- अभी तक नहीं हो पाई शहर की सड़कें गड्ढामुक्त

- निकाय चुनाव में छाया खस्ताहाल सड़कों का मुद्दा छाया

- अब शासन ने मांगा गड्ढामुक्त सड़कों का प्रमाण

Meerut। नगर निगम चुनाव मे नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद शहर में मुद्दों को लेकर चर्चा तेज हो गई है शहरवासियों की माने तो इस बार चुनाव में सड़क का मुद्दा हावी रहेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बावजूद सड़कों की हालात ठीक नहीं हुई है। नगर निगम, एमडीए व पीडब्ल्यूडी ने महज पैचवर्क करके सड़कों को गड्ढामुक्त करने की खानापूर्ति कर दी है।

शहरवासियों में नाराजगी

शहर की खस्ताहाल सड़कों को लेकर शहरवासियों में खासी नाराजगी है। यही नहीं इस बार चुनाव में भी सड़क के मुद्दे पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। लोगों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

अब सरकार ने मांगा प्रमाण

शहर की सड़कों को गड्ढामुक्त करने का प्रमाण सरकार ने मांगा है। सरकार के आदेश आते ही नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और एमडीए ने सड़कों की फोटोग्राफी शुरू कर दी है।

वर्जन

शहर की सड़कें तो हमेशा खराब रहती हैं। कमीशन के चक्कर में सरकारी विभाग अच्छी सड़क बनाते ही नहीं है। किसी भी सड़क की चेकिंग करा दी जाए तो अपने पोल खुल जाएगी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करता है।

शैलेंद्र चौहान

मुख्य सड़कों को तो पैच वर्क कर ठीक कर दिया। लेकिन मोहल्लों की सड़क तो एक भी ठीक नहीं की है। मोहल्लों की सड़के वैसी की वैसी ही हैं। कई बार सड़क निर्माण के लिए कह चुके हैं। लेकिन अभी तक सड़क ठीक नहीं हुई है।

अशोक मित्तल

सरकारी विभागों ने एक नया काम शुरू किया है। डेंस की सड़कों को तोड़कर टॉयल्स लगाने का काम शुरू कर दिया है। लेकिन वह भी काम ठीक से नहीं करते हैं। कुछ दिन में ही टॉयल्स की सड़क में कहीं गड्ढा तो कहीं ऊंची हो जाती हैं।

आशीष सिसौदिया

सड़क बनाने के मानक पर कोई काम नहीं करता है। केवल कमीशन का खेल होता है। यही कारण है कि कोई भी सड़क ज्यादा नहीं चलती है। कोई सड़क को एक साल कई बार बन जाती है तो कोई सड़क सालों तक ऐसी ही पड़ी रहती हैं।

नीरज तोमर