चला था पापा की बैंड बजाने


Allahabad: दोपहर के तीन बजे रहे थे। फोन की घंटी बजी। प्रवीण की मां ने फोन रिसीव किया। हेलोहां, जरा ध्यान से सुनोकौन बोल रहा हैप्रवीण की मां बोल रही हैंहां, आप कौनसुनो प्रवीण हमारे कब्जे में हैउसकी जिन्दगी की हिफाजत चाहती हो तो पांच लाख रुपए का इंतजाम कर लोशाम को यमुना पुल पर पैसे पहुंचा देना। वहां पर मेरा आदमी मिलेगा। गलती से भी इसकी जानकारी पुलिस को दी तो.समझ गई नहेलो हेलोफोन डिस्कनेक्ट. 
कॉल करने वाला कौन था यह तो किसी को उस वक्त पता नहीं था लेकिन कॉल को रिसीव किया था बिजनेसमैन प्रवीण की मां ने। फोन पर बेटे को लेकर इस्तेमाल की गई लैंग्वेज और बेटे के बारे में दी गई सूचना से उनका माथा घूम गया। उन्होंने तुरंत अपने पति को कॉल के बारे में बताया। फोन करने वाला प्रवीण के मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था, यह जानकार पिता भी सन्नाटे में आ गए। बहरहाल उन्होंने इस सूचना को गोपनीय नहीं रखा और खुल्दाबाद थाने को सूचना दे दी। मामला गंभीर था। एसएसपी ने क्राइम ब्रांच को लगा दिया। मंडे को जब क्राइम ब्रांच ने इस किडनैपिंग केस का खुलासा किया तो सभी दंग रह गए। पता चला कि प्रवीण ने खुद ही अपनी किडनैपिंग का ड्रामा रचा था। एसपी क्राइम अरुण पाण्डेय ने मंडे को पुलिस लाइन में इस फेक किडनैपिंग ड्रामे के बारे में मीडिया को बताया। पुलिस ने आरोपी प्रवीण और उसके साथी को माफी देने से इंकार कर दिया. 

बड़े पिताजी थे target

प्रवीण केशरी, हिम्मतगंज एरिया का रहने वाला है। वह दवाओं का होल सेल बिजनेस करता है। उसकी शॉप लीडररोड पर है। घर में उसकी वाइफ, बच्चे और पैरेंट्स हैं। प्रवीण के पिता शंकर लाल एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर हैं। उसके दोनों बड़े भाई जॉब करते हैं। प्रवीण के बड़े पिता राम प्यारे केशरी पूरे परिवार की जिम्मेदारी शुरू से निभा रहे हैं। वह रेलवे से रिटायर्ड हैं। उनकी कोई औलाद नहीं है। प्रवीण उनसे रुपए एंठने के लिए दो महीने से प्लानिंग कर रहा था.

पहले मांगी थी 8 लाख की रंगदारी

पुलिस ने बताया कि प्रवीण के साथ उसकी शॉप पर मो। शरीफ का बेटा सोनू जॉब करता है। कुछ महीनों से प्रवीण को बिजनेस में नुकसान हो रहा था। वह हर हाल में ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की सोच रहा था। उसने सोनू की मदद से फर्जी आईडी से एक नया सिम कार्ड मंगाया। प्रवीण ने अपने बड़े पिता को फोन किया और आठ लाख रुपए की रंगदारी मांगी। यह आइडिया फेल हो गया तो उसने दोबारा फोन किया और धमकी दी कि रुपए नहीं मिले तो प्रवीण को जान से मार देंगे. 

एक idea fail तो दूसरे पर काम

अपने बड़े पिता को फोन करवाते समय वह खुद भी वहीं रहता था ताकि किसी को उस पर शक न हो। लेकिन, पहले आइडिया पर दाल नहीं गली तो प्रवीण ने दूसरा तरीका अपनाया। 21 सितंबर को सोनू के साथ मिलकर उसने एक नया प्लान बनाया। प्रवीण दोपहर में लंच करने के लिए शॉप से घर के लिए निकला। लेकिन, घर नहीं पहुंचा। करीब तीन बजे उसके मोबाइल से उसकी मां को फोन आया कि प्रवीण उनके कब्जे में है। जिन्दा देखना चाहते हो तो पांच लाख  रुपए दे दो। मजेदार बात यह थी कि प्रवीण अपने मोबाइल से खुद ही आवाज बदलकर कॉल कर रहा था. 

आखिर कार दर्ज हुआ मामला

किडनैपिंग की सूचना के बाद फैमिली मेम्बर्स परेशान थे। धमकी देने वाला बार-बार प्रवीण के मोबाइल से कॉल कर रहा था और प्रवीण से भी घर वालों की बात कराई। प्रवीण ने भी फोन पर यही कहा कि, प्लीज मुझे बचा लो। ये लोग मुझे मार डालेंगे। इतना कुछ होने के बाद प्रवीण के घर वालों ने खुल्दाबाद थाने में कंप्लेन की। एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने क्राइम ब्रांच को लगाया तो इस टीम ने सर्विलांस की मदद से फोन करने वाले की लोकेशन ट्रेस की। पता चला कि प्रवीण सैदाबाद, छतनाग, जंक्शन, सिविल लाइंस, बस स्टेशन, नैनी, मिर्जापुर रोड और पचदेवरा आदि जगहों पर घूमता रहा। सिम कार्ड का आईडी भी फेक था, ऐसे में उसे ट्रेस करना पुलिस के लिए चैलेंज बन गया. 

सोनू दे रहा था हर खबर 

प्रवीण को पता था कि इस सनसनीखेज घटना के बाद उसके घर वाले पुलिस से कंप्लेन कर सकते हैं। उसने इसकी मानिटरिंग के लिए सोनू को लगा दिया था। सोनू हर पल की सूचना प्रवीण को देता था। सोनू ने प्रवीण को यह भी बता दिया कि उसका मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा दिया गया है। इस बीच क्राइम ब्रांच ने सर्विलांस की मदद से दोनों को ट्रेस कर लिया और यह पता लगा लिया कि मामला क्या है। मंडे को पुलिस ने जोगीवीर तिराहे के पास से प्रवीण और सोनू को अरेस्ट कर लिया। इसमें क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी, एसआई अजय सिंह, एसआई राकेश सिंह, ओम नारायण सिंह और खुल्दाबाद आदि शामिल रहे. 


प्रवीण गायब था। फिरौती मांगी जा रही थी। संवेदनशील मामला था। हमारे लिए यह एक चैलेंज था कि प्रवीण को सही सलामत बचा लिया जाए। क्राइम ब्रांच को इस ऑपरेशन के लिए पांच हजार रुपए का प्राइज दिया जाएगा. 
-उमेश कुमार श्रीवास्तव 
एसएसपी 

 

बड़े पिताजी थे target

प्रवीण केशरी, हिम्मतगंज एरिया का रहने वाला है। वह दवाओं का होल सेल बिजनेस करता है। उसकी शॉप लीडररोड पर है। घर में उसकी वाइफ, बच्चे और पैरेंट्स हैं। प्रवीण के पिता शंकर लाल एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर हैं। उसके दोनों बड़े भाई जॉब करते हैं। प्रवीण के बड़े पिता राम प्यारे केशरी पूरे परिवार की जिम्मेदारी शुरू से निभा रहे हैं। वह रेलवे से रिटायर्ड हैं। उनकी कोई औलाद नहीं है। प्रवीण उनसे रुपए एंठने के लिए दो महीने से प्लानिंग कर रहा था.

पहले मांगी थी 8 लाख की रंगदारी

पुलिस ने बताया कि प्रवीण के साथ उसकी शॉप पर मो। शरीफ का बेटा सोनू जॉब करता है। कुछ महीनों से प्रवीण को बिजनेस में नुकसान हो रहा था। वह हर हाल में ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की सोच रहा था। उसने सोनू की मदद से फर्जी आईडी से एक नया सिम कार्ड मंगाया। प्रवीण ने अपने बड़े पिता को फोन किया और आठ लाख रुपए की रंगदारी मांगी। यह आइडिया फेल हो गया तो उसने दोबारा फोन किया और धमकी दी कि रुपए नहीं मिले तो प्रवीण को जान से मार देंगे. 

एक idea fail तो दूसरे पर काम

अपने बड़े पिता को फोन करवाते समय वह खुद भी वहीं रहता था ताकि किसी को उस पर शक न हो। लेकिन, पहले आइडिया पर दाल नहीं गली तो प्रवीण ने दूसरा तरीका अपनाया। 21 सितंबर को सोनू के साथ मिलकर उसने एक नया प्लान बनाया। प्रवीण दोपहर में लंच करने के लिए शॉप से घर के लिए निकला। लेकिन, घर नहीं पहुंचा। करीब तीन बजे उसके मोबाइल से उसकी मां को फोन आया कि प्रवीण उनके कब्जे में है। जिन्दा देखना चाहते हो तो पांच लाख  रुपए दे दो। मजेदार बात यह थी कि प्रवीण अपने मोबाइल से खुद ही आवाज बदलकर कॉल कर रहा था. 

आखिर कार दर्ज हुआ मामला

किडनैपिंग की सूचना के बाद फैमिली मेम्बर्स परेशान थे। धमकी देने वाला बार-बार प्रवीण के मोबाइल से कॉल कर रहा था और प्रवीण से भी घर वालों की बात कराई। प्रवीण ने भी फोन पर यही कहा कि, प्लीज मुझे बचा लो। ये लोग मुझे मार डालेंगे। इतना कुछ होने के बाद प्रवीण के घर वालों ने खुल्दाबाद थाने में कंप्लेन की। एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने क्राइम ब्रांच को लगाया तो इस टीम ने सर्विलांस की मदद से फोन करने वाले की लोकेशन ट्रेस की। पता चला कि प्रवीण सैदाबाद, छतनाग, जंक्शन, सिविल लाइंस, बस स्टेशन, नैनी, मिर्जापुर रोड और पचदेवरा आदि जगहों पर घूमता रहा। सिम कार्ड का आईडी भी फेक था, ऐसे में उसे ट्रेस करना पुलिस के लिए चैलेंज बन गया. 

सोनू दे रहा था हर खबर 

प्रवीण को पता था कि इस सनसनीखेज घटना के बाद उसके घर वाले पुलिस से कंप्लेन कर सकते हैं। उसने इसकी मानिटरिंग के लिए सोनू को लगा दिया था। सोनू हर पल की सूचना प्रवीण को देता था। सोनू ने प्रवीण को यह भी बता दिया कि उसका मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा दिया गया है। इस बीच क्राइम ब्रांच ने सर्विलांस की मदद से दोनों को ट्रेस कर लिया और यह पता लगा लिया कि मामला क्या है। मंडे को पुलिस ने जोगीवीर तिराहे के पास से प्रवीण और सोनू को अरेस्ट कर लिया। इसमें क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी, एसआई अजय सिंह, एसआई राकेश सिंह, ओम नारायण सिंह और खुल्दाबाद आदि शामिल रहे. 

प्रवीण गायब था। फिरौती मांगी जा रही थी। संवेदनशील मामला था। हमारे लिए यह एक चैलेंज था कि प्रवीण को सही सलामत बचा लिया जाए। क्राइम ब्रांच को इस ऑपरेशन के लिए पांच हजार रुपए का प्राइज दिया जाएगा. 

-उमेश कुमार श्रीवास्तव 

एसएसपी