- नोएडा व हरियाणा पुलिस और यूपी एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए नोएडा में मार गिराया

- एक कारबाइन, एक नाइन एमएम पिस्टल, कारतूस व स्विफ्ट डिजायर कार बरामद

- हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी व अपहरण के डेढ़ दर्जन मामलों में चल रहा था वांछित

 

करने लगा ताबड़तोड़ फायरिंग
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक, हरियाणा एसटीएफ को सोमवार को इंफॉर्मेशन मिली कि दो लाख का इनामी कुख्यात बदमाश बलराज भाटी नोएडा के सेक्टर 49 में किसी घटना को अंजाम देने के लिये आने वाला है। सूचना पर नोएडा व हरियाणा पुलिस के साथ एसटीएफ टीम ने पूर्वान्ह 11 बजे सेक्टर 49 चौराहे पर घेराबंदी कर ली। कुछ देर बाद ही एक स्विफ्ट डिजायर कार उस ओर आती दिखाई दी। मुखबिर के इशारे पर पुलिस टीम ने कार को रोकने की कोशिश की। तो कार में मौजूद बलराज भाटी ने कारबाइन से पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें हरियाणा पुलिस के कॉन्सटेबल राजकुमार के पेट व कॉन्सटेबल भूपेंद्र के पैर में गोली लगी। इसके अलावा एक बच्चे व बुलंदशहर निवासी अजहर के भी पेट में गोली लगी। सभी घायलों को आनन-फानन इलाज के लिये हॉस्पिटल भेजा गया। आखिरकार, पुलिस टीम ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। जिससे बलराज भाटी गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस ने उसे भी हॉस्पिटल पहुंचाया। लेकिन, डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस कॉन्सटेबल से बदमाश तक का सफर
नोएडा में दिनदहाड़े हुए एनकाउंटर में ढेर किया गया कुख्यात बदमाश बलराज भाटी दिल्ली पुलिस में कॉन्सटेबल था। हत्या के एक मामले में नाम आने पर उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। जिसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखते हुए सुंदर भाटी गैंग ज्वाइन कर लिया। बलराज बुलंदशहर के डल्ला ढूसरी गांव का निवासी था। उसका सहयोगी और इसी गांव का निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू प्रधान का चुनाव लड़ा और उसे जीत मिली। इस चुनाव में गांव के ही पप्पू कटार व गुलाब सिंह ने जीतू का जमकर विरोध किया था। 19 नवंबर 2012 को पप्पू कटार अपनी पत्नी के साथ गांव से कहीं जा रहा था। गांव से बाहर निकलते ही बलराज भाटी और जितेंद्र उर्फ जीतू ने पप्पू कटार व उसकी पत्नी की हत्या कर दी। उन दोनों को 140 गोलियां मारीं गई। इसके बाद इन दोनों ने गुलाब सिंह की भी हत्या कर दी गई। गुलाब को पुलिस की सुरक्षा प्राप्त थी। लेकिन, बावजूद इसके बलराज और जीतू ने उसे मौत के घाट उतार दिया। पप्पू कटार के चाचा का लड़का विपिन उर्फ लाला इन दोनों मुकदमों की पैरवी कर रहा था। लेकिन, 18 अप्रैल 2014 को बुलंदशहर के यमुनापुरम कॉलोनी के करीब हाइवे पर विपिन उर्फ लाला को भी बलराज और जीतेंद्र ने गोलियों से भून डाला। इन दोनों अपराधियों ने एनसीआर में रंगदारी वसूली और जमीनी रंजिश में कई हत्याएं की और लूट की घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस के मुताबिक, बलराज ने सुपारी लेकर कई हत्या की घटनाओं को अंजाम दिया। सुंदर भाटी के जेल जाने के बाद से वही गैंग को संचालित कर रहा था।