जानलेवा वायरस बना खतरा
जू में बहने वाले नाले में मौजूद लैप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया किस तरह एनिमल्स, जू-इम्प्लॉइज और विजिटर्स के लिए जानलेवा बन चुका है। आई नेक्स्ट इसके बारे में तफ्तीश के साथ लास्ट ईयर 22 सितंबर को पब्लिश किया था। इसी वायरस की चपेट में आकर शेरनी लक्ष्मी भी मौत के मुंह में जाते-जाते बची थी। जिला प्रशासन ने इस खबर को गंभीरता से लेते हुए नाले को बंद करने संबंधी प्रपोजल तैयार करके शासन को भेजा था।

बजट को मंजूरी
जानवरों और इंसानों के लिए खतरे का सबब बन चुके नाले को बंद करने के प्रपोजल को शासन ने हरी झंडी दे दी है। डीएम समीर वर्मा ने बताया कि शासन स्तर से 3 करोड़ 46 लाख का बजट अप्रूव कर दिया गया है। अब नाले को डाइवर्ट करने का काम जल्द से जल्द शुरू करवाया जाएगा। इसके बाद जानवरों और इंसानों को जानलेवा बैक्टीरिया से किसी भी तरह के खतरे का अंदेशा नहीं होगा।

फैल गई थी दहशत
आईवीआरआई की सनसनीखेज रिपोर्ट मिलने के बाद जू प्रशासन और इम्प्लॉइज में हडक़ंप मच गया था। एहतियात के तौर पर जू एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने सभी इम्प्लॉइज का चेकअप करवाया था। जहरीले और गंदे पानी ने कई दुर्लभ जानवरों के बाड़ों को भी अपनी जद में ले लिया था। गंदे पानी की वजह से ही शेरनी लक्ष्मी भी गंभीर रूप से बीमार पड़ गई थी। आई नेक्स्ट ने जब यह न्यू ब्रेक करी तब जू डायरेक्टर ने डीएम, नगर आयुक्त के अलावा कमिश्नर से नाल को बंद करवाने की अपील करते हुए लेटर लिखा था।

कानपुर जू के डॉक्टर यूसी श्रीवास्तव के मुताबिक, बाड़ों के आसपास भरने वाले गंदे पानी की वजह से लैप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया तेजी से एक्टिव होकर इंसान या जानवर पर हमला बोल देते हैं। एक नजर बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी और अन्य पहलुओं पर-
- जानवरों की किडनी, लंग्स और लीवर डैमेज हो जाता है।
- बैक्टीरिया हाई टेम्प्रेचर या कड़ाके की ठंड में पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
- ज्यादा ह्यïूमिडिटी होने पर वायरस तेजी से पनपता है।
- पिग, गिलहरी, चूहे व बिल्ली व गंदगी इस वायरस के कैरियर होते हैं।
- घरों में रैट्स व रोड्स पर आवारा घूमने वाले सुअर से यह वैक्टीरिया इंसानों में ट्रांसफर हो जाता है।
- बैक्टीरिया से बचने के लिए मास्क जरूर पहनें, जानवरों को दूर से देखें। अगर बाड़े को हाथ लगाएं तो साबुन से जरूर वॉश करें।