देहरादून: उत्तरकाशी गंगोत्री हाईवे पर असी गंगा पर बना पुल (बेली ब्रिज) संडे को धराशायी हो गया। पुल टूटने से गंगोत्री घाटी के 45 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। प्रशासन और सीमा सड़क संगठन की संयुक्त टीम पुल टूटने के कारणों की जांच कर रही है। बीआरओ द्वारा वैकल्पिक मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इससे पहले भी यह पुल दो बार टूट चुका है।

 

18 टन थी पुल की क्षमता

उत्तरकाशी से पांच किलोमीटर दूर भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल संडे को सुबह साढ़े दस बजे तीसरी बार टूट गया। असी गंगा नदी पर बना यह पुल इससे पहले दिसंबर में भी टूट गया था। पांच साल पुराने इस पुल के टूटने का कारण ओवरलोडेड ट्रक गुजरने को बताया गया था। तब बीआरओ ने जनवरी में 57 मीटर लंबा नया पुल तैयार किया। इसकी क्षमता पहले वाले पुल की तरह 18 टन थी। डीएम डॉ। आशीष चौहान के मुताबिक पुल टूटने से पहले इससे ट्रक गुजरा था और पुल टूटने के दौरान एक किशोर भी वहां था, जिसने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। सूचना मिलने पर आनन-फानन में प्रशासन और बीआरओ के अफसर मौके पर पहुंचे। बीआरओ के कमांडर सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि पांच बड़े पाइप डालकर नदी से ही वैकल्पिक मार्ग का निर्माण किया जा रहा है।

 

प्रशासन और बीआरओ की टीम कर रही जांच

मंडे दोपहर तक यातायात बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नया पुल मई प्रथम सप्ताह तक बनकर तैयार होगा। बीआरओ के मुख्य अभियंता एएस राठौर ने बताया कि नए पुल की क्षमता बढ़ाकर 30 से 40 टन की जाएगी। इसके अलावा स्थायी पुल का निर्माण कार्य भी चल रहा है। स्थाई पुल तैयार होने में अभी करीब दो साल का वक्त और लगेगा। डीएम के मुताबिक प्रथम दृष्टया में पुल टूटने का कारण तकनीकी खामी लग रही है। प्रशासन और सीमा सड़क संगठन की संयुक्त टीम द्वारा द्वारा पुल टूटने के कारणों की जांच की जा रही है। यह टीम सात दिन में जांच कर रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेगी।

 

3 अगस्त 2012 को बाढ़ में बह गया था स्थाई पुल

असी गंगा नदी में 3 अगस्त 2012 को आई जबरदस्त बाढ़ में गंगोत्री हाईवे पर बना स्थायी पुल बह गया था। इसके स्थान पर सेना व बीआरओ ने बेली ब्रिज बनाया। इसके बाद से इसी पुल पर यातायात व्यवस्था निर्भर करती है। बेली ब्रिज के टूटने से उत्तरकाशी जनपद के भटवाड़ी ब्लॉक के असी गंगा, उपला टकनौर, नाल्ड कठूड़ पट्टी के करीब 45 गांवों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। इसके साथ ही सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भारत-चीन सीमा पर नेलांग, नागा, सोनाम, जादूंग, सुमला, नीला पानी, मेंडी स्थित सेना व भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की चौकियों से भी संपर्क कट गया है।

 

तीसरी बार धराशायी हुआ पुल

- 3 अगस्त 2012 को असी गंगा में आई जबरदस्त बाढ़ में गंगोत्री हाईवे पर बना स्थाई पुल बह गया

- 14 दिसंबर 2017 को दूसरी बार धराशायी हुआ पुल (बेली ब्रिज), ओवरलोडेड ट्रक का पुल से गुजरना बताया गया कारण

- 1 अप्रैल 2018 को तीसरी बार टूटा पुल

- स्थाई पुल का चल रहा निर्माण कार्य, स्थाई पुल के तैयार होने में अभी करीब दो साल का इंतजार

- असी गंगा में पांच बड़े पाइप डालकर वैकल्पिक मार्ग तैयार कर रहा है बीआरओ, मंडे से शुरू होगी आवाजाही

- मई के प्रथम सप्ताह तक बेली ब्रिज के निर्माण का किया जा रहा है दावा, 30 टन से बढ़ाकर 40 टन की जाएगी पुल की क्षमता