-कमिश्नर बोले, एनजीटी और परिवहन आयुक्त के आदेशों का कड़ाई से हो पालन

-10 साल पुराना डीजल और 15 साल पुराना पेट्रोल वाहन नहीं चलेगा सड़कों पर

Meerut : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के आदेशों का कड़ाई से पालन किया जाए। 31 मार्च रात्रि 12 बजे से शहर के हजारों वाहन कंडम की श्रेणी में आ जाएंगे। एनजीटी के आदेश पर 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन को अवैध करार देते हुए कमिश्नर आलोक सिन्हा ने संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की बैठक में बुधवार कहा कि आरटीओ ऐसे धरपकड़ अभियान चलाकर ऐसी वाहनों के खिलाफ सख्ती बरते। पुराने परमिट पर वाहन न चलने दें।

हजारों वाहन हो जाएंगे कंडम

आरटीए की बैठक में कमिश्नर ने आरटीओ मेरठ ममता शर्मा से मेरठ की सड़कों पर चल रहे ऐसे वाहनों की संख्या मांगी जो एनजीटी के आदेश के दायरे में आ रहे हो। आरटीओ ने बताया कि ऐसे वाहनों का पंजीकरण, नवीनीकरण विभाग ने बंद कर दिया है। वाहनों के संचालन पर रोक के विरोध में बैठक में मौजूद ट्रांसपोर्टर ने कोर्ट केस का रिफरेन्स दिया तो कमिश्नर ने कहा कि फिलहाल तो एनजीटी और परिवहन आयुक्त के आदेश का अनुपालन होगा। परिवहन विभाग के मुताबिक मेरठ में दस साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या हजारों में है।

अपनी रिस्क पर चलाएं

आरटीओ ममता शर्मा ने बताया कि परिवहन विभाग की टीमें लगातार अवैध वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करती हैं। रजिस्ट्रेशन और रिन्यूवल बंद होने के बाद वाहन का संचालन अवैध है, वाहन द्वारा किसी भी तरह की घटना के लिए वाहन चालक एवं स्वामी जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि चोरी-छिपे वाहन बेशक कुछ दिन सड़कों पर चल लें किंतु लंबे समय तक विभाग की नजर से नहीं बच पाएगा।

सरेंडर करने पड़ेंगे पेपर

आरटीओ ने बताया कि ऐसे वाहन स्वामियों को विभाग में वाहन के मूल दस्तावेज सरेंडर करने पड़ेंगे। यदि वे दस्तावेज सरेंडर करने में देरी पर विभाग का टैक्स बढ़ता जाएगा। तीन नोटिस के बाद विभाग आरसी काट देता है, अमीन को वसूली के लिए भेजा जाएगा।

एनसीआर में चार सीएनजी पंप

कमिश्नर ने एनसीआर में सीएनजी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए 4 नए सीएनजी पम्प स्थापित किए जाने के लिए स्वीकृति प्रस्ताव बनाकर आईजीएल को भेजने के लिए सम्भागीय परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया।

अहम फैसले

- स्कूल बसों में स्पीड गर्वनर व जीपीएस सिस्टम की भी नियमित मॉनीटरिंग की जाए।

- स्कूल बसों में परिवहन विभाग के निर्धारित मानकों को पूर्ण पालन सुनिश्चित कराया जाए।

- डग्गामार वाहनों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।

- मृतक आश्रित के परमिटों को उनके वारिसान के सत्यापन के बाद सशर्त स्वीकृति प्रदान करें।

ई-रिक्शा का तय होगा रूट

कमिश्नर ने कहा कि ई-रिक्शा की बढती संख्या को ध्यान में रखते हुए सभी ई-रिक्शाओं को 3 माह के अन्दर समुचित पंजीकरण कराएं। उनके सुव्यवस्थित संचालन के लिए स्थान व रूटों के निर्धारण किया जाए।

25 नई बसों को परमिट नहीं

क्षेत्रीय प्रबंधक सड़क परिवहन निगम द्वारा बैठक में मेरठ-बिजनौर मार्ग व अन्य मागरें पर रोडवेज द्वारा 25 नई बसों के परमिट की मांग की गई थी। कमिश्नर ने मानक पूरे करने के बाद प्रस्ताव को अगली बैठक में रखने के निर्देश दिए।

सीएनजी पर साफ नहीं स्थिति

बैठक में ट्रांसपोर्टर की मांग पर कमिश्नर ने हाथ खड़े करते हुए कहा कि वे रियायत की स्थिति में नहीं हैं। बता दें कि आरटीए की बैठक में ट्रांसपोर्टर ने मांग की थी कि जबतक सीएनजी की उपलब्धता मुकम्मल नहीं हो जाती, 10 साल के डीजल और 15 साल के बाद के पेट्रोल वाहन की वैधता बरकरार रखी जाए। वहीं आरटीओ का कहना है कि सीएनजी से पुराने वाहनों के संचालन की अनुमति पर फैसला बाद में लिया जाएगा।