देहरादून : ऋषिकेश के भोगपुर स्थित होम एकेडमी के हॉस्टल में स्टूडेंट वासु यादव की हत्या मामले में बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिस जांच पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. आयोग ने बीएलओ की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनमें चार का स्कूल से लेना-देना नहीं है. आयोग ने स्कूल मैनेजमेंट पर सवाल खड़े करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.

थर्सडे को सिद्धोवाला स्थित बाल आयोग ऑफिस में प्रेस कान्फे्रंस में अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि बीईओ ने आयोग को जांच रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में स्कूल के हॉस्टल में काम करने वाले आठ अधिकारी-कर्मचारियों के नामों की सूची शामिल है, जिनमें अभी तक एक व्यक्ति की ही गिरफ्तारी हुई है. अन्य लोग फरार चल रहे हैं. नेगी ने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट ने छात्रावास के अधिकारी-कर्मचारियों को बचाने के लिए पुलिस को गुमराह करते हुए पुलिस को गलत नामों की जानकारी दी है.

सीबीआई जांच की जरूरत

उन्होंने कहा कि अब भी पांच आरोपियों में से चार फरार चल रहे हैं. मामला बेहद गंभीर है, इसकी सीबीआई जांच कराना बेहद जरूरी है. उसके बाद ही सच्चाई सामने आएगी. उन्होंने बताया कि मृतक के पैरेंट्स जल्द ही अपनी दोनों बेटियों का सामान लेकर देहरादून आएंगे, बच्चियों की बढ़ाई बाधित न हो इसके लिए मृतक की दोनों बहनों का आयोग द्वारा दूसरे स्कूल में एडमिशन कराया जाएगा.

सीनियर स्टूडेंट्स पर है आरोप

बीते 10 मार्च को होम ऐकेडमी (भोगपुर) के हॉस्टल में सातवीं क्लास के स्टूडेंट वासु यादव की उसके ही स्कूल के दो सीनियर स्टूडेंट्स ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. स्कूल मैनेजमेंट ने घटना को दबाने का प्रयास किया, लेकिन जानकारी मिलने पर बाल आयोग ने घटना का संज्ञान लेते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच की.

17 चोटें थी वासु के शरीर पर

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार वासु के शरीर पर 17 चोटें थी. छाती के पास गंभीर चोट लगने की बात भी पीएम में सामने आई, जबकि स्कूल मैनेजमेंट द्वारा मौत का कारण फूड प्वॉइजनिंग बताया जा रहा था. इसके अलावा जांच में अन्य तथ्य भी सामने आए हैं. मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा.