पाई-पाई का हिसाब लेने के लिए उठाए जाएं सख्त कदम

ब्लैकमनी के खात्मे और भ्रष्टाचार पर रोक के लिए नोटबंदी कितनी कारगर पर आए गई सुझाव

ALLAHABAD: बड़ी नोटों पर पाबंदी के बाद और वे क्या कदम हो सकते हैं, जिससे भ्रष्टाचार का पूर्ण खात्मा संभव है। काला धन पूरी तरह से बाहर आ जाएगा। क्या नोटबंदी से काला धन पूरी तरह से मार्केट से आउट हो जाएगा? इन मुद्दों पर राय जानने के साथ और क्या वे कदम हो सकते हैं जिससे भ्रष्टाचार का पूर्ण खात्मा हो सकता है? पर बात करने के लिए शनिवार को आई नेक्स्ट ने युवाओं की राय जानने की कोशिश की। खुलकर बहस हुई जिसमें तमाम सुझाव भी आए।

सबकी पहचान हो उजागर

डिबेट में युवाओं ने कहा कि ट्रांसपैरेंट और फ्लैक्सिबल सिस्टम जरूरी है। इसके लिए कई तरह के प्रतिबंध भी लगाने होंगे। लेकिन, कानून या सरकार की सफलता इसमें निहित है कि उसका लाभ अग्रिम श्रेणी में खड़े लोगों को न मिलकर अंतिम व्यक्ति को मिल रहा है या नहीं। कहा कि सरकार को यह ध्यान रखना होगा कि वह हर चीज में सेंसरशिप लगाने से बचे और सुविधाजनक तरीके से लोगों के बीच आनेस्टी का एजेंडा लागू करे। युवाओं ने कहा कि अब समय आ गया है कि पाई पाई का हिसाब होना चाहिये। इसके लिए आधार नम्बर और पैन नम्बर के अधिकतम उपयोग को बढ़ाने पर जोर देना चाहिये। कहा कि कोई भी चीज ढकी छुपी नहीं होनी चाहिये। प्रत्येक चीज की पहचान उजागर रहना चाहिये।

ये कदम भी उठाए जाने चाहिए

भारत सरकार एक तिथि का निर्धारण करे। जिसके अंदर सभी तरह की ज्वैलरी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो।

एक निर्धारित अमाउंट से ज्यादा की ज्वैलरी पर टैक्स लगाया जाये।

इसके बाद भी कोई बिना रजिस्ट्रेशन वाला सोना रखता है तो उसे जब्त करके अर्थदंड वसूला जाये।

ज्वैलरी व्यवसायी जो भी सोना खरीदें और बेचें, उसकी रसीद पर आधार एवं पैन कार्ड नम्बर अंकित करें और उसकी एक कॉपी सेल टैक्स डिपार्टमेंट को मेल करें ताकि ट्रांसपेरेंट निगरानी हो

सरकार एक वेबसाइट बनाये, जिसपर ऑनलाइन इसे रजिस्टर करने की सुविधा हो। ऐसा नहीं करने वालों की जांच की जाये।

जमीन की रजिस्ट्री पेपर को आधार कार्ड और पैन कार्ड से लिंक किया जाये। आधार से लिंक न करायी जाने वाली प्रापर्टी को अवैध घोषित करके जब्त किया जाये

5000 रुपये से ऊपर के किसी भी सामान की खरीद या बिक्री के लिए आधार या पैन नम्बर अनिवार्य हो

नब्बे के दशक से आज तक जितने भी मकान खरीदे गये हैं। उनके मालिक जहां सालाना टैक्स जमा करते हैं। वहां आधार नम्बर एवं पैन नम्बर दर्ज करवायें।

वर्ष 2000 के बाद से जितने भी वाहन खरीदे गये हैं। उनके मालिक आरटीओ ऑफिस जाकर आधार एवं पैन नम्बर लिंक करवायें।

ज्वैलरी का रजिस्ट्रेशन और एक निर्धारित मूल्य के बाद टैक्स अदायगी अच्छा सुझाव है। इससे समृद्ध तबके के लोगों की जेब से छोटा हिस्सा सरकारी राजस्व में जायेगा।

सुनील पटेल

जमीन हो, मकान हो या कोई अन्य चीज हर संभव चीजों को आधार और पैन नम्बर से जोड़ना चाहिये। इससे कोई चीज छिपी नहीं रह पायेगी।

शंकर दत्त तिवारी

गोल्ड पर रिस्ट्रिक्शन का एक खतरा भी हो सकता है। इससे बड़े लोग भारी भरकम मुद्रा की तरह सोना भी विदेशों में रख सकते हैं।

शिवम सिंह

एग्रीकल्चर लैंड को लेकर विवाद बहुत ज्यादा है। लेकिन, जिन जमीनो और मकान मालिकों की पहचान कलेक्ट की जा सकती है। उसका ब्यौरा जुटाना जरूरी है।

अरुण कुमार सिंह सूर्यवंशी

5000 रुपये से अधिक के सामानो की खरीद और बिक्री का डाटा अधिकृत रूप से होना चाहिये। किसने क्या खरीदा? यह पता होना जरूरी है।

विपिन मिश्रा

स्वर्ण की खरीद फरोख्त का ऑनलाइन डाटा रखना अच्छा कदम होगा। इससे पब्लिक, दुकानदार और अफसर सभी की जवाबदेही तय होगी।

रितेश रघुवंशी

नियम बनाना आसान है। नियमों को फालो करना मुश्किल काम है। ऐसे में यह सरकार और नागरिक दोनों की जिम्मेदारी है कि वे ज्यादा से ज्यादा सभ्य और जवाबदेह बनें।

रामबाबू