- बाल आयोग की अध्यक्ष और मेंबर ने मारा छापा, घर-घर तलाशी

- महिला को रंगे हाथ नशा तस्करी करते पकड़ा, फरार हो गई महिला

- बस्ती के बच्चों ने खोली पोल, नशीले पदार्थो की दी जानकारी

देहरादून.

बिंदाल बस्ती में बाल संरक्षण आयोग की टीम ने खुलेआम नशा तस्करी होते देखी तो छापेमारी शुरू कर दी. कई घरों की तलाशी ली, कुछ महिलाओं को भी रंगे हाथ नशा तस्करी करते पकड़ा. आयोग की टीम का बस्ती के बाशिंदों ने विरोध किया और लड़ाई पर उतर आई. इस दौरान बस्ती के पास पिकेट पर पुलिस खड़ी तमाशा देखती रही, लेकिन नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. बाल आयोग ने नशा तस्करी के इस अड्डे में पुलिस की मिलीभगत की आशंका जताई और कार्रवाई करने की बात कही.

महिला को रंगेहाथ तस्करी करते पकड़ा

फ्राइडे को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी और मेंबर सीमा डोरा बिंदाल बस्ती की ओर से गुजर रहे थे. इस दौरान बस्ती के बास नशा तस्करी करते एक महिला को टीम ने देखा और नशा तस्करों को दबोचने बस्ती में घुस गए. आयोग की मेंबर सीमा डोरा ने नशा बेचती एक महिला का हाथ पकड़ लिया, काफी देर तक महिला को पकड़े रखा, लेकिन मौका देख वह हाथ छुड़ाकर फरार हो गई.

घरों में घुसकर ली तलाशी

इसके बाद आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने टीम के साथ कई घरों की तलाशी ली. संदिग्ध लोगों से पूछताछ की. इस दौरान कई लोगों का विरोध भी उन्हें झेलना पड़ा.

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बस्ती ने बच्चों ने खोली पोल

छापेमारी के दौरान बस्ती में रहने वाले बच्चों ने आयोग की टीम को बताया कि वे सफेद रंग की कोई चीज लेकर आते हैं, जिसे कपड़े में डालकर सूंघने से नशा होता है. बच्चों का इशारा नशे की ओर था. आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने वहां के बाशिंदों को बच्चों की आड़ में नशा तस्करी के लिए फटकार लगाई.

पुलिस देखती रही तमाशा

बिंदाल बस्ती के पास पुलिस पिकेट तैनात रहती है. फ्राइडे को जिस समय बाल आयोग की टीम ने नशा तस्करी करती महिला को पकड़ा, लोगों ने टीम का विरोध किया तो पुलिस तब भी वहीं तैनात थी, लेकिन पुलिस ने कोई इंटरफेयर नहीं किया और पुलिसकर्मी तमाशा देखते रहे. करीब डेढ़ घंटे तक आयोग की टीम बस्ती में रही, घर-घर तलाशी ली लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची. सिर्फ अपने एक सिक्योरिटी गार्ड के दम पर आयोग की टीम ने इलाके में छापा मारा.

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दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने खोला था राज

बिंदाल बस्ती में नशाखोरी और तस्करी का राज दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने ही खोला था. पिछले वर्ष जुलाई और नवंबर में टीम ने बस्ती में स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा किया था कि किस तरह बस्ती के कुछ लोग नशे का काला कारोबार कर रहे हैं. बच्चों और महिलाों की आड़ में नशा तस्करी की जा रही है और पुलिस आंख मूंदे बैठी है.

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हमने अपनी आंखों से नशा बिकता देखा. महिलाओं को पकड़ने की कोशिश की तो वह भाग निकलीं. नशा तस्करी के इस खेल में पुलिस भी शामिल है. आयोग इस मामले को गंभीरता के साथ लेगा और इस पर कार्रवाई की जाएगी.

- ऊषा नेगी, अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग