखा दी, जिन पर शहर को मेंटेन रखने की जिम्मेदारी है। नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, वीडीए और जलकल, सभी नंगे हो गए इस दो दिन की बरसात में। दो दिनों तक हुई बारिश के बाद बिगड़ी अपनी शहर की सड़कों की सूरत ये बताने के लिए काफी है कि हम कुदरत के तोहफे को कबूल करने की कितनी हैसियत रखते हैं। सिटी का हर वो इलाका जहां प्रशासन ने पिछले दिनों हुई खोदाई के बाद जल्दबाजी में पैचवर्क करा खानापूर्ति कर दी थी, उन सब इलाकों की सड़कें इस कदर उखड़ी हैं मानो यहां सड़क बनाने के लिए अभी तुरंत गिट्टी डाली गई हो।

हर ओर दिख रही है बदहाली

सिटी का कोई भी इलाका ले लीजिये, सड़कों का हाल बद से बदतर हो चुका है। वजह सिर्फ एक है। बेमौसम हुई बरसात। दो दिनों तक हुई बारिश के बाद अब पूरा शहर गंदगी और कीचड़ से बजबजा रहा है। नालियां और सीवर ओवरफ्लो कर रहे हैं। शहर के अधिकतर इलाकों की सड़कें खस्ताहाली के चलते अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं। ये हाल सिर्फ किसी एक इलाके का नहीं बल्कि शहर के चौक, गोदौलिया, लक्सा, सिगरा, महरमूरगंज, रथयात्रा, जगतगंज, कैंट, लहुराबीर समेत हर उस इलाके का है जहां पिछले दिनों सड़कों को दुरुस्त करने के नाम पर लाखों रुपये खर्च किये गए हैं।

पुरानी खस्ताहाल, नई भी बेहाल

अगर आप ये सोच रहे हैं कि बारिश के चलते शहर के उन इलाकों की सड़कें ही बिगड़ी हैं जहां पैचवर्क हुआ था, तो आप गलत हैं। सड़कों की बदहाली का हाल उन इलाकों में भी है जहां रोड्स को नये सिरे से तैयार किया गया है। इनमें वो सड़कें शामिल हैं जिनको पिछले दिनों बौद्ध कॉन्क्लेव और बीएचयू कन्वोकेशन में राष्ट्रपति के कार्यक्रम से पहले नये सिरे से बनाया गया था। इनमें मिंट हाउस से नदेसर अंधरापुल तक, पाण्डेयपुर से पुलिस लाइन होते हुए गोलघर चौराहे तक। लहुराबीर चौराहे से नई सड़क होते हुए गिरजाघर चौराहे तक की रोड्स के अलावा कई सड़कें शामिल हैं। इन सड़कों को उस वक्त जल्दीबाजी में बिल्कुल फिट कर दिया गया था लेकिन महज दो दिन की बारिश ने इन सड़कों की सूरत को इस कदर बिगाड़ा है कि इनको देख कोई भी ये कह ही नहीं सकता कि दो महीने पहले नये सिरे से ये सड़कें बनाई गई थीं।

क्या होगा हाईकोर्ट में?

अपने बदहाल बनारस की बदहाली को दूर करने के लिए पिछले दिनों सामाजिक संस्था ने जब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने सिटी की बदहाल सड़कों को दुरुस्त करने का आदेश प्रशासन को दिया। इस आदेश के बाद प्रशासन एक्टिव हुआ और शहर की लगभग 50 से ज्यादा सड़कों पर पैचवर्क कराकर कोर्ट में ये कहा कि अब सड़कें दुरुस्त हैं। इसके लिए प्रशासन ने कोर्ट में शपथपत्र भी दाखिल किया था। लेकिन दो दिनों की बारिश के चलते सिटी के उन सभी इलाकों की सड़कों का बुरा हाल है जिनको प्रशासन ने कोर्ट की फटकार के बाद दुरुस्त करा लिये जाने का दावा किया था। लेकिन अब देखना ये होगा कि अगली सुनवाई में सामाजिक संस्था की ओर से सड़कों की बदहाली की रिपोर्ट कोर्ट के सामने फिर से पेश किये जाने के बाद कोर्ट प्रशासन को क्या कहता है।

अभी ये हाल है तो आगे क्या होगा?

ये सवाल बड़ा है क्योंकि लगातार दो दिन हुई बारिश के चलते शहर की अधिकांश सड़कों की हालत खस्ता हो गई है। ये हाल तब है जब बारिश ने बेमौसम दस्तक दी है जबकि अभी गर्मी के बाद बारिश का पूरा सीजन बाकी है। इसलिए पब्लिक के मन में ये सवाल बार बार कौंध रहा है कि जब ठंड की एक बारिश ने लाखों रुपये की लागत से बनी इन सड़कों का ये हाल कर दिया तो बारिश के सीजन में तो गड्ढों वाली सड़कें खड्ड न बन जाएं।

कोढ़ में खाज बनी खोदाई

दो दिनों तक हुई बारिश ने एक ओर जहां सिटी की सड़कों पर गाडिय़ों से तो दूर पैदल चलने लायक भी नहीं छोड़ा है। वहीं कई इलाकों में ड्रेनेज और वॉटर सप्लाई के लिए चल रही खोदाई ने आग में घी का काम किया है। लहुराबीर समेत हुकुलगंज और वरुणापार के कई इलाकों में खोदाई के बाद रोड्स पर पड़ी मिट्टी लोगों को गिरा पड़ा रही है। वहीं खोदाई के चलते इन इलाकों के आसपास की सड़कें भी बुरी कंडीशन में पहुंच गई हैं।

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दो दिन की बारिश से ये पता चल गया है कि प्रशासन ने शहर की सड़कों के लिए क्या काम किया था। अच्छा है कम से कम प्रशासन के काम की सच्चाई तो सामने आ गई है।

अब्दुल कैश, कमच्छा

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बेमौसम हुई बारिश के बाद प्रशासन के दावों की पोल खुल गई है। प्रशासन ने ये कहा था कि अब सड़कें दुरुस्त हैं, चलने लायक हैं लेकिन भगवान ने बारिश कराकर प्रशासन को उसका असल चेहरा दिखा दिया है।

शिवकुमार तिवारी, पाण्डेयपुर

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शहर की सड़कें पहले से ही खराब थीं। बची खुची कसर दो दिन की बारिश ने निकाल दी है और सच सामने आ गया है, प्रशासन के उस दावे का जो उसने कोर्ट के आगे सड़कों को दुरुस्त करा लिये जाने को लेकर किया था।

अजीत कुमार, बीएचयू

ऐतिहासिक है फरवरी की ये बरसात

Varanasi: बनारस में शनिवार सुबह 8.30 बजे से रविवार सुबह 8.30 बजे तक हुई बरसात ने एक इतिहास रच दिया है। 24 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा बारिश का इतिहास। ऐसा नहीं कि ये बनारस के लिए कोई नया रिकॉर्ड हो या बनारस में फरवरी के महीने में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड टूटा हो। मगर सच ये है कि पिछले 10 सालों में ये दूसरा मौका है जब फरवरी के महीने में 24 घंटों के दौरान इतनी ज्यादा बारिश हुई। रविवार को पिछले चौबीस घंटों की बरसात 44.2 मिमी रिकॉर्ड की गयी। इससे पहले 19 फरवरी 2003 को भी 44.2 मिमी रिकॉर्ड बारिश हो चुकी है। वैसे बनारस में फरवरी के महीने में आल टाइम रिकॉर्ड 49.4 मिमी का है जो 12 फरवरी 2002 को दर्ज हुआ था। इस बार बारिश के चलते मौसम में काफी बदलाव आ चुका है। रविवार को मौसम कुछ खुलने से खिली धूप भी निकली।