प्रोफाइल
नाम - नाजिम पुत्र नन्हें
निवासी - म.नं। 306/2 आशियाना कॉलोनी
थाना - लिसाड़ी गेट
शिक्षा - पांचवी पास
काम - कपड़ों पर कढ़ाई
असली काम - बैंक एकाउंट से रुपए ठगना

कहते हैं कि दिमाग अधिक पढ़े लिखे में ही नहीं होता, बल्कि कम पढ़े लिखे में भी होता है। इसका इस्तेमाल कौन किस तरह करता है इस पर डिपेंड करता है। एक पांचवीं पास युवक पढ़े लिखों को बेवकूफ बनाकर उनके पैसे ठगने में लगा है। इसके साथी भी अधिक पढ़े लिखे नहीं हैं, लेकिन इंटरनेट के माहिर खिलाड़ी हैं। जो ई-बैंकिंग करने वालों के एकाउंट हैक करते हैं और उनके रुपए निकालकर साफ निकल जाते हैं। देश के बड़े शहरों में ई-बैंकिंग एकाउंट हैक करने वाले इस गैंग का एक शातिर खिलाड़ी लिसाड़ी गेट पुलिस के कब्जे में आ गया। इसके पास से बड़ी मात्रा में कागजात और एकाउंट नंबर बरामद किए गए हैं.

ये है शातिर खिलाड़ी
लिसाड़ी गेट पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि ई-बैंकिंग के जरिए मुंबई और दूसरे महानगरों की कंपनियों के एकाउंट को हैक करके उनमें से रुपए निकालने वाले गैंग का एक सदस्य बाइक से हापुड़ चुंगी होता हुआ बेगमपुल की तरफ जा रहा है। इस बदमाश को पुलिस ने मंगलवार को करीब चार बजे इस्लामाबाद चौकी के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ हुई तो इसने अपना नाम नाजिम पुत्र नन्हें निवासी आशियाना कॉलोनी बताया। इसके पास से एक बाइक, एक चाकू, चार मोबाइल, आठ सिमकार्ड, कई बैंकों में खोले गए एकाउंट के स्टेटमेंट व फर्जी आईडी और राशनकार्ड, गैंग के सदस्यों के फोटो और मुंबई में ई-बैंकिंग से निकाले गए बाइस लाख का स्टेटमेंट मिला.

इसके अन्य साथी
पुलिस के अनुसार इसके अन्य साथियों में ताजमहल वाली गली इम्लियान थाना कोतवाली का रहने वाला सरगना मेहराज पुत्र खलील, इमरान उर्फ भूरा, आसिफ, हुमायूं नगर लिसाड़ी गेट की नेहा सैफी पुत्री शहीद सैफी, ढबाई नगर गली नंबर सात थाना नौचंदी का अरशद उर्फ शैतान पुत्र मोबीन, मुंबई का सलीम और निखिल सिद्धार्थ कामले शामिल हैं। मेहराज मेरठ के इन सभी शातिरों का सरगना है। जो बारहवीं पढ़ा लिखा है मगर हैकिंग में माहिर है। इंटरनेट का शातिर खिलाड़ी है जो पलक झपकते ही आपके एकाउंट को हैक करके पैसे ट्रांसफर कर देता है.

ऐसे करते हैं खेल
पकड़े गए आरोपी नाजिम के अनुसार उसका दोस्त मेहराज काफी पहले मुंबई चला गया था। वहीं की एक लड़की से शादी भी कर ली। तीन साल पहले वह मेरठ आया था, जिसने नाजिम को बताया था कि वह मुंबई में अपने दोस्त सलीम, निखिल सिद्धार्थ कामले उर्फ चंदू और कई अन्य के साथ मिलकर ई-बैंकिंग के जरिए कंपनियों के एकाउंट हैक करके पैसे निकालता है। इसके बाद उसने इमरान उर्फ भूरा, आसिफ, अरशद उर्फ शैतान व नेहा सैफी को बताया। सभी लोगों को इसके पूरे गुर सिखाए.

तैयार हो गई कंपनी
नाजिम के अनुसार इस काम में दो तरह से काम होता है। एक टीम बड़े अलग-अलग शहरों में बड़ी-बड़ी कंपनियों के एकाउंट को हैक करती है। दूसरी टीम घटना स्थल से दूर छोटे शहरों में जाकर फर्जी पैन कार्ड, आईडी कार्ड और रेंट एग्रीमेंट के जरिए विभिन्न बैंकों में फर्जी एकाउंट खुलवाते हैं। एकाउंट खुलने के बाद एक दो महीने लगातर उसमें पैसे डालते हैं और निकालते हैं। नियमित खाताधारक बनकर फिर एक दिन दूसरे का एकाउंट हैक करके ई-बैंकिग के माध्यम से उसमें पैसे डालते हैं। ये लोग ज्यादा से ज्यादा एमाउंट तुरंत निकाल लेते हैं। क्योंकि अगले दिन शिकायत होने पर एकाउंट सीज हो जाता है.