- कूड़ा उठने में लगेंगे करीब एक वर्ष, खाली ग्राउंड को करेंगे डेवलपमेंट

- ट्यूजडे को अहमदाबाद से बरेली पहुंचे कंपनी के जिम्मेदार, किया निरीक्षण

<- कूड़ा उठने में लगेंगे करीब एक वर्ष, खाली ग्राउंड को करेंगे डेवलपमेंट

- ट्यूजडे को अहमदाबाद से बरेली पहुंचे कंपनी के जिम्मेदार, किया निरीक्षण

BAREILLY:

BAREILLY:

शहर का सबसे बड़ा नरक कहा जाने बाकरगंज ट्रेंचिंग ग्राउंड वेडनसडे से खाली करने के लिए प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मिनी प्लांट लगाए जाने के बाद यहां से कूड़े के पहाड़ को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। ट्यूजडे को अहमदाबाद की अमेजा वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के मैनेजर जेपी सिंह और जितेंद्र बरेली पहुंचे थे। जिन्होंने नगर निगम के अधिकारियों के साथ बाकरगंज से कूड़े को हटाकर प्लांट लगाने की जगह चिह्नित करने पहुंचे। कूड़ा हटने पर मैदान को संवारने के लिए भी कई बड़ी योजनाएं प्रस्तावित हैं।

7भ् परसेंट कूड़ा नहीं खाद है

नगर आयुक्त राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अनुमान के मुताबिक ब्0 वर्षो से डंप हो रहा कचरा का करीब 7भ् परसेंट हिस्सा खाद में तब्दील हो चुका है। कूड़े से पायलोरेसिज मेथड से खाद, मिट्टी और कचरे को अलग किया जाएगा। मिट्टी को हाइवे अथॉरिटी को दिया जाएगा। वहीं, बड़े पैमाने पर निकाली जाने वाली खाद को किसानों को बेचने की योजना है। वहीं, अन्य जरूरतमंदों को भी मिट्टी या खाद बेची जा सकती है। इसके अलावा निकलने वाली पॉलीथिन, लोहे और अन्य कचरा कंपनी अपने हिसाब से इस्तेमाल करेगी।

बनेगी बिजली और हैवी ऑयल

कंपनी के मैनेजर जेपी सिंह ने बताया कि बाकरगंज से कूड़ा हटाने के लिए ब्राजीलियन तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। फरीदपुर में प्रस्तावित सॉलिड वेस्ट प्लांट का जिम्मा भी कंपनी को मिला है। ऐसे में शेष बचे कचरे को बाकरगंज से निकालकर सॉलिड वेस्ट प्लांट में पहुंचाया जाएगा। जहां कचरे से गैस बनाकर पॉवर एनर्जी के जरिए बिजली बनाए जाने की योजना है। बताया कि मिनी प्लांट से बाकरगंज को कूड़ा मुक्त कराना प्राथमिकता में शामिल है। जिसके लिए वेडनसडे को प्लांट लगाने की जमीन तलाशने की प्रक्रिया शुरू होगी।

एनजीटी में चल रहा मामला

बता दें कि बाकरगंज में कूड़े के बढ़ते जा रहे ढेर की वजह से लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। बीमारियों की चपेट में जब निवासी आने लगे तो समाज सेवा मंच के अध्यक्ष नदीम शम्सी ने एनजीटी में नगर निगम के खिलाफ मामला दायर कर दिया। करीब दो वर्षो से मामले पर सुनवाई हो रही है, लेकिन अब तक नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण की कोई ठोस योजना नहीं बन सकी है। जिस पर पिछले माह एनजीटी ने नगर निगम को फटकारा भी था। जिस पर नगर आयुक्त ने सॉलिड वेस्ट प्लांट के लिए देश के कई शहरों का भ्रमण किया था। अब बाकरगंज के संवरने की आस जगी है।

ध्वस्त होंगे करीब फ्00 आवास

नगर निगम ने करीब ब्0 वर्ष पहले बाकरगंज में क्70 बीघा जमीन पर कूड़ा डंप करने की योजना बनाई थी। इतने बड़े मैदान में महज म्0 बीघा जमीन पर ही कूड़ा डंप हुआ। शेष जमीन पर अवैध कब्जा होने की संभावना अधिकारियों ने जताई है। बताया कि करीब फ् सौ आवास बन गए हैं। अवैध तरीके से आवासों के रजिस्ट्री होने की संभावना है। कहा कि पूर्व में हुए क्रमवार निरीक्षण में बाकरगंज डंपिंग ग्राउंड की जमीन पर अवैध कब्जे और आवास मिले। वेडनसडे को जमीन की पैमाइश कर उसकी निशानदेही प्रक्रिया होगी। जो भी अवैध कब्जे या आवास जद में आएंगे उन्हें ध्वस्त किया जाने की योजना है।

ग्रीन बेल्ट बनने की संभावना

कूड़े का फैलाव और पहाड़ खत्म होने में क्क् माह लगने की संभावना नगर निगम समेत कंपनी के अधिकारियों ने जताई है। ऐसे में आगामी वित्तीय वर्ष में खाली पड़ी करीब क्70 बीघा जमीन पर कई योजनाओं की प्री प्लानिंग अधिकारियों ने कर रखी है। नगर आयुक्त राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यहां ग्रीन जोन डेवलप किया जा सकता है। इसके अलावा शॉपिंग माल, इंडस्ट्री या आवास भी बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा पार्षदों से भी सलाह ली जाएगी। बेहतर प्रस्ताव को धरातल पर उतारा जाएगा।

एक नजर में

- क्978 में बना डंपिंग ग्राउंड

- क्70 बीघा, ग्राउंड का क्षेत्रफल

- 90 बीघा जमीन पर डंपिंग

- ब्00 एमटी कूड़ा प्रतिदिन डंप

- ब्0 फुट धरातल ऊंचाई है कूड़े का पहाड़

- 70 बीघा खाली जमीन पर हुए कई अवैध कब्जे

- फ्00 पक्के और सौ झोपडि़यां बस चुकी हैं

बाकरगंज से कूड़ा हटाने के लिए अहमदाबाद की कंपनी से करार किया गया है। वेडनसडे से कंपनी कार्य प्रारंभ कर देगी। यहां अवैध कब्जे चाहे आवास हो या कुछ और सब ध्वस्त किए जाएंगे। ग्राउंड खाली होने पर इसके डेवलपमेंट की प्लानिंग की जाएगी।

डॉ। उमेश गौतम, मेयर