- ट्रक की हेडलाइट से चौंधिया गई थी ड्राइवर की आंखे, गाड़ी पेड़ से टकराई

-हादसे में ड्राइवर और दो होमगार्ड भी घायल,

- पुलिस लाइन में एसआई को दी गई श्रद्धांजलि,

- सिंचाई मंत्री धर्मपाल ने दिया नौकरी का आश्वासन

<- ट्रक की हेडलाइट से चौंधिया गई थी ड्राइवर की आंखे, गाड़ी पेड़ से टकराई

-हादसे में ड्राइवर और दो होमगार्ड भी घायल,

- पुलिस लाइन में एसआई को दी गई श्रद्धांजलि,

- सिंचाई मंत्री धर्मपाल ने दिया नौकरी का आश्वासन

BAREILLY: BAREILLY: आंवला में सैटरडे तड़के एक सड़क हादसे में एसआई श्रीकांत की मौत हो गई और ड्राइवर, दो होमगार्ड जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। सामने से आ रहे ट्रक की हेडलाइट की चमक से ड्राइवर गाड़ी पर बैलेंस खो बैठा और यह पेड़ से टकरा गई। हादसा होली पब्लिक स्कूल के पास हुआ।

आंवला थाने में तैनात ख्0क्भ्-क्म् बैच के एसआई श्रीकांत शाम को एकदबिश से लौटने के बाद रात में गश्त पर निकले थे। एसआई के साथ ड्राइवर सुखेंद्र, होमगार्ड जवान धर्मपाल व विजयपाल भी थे। तड़के करीब चार बजे बरेली शहर से आंवला लौटते वक्त होली पब्लिक स्कूल के पास सामने से ट्रक आ गया। ट्रक की हेडलाइट से सुखेंद्र की आंखे चौंधिया गई और उसने गाड़ी पर बैलेंस खो दिया और गाड़ी पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी तेज थी कि गाड़ी पलट गई। गाड़ी में आगे बैठे श्रीकांत और ड्राइवर सुखेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए। पीछे बैठे होमगार्ड चंद्रपाल और विजयपाल को भी चोटें आई। सभी को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलवाई गई। लेकिन एसआई श्रीकांत ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। ड्राइवर सुखेंद्र और होमगार्ड चंद्रपाल का इलाज चल रहा है। पैर में मामूली चोट के कारण विजयपाल को डिस्चार्ज कर दिया गया।

पुलिस लाइन में एसआई को आईजी डीके ठाकुर, एसएसपी मुनिराज व अन्य अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी।

आश्रित को नौकरी का आश्वासन

सूचना पाकर आंवला विधायक और प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल हॉस्पिटल पहुंचे और हादसे पर दुख जताया। उन्होंने एसआई के परिजनों को शासन स्तर पर हरसंभव सहायता और एक आश्रित को नौकरी दिलाने का आश्वासन भी दिया।

ख्0क्भ्-क्म् बैच के थे एसआई

मुजफ्फरनगर के पीपना थाना कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले श्रीकांत अपने पीछे मां, पत्‍‌नी रेनू, दो बच्चे ब् वर्षीय अर्पित और ख् वर्षीय अंश को छोड़ गए हैं। उनके तीन भाई सत्येंद्र, राहुल और रविकांत भी हैं। श्रीकांत ख्008 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। बाद में उन्होंने यूपी पुलिस में एसआई की परीक्षा दी थी। इसी महीने नवंबर में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उनकी आंवला थाने में पोस्टिंग हुई थी। इससे पहले वह प्रेमनगर थाने में अंडर ट्रेनी एसआई के पद पर तैनात थे।

बहन बोली नहीं मना पायी भैया दूज

श्रीकांत कीं मौत की खबर सुनकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। श्रीकांत के ताऊ करन सिंह, भाई, बहन रूबी बरेली पहुंचे। भाई के शव को देखकर रूबी बिलख पड़ी। वहां मौजूद लेडी एसआई सुनीता व महिला कॉन्स्टेबल ने उन्हें संभाला। रूबी बिलखते हुए बार-बार कह रही थी, इस बार भैया दूज पर भाई को टीका नहीं लगा सकी। मेरा भाई मुझे छोड़कर चला गया। जब साथी पुलिसकर्मियों ने श्रीकांत के भाई को उनका पर्स व मोबाइल दिया तो वे बिलख पड़े।