-सरधना के मिशनरी स्कूल में छात्राओं के हाथ से उतरवाया कलावा

-¨हदू समाज की छात्राओं से धार्मिक भेदभाव पर भड़के बजरंगी

Sardhana : ये क्या हो रहा है? शिक्षा को धर्म से जोड़कर मुख्य उद्देश्य से भटकाने का प्रयास कहीं सांप्रदायिक ताकतों का कुचक्र तो नहीं? अभी दो दिन पहले शामली के झिंझाना में एक स्कूल में मुस्लिम बच्चों ने स्कूल का लोगो लगी ड्रेस पहनने से इसलिए मना कर दिया कि उसमें मां सरस्वती की तस्वीर दिखाई दे रही है तो वहीं गुरुवार को सरधना का एक मामला प्रकाश में आया है। यहां सेंट जोजफ ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में स्कूल प्रशासन ने ¨हदू छात्राओं के हाथ पर बंधे कलावे को उतरवाते हुए इसे पाबंद कर दिया है। क्या वेस्ट में कम्यूनल का टारगेट अब स्कूल हैं?

परिजनों से मिली जानकारी

सरधना के प्रसिद्ध सेंट जोजफ स्कूल ने एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए छात्राओं के हाथ में बंधा कलावा उतरवा दिया। छात्राओं ने परिजनों को इस बाबत बताया तो परिजन भविष्य की चिंता कर चुप रहे। कई दिनों से स्कूल प्रशासन द्वारा इस संबंध में कड़ाई बरती जा रही थी। कुछ जागरूक परिजनों ने चर्चा की तो कस्बे में विरोध के स्वर उठने लगे। सरधना निवासियों का आरोप है कि स्कूल हिंदुओं की धार्मिक आस्था पर प्रहार कर रहा है। हाथ में कलावा बांधना ¨हदू समाज का प्रतीक चिह्न है, ऐसे में समाज के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

बजरंगियों ने किया विरोध

प्रकरण की जानकारी पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रकट करते हुए स्कूल को ज्ञापन सौंपा। यहां स्कूल प्रशासन ने दलील दी कि यह ड्रेस कोड का हिस्सा नहीं है, जिसपर कार्यकर्ताओं ने मांग की कि धार्मिक मसले पर लिया गया फैसला सभी धर्मो की छात्राओं और शिक्षिकाओं पर भी लागू होना चाहिए। ¨हदू छात्राओं के साथ धार्मिक भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर अपनी बच्चियों के भविष्य को देखते हुए अभिभावक संवेदनशील मसले पर सामने आने से कतरा रहे हैं।

मैं फिलहाल बाहर हूं, मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। वापस आकर देखूंगी कि क्या मामला है। वैसे हमारे स्कूल में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता। स्कूल 165 वर्ष से संचालित है। इस तरह का भेदभाव होता, तो स्कूल इतने वर्षो तक कैसे चलता?

-सिस्टर मीना नायडू, प्रिंसिपल, संत जोजफ ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

ये कहते हैं मिशनरीज

सच्चाई तो ये है कि बच्चों के लिए स्कूलों में ड्रेस कोड मैटर रखता है। ड्रेस के अलावा किसी भी तरह का आर्नामेंट या कुछ और पहनना एलाउड नहीं है।

मिर्जा शेख, स्पोर्ट्स इंचार्ज

सोफिया ग‌र्ल्स स्कूल

मुझे अभी इस फरमान के बाबत जानकारी नहीं है, ऐसे में कुछ भी बयान देना जल्दबाजी होगी।

ब्रदर बाबू वर्गीज, प्रिंसिपल, सेंट मेरीज स्कूल

यदि कोई बच्चा फ्रेंडशिप बैंड या फैशनेबल पहनकर आता है तो हम रोक लगाते हैं, कलावा धार्मिक आस्था से जुड़ा है, इसे नहीं उतरवा सकते।

चंद्रलेखा जैन, प्रिंसिपल, सेंट जॉन्स स्कूल

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इंग्लिश स्कूलों ने भी की मुखालफत

ये पेरेंट्स और बच्चों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा सवाल है। किसी स्कूल को ऐसा नहीं करना चाहिए।

एचएम राउत, प्रिंसिपल, दीवान पब्लिक स्कूल

चाहें अंगूठी हो या मौली, ऐसे किसी भी धार्मिक प्रतीक पर रोक नहीं लगानी चाहिए। यह सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है।

मधु सिरोही, प्रिंसिपल, एमपीजी स्कूल

धार्मिक प्रतीक पर यूं ही कोई स्कूल पाबंदी नहीं लगा सकता है, यदि ऐसा हुआ है तो ये गलत है।

प्रेम मेहता, प्रिंसिपल, सिटी वोकेशनल स्कूल

सियासत में भी हलचल

गवर्नमेंट स्कूल द्वारा हाथ में कलावा पर प्रतिबंध लगाना अनुचित है। यह व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रहार है।

लक्ष्मीकांत बाजपेयी, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

स्कूल में इस तरह का प्रतिबंध धर्म को बांटने वाला है। ऐसे लोग सांप्रदायिक दंगों को जन्म देते हैं। ये प्रतिबंध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

संगीत सोम, विधायक, सरधना

शिक्षा और शिक्षण संस्थान धार्मिक भावनाओं से प्रेरित नहीं हो सकती। इस तरह का प्रतिबंध अनुचित है।

सत्यप्रकाश अग्रवाल, विधायक, मेरठ कैंट

शिक्षा के मंदिर को सांप्रदायिकता भड़काने का माध्यम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। धार्मिक प्रतीक पर प्रतिबंध देशद्रोह की श्रेणी में आता है।

रवींद्र भड़ाना, विधायक, मेरठ पश्चिम

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रक्षाबंधन आ रहा है। भाई, की कलाई पर बहन धागा बांधेगी। क्या उसे भी स्कूल उतरवा देगा। ये सरासर गलत है। किसी भी धर्म के प्रतीक को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए।

मोहम्मद अब्बास

दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री

भारत में सभी धार्मिक भावनाओं को तरजीह दी गई है। इस तरह के मामले में यह स्कूल प्रबंधन का बेतुका फरमान है। प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।

जयवीर सिंह, सपा जिलाध्यक्ष

मेरे संज्ञान में इस तरह का मामला नहीं है। मैं पहले पूरी घटना की जानकारी करता है इसके बाद ही कोई टिप्पणी की जा सकती है।

योगेश वर्मा, पूर्व विधायक बसपा