शासन द्वारा किसी भी कंपनी में पूंजी के रूप में अंशदान देने पर लगाई गई रोक हटने के बाद अब यूपीएसआईडीसी मेट्रो रेल परियोजनाओं में धन लगा सकेगी। लखनऊ मेट्रो हो या फिर गाजियाबाद रेल सभी परियोजनाओं में अंशदान के रूप में पूंजी निवेश की राह आसान हो गई है। भविष्य में कानपुर में आ रही मेट्रो परियोजना में भी निगम पूंजी निवेश कर सकेगा।

निवेश पर लगा थी रोक

शासन ने क्99ख् में किसी भी कंपनी में पूंजी निवेश पर रोक लगा दी थी। इस कारण उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम पूंजी के रूप में निवेश नहीं कर पा रहा था। गाजियाबाद-लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास हुआ तो निगम से भी पूंजी निवेश के लिए कहा गया। बिना रोक हटाए ही निगम को शासन ने आदेश कर दिया था। यूपीएसआईडीसी प्रबंधन ने भी रोक हटवाने की जहमत नहीं उठाई और गाजियाबाद की परियोजना के लिए अंशदान राशि 7फ्.ख्0 करोड़ रुपये में से तीन करोड़ रुपये दे दिए। आई नेक्स्ट के खुलासे और कर्मियों के विरोध के बाद लखनऊ की परियोजना के लिए भ्0 करोड़ रुपये देने से कदम वापस खींचने के साथ ही रोक हटवाने की कवायद शुरू हुई। अब शासन ने रोक हटाई है तो प्रबंधन लखनऊ परियोजना के लिए भ्0 करोड़ और गाजियाबाद के लिए 70 करोड़ रुपये पूंजी के अंशदान के रूप में निवेश कर सकेगा।

दोनों ही परियोजनाओं से यूपीएसआईडीसी को फायदा होगा। क्योंकि मेट्रो रेल औद्योगिक क्षेत्रों के पास से ही गुजरेगी।

मनोज सिंह, एमडी, यूपीएसआईडीसी