Lucknow: अवैध हाउसिंग सोसाइटियों के कारण 80 हजार से अधिक प्लाट धारकों का अपने घर का ख्वाब टूटता नजर आ रहा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने शहर में 400 से ज्यादा हाउसिंग सोसाइटियों पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू कर दी है। इन सोसाइटियों नें नागरिकों को सब्जबाग दिखाकर करोड़ों रुपये के वारे न्यारे कर दिए.
ये सोसाइटीज कायदे से प्लाट बेच ही नहीं सकती थीं। एलडीए ने वैसे तो ऐसी करीब 241 सोसाइटीज को दर्ज किया है लेकिन  इंजीनियरों के सर्वे में 400 के लगभग अवैध सोसायटियां सामने आई हैं।
मास्टर प्लान का सहारा
उत्तर प्रदेश नगर विकास अधिनियम 1973 की धारा 27 के तहत विकास प्राधिकरण की ओर से तय किये गये मास्टर प्लान के भीतर निजी विकास को मान्यता नहीं है। इसको अवैध माने जाने का प्राविधान है जबकि शहर में करीब 50 हजार एकड़ भूमि पर अवैध सोसायटियों ने अपना जाल बिछा लिया है। करीब तीन साल पहले जब मेट्रो सिटी का मास्टर प्लान घोषित किया गया, उसके बाद प्राइवेट सोसायटीज का संजाल तेजी से बढऩा शुरू हो गया.
किसानों से जमीनें खरीद कर बिना एलडीए से मानचित्र स्वीकृत कराये ही प्लाटिंग शुरू कर दी गई। लोगों को लालच दिया जाता रहा कि यह इलाका मास्टर प्लान में आ गया है और बाद में ये जमीन बहुत महंगी हो जायेगी। इसी लालच में सस्ते दामों में बिक रही जमीन को खरीदने के लिये लोग उमड़ पड़े।
फर्जीवाड़े से बैनामा
किसानों से खरीदी गई जमीन से काटे गये अवैध प्लाटों को बेचने में रजिस्ट्रार आफिस बहुत काम आता है। प्रत्येक प्लाट के लिये एक फर्जी व्यक्ति खड़ा किया जाता है। खरीदने वाले और फर्जी व्यक्ति के बीच में रजिस्ट्री करा दी जाती है। रजिस्ट्रार आफिस को स्टांप ड्यूटी मिल जाती है। रजिस्ट्री होने के बाद खरीदने वाला व्यक्ति को खुद को भूखंड का वास्तविक मालिक मान लेता है। जबकि एलडीए के मानकों के हिसाब से वह अवैध रूप से प्लाट पर काबिज होता है.
100 से अधिक पर एक्शन 
अवैध तौर पर संचालित सोसायटीज के खिलाफ सबसे अधिक सख्ती एलडीए सरोजनी नगर में बिजनौर रोड पर, एमिटी यूनिवर्सिटी के पास और फैजाबाद रोड पर कर रहा है। यहां से 100 से अधिक भूमाफियाओं के बोर्ड उखाड़ कर फेंके जा चुके हैं। जबकि सभी संचालकों को चेतावनी दी गई है कि भूमि का क्रय करने पर उन पर मुकदमा दायर किया जायेगा।
लोग न खरीदें जमीन
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने नागरिकों से अपील की है कि वे भूमाफियाओं के किसी भी तरह के लालच में न फंसे और उनसे जमीन बिल्कुल न खरीदें। सभी अधिशाषी अभियंताओं को आदेश दिये गये हैं कि वे अपने अपने क्षेत्र में सर्वे करें और अवैध सोसायटी का संचालन बंद करायें। किसी भी तरह से अवैध कब्जा होने की दशा में अधिशाषी अभियंताओं की ही जिम्मेदारी तय की गई है.

यहां हैं अवैध सोसाइटी
सुल्तानपुर रोड से फैजाबाद रोड के विस्तार में करीब 65 सोसायटी सरोजनी नगर में बिजनौर गांव की ओर करीब 55 सोसायटी
फैजाबाद रोड, एमिटी यूनिवर्सिटी के पास करीब 30 सोसायटी
हरदोई रोड से सीतापुर रोड के बीच करीब 25 सोसायटी
मोहान रोड पर करीब 15 सोसायटी
देवां रोड पर लगभग 15 सोसायटी
गोमती नगर विस्तार करीब 35 सोसायटी

सोसायटी की जमीनों के दाम
हरदोई रोड से सीतापुर रोड ----  350 से 600 रुपये प्रति वर्ग फीट.
गोमती नगर एक्सटेंशन  -------  500 से 800 रुपये प्रति वर्ग फीट.
बिजनौर रोड   ------------   600 से 900 रुपये प्रति वर्ग फीट.
एमिटी यूनिवर्सिटी के पास------ 400 से 700 रुपये प्रति वर्ग फीट.
मोहान रोड--------------- 300 से 600 रुपये प्रति वर्ग फीट.
देवां रोड -------------      200 से 600 रुपये प्रति वर्ग फीट.

Report By: Ritesh Dwivedi