पहली बार भारत को दी सीरीज में मात

1986 से वनडे खेल रही बांग्लादेशी टीम की यह भारतीय टीम के खिलाफ पहली सीरीज जीत है। बांग्लादेश की इस ऐतिहासिक जीत के नायक रहे बायें हाथ के 19 वर्षीय युवा तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान, जो करियर का सिर्फ दूसरा वनडे मैच खेल रहे थे। पिछले मैच में पांच विकेट लेकर भारत की हार की मुख्य वजह बने मुस्तफिजुर की ऑफ कटर गेंदों का जवाब भारतीय बल्लेबाज दूसरे वनडे में भी नहीं खोज पाए। नतीजा यह रहा कि उन्होंने 43 रन देकर छह बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखा दी। इसकी बदौलत बांग्लादेश ने वर्षा बाधित मैच में भारतीय पारी को महज 200 रन पर समेट दिया। बारिश के कारण यह मैच 47 ओवर का कर दिया गया, लेकिन भारतीय टीम 45 ओवर में सिमट गई।

बांग्लादेश को डकवर्थ लुइस पद्वति से जीत के लिए 47 ओवरों में 200 रन का लक्ष्य रखा गया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेजबान टीम ने ठोस शुरुआत करते हुए 15 ओवर में एक विकेट पर 71 रन ठोक दिए। 17वें ओवर में सौम्य सरकार (34) और 20वें ओवर में लिटन दास (36) के विकेट निकाल कर टीम इंडिया ने वापसी की कोशिश की, लेकिन अनुभवी शाकिब अल हसन (नाबाद 51) ने क्रीज पर पैर जमाते हुए भारत को हार की तरफ धकेल दिया। बांग्लादश ने 38वें ओवर की आखिरी गेंद पर एक रन के साथ अपने देश के क्रिकेट इतिहास में नई इबारत लिख दी। घरेलू धरती पर यह बांग्लादेश की लगातार दसवीं जीत है। इससे पहले उसने जिंबाब्वे को 5-0 और पाकिस्तान को 3-0 से हराकर वापस भेजा था। भारतीय टीम को भी व्हाइटवॉश से बचने के लिए बुधवार को होने वाले आखिरी वनडे में किसी भी हाल में जीत हासिल करनी होगी।

लगातार दो मैच में पांच विकेट लेने वाले विश्व के दूसरे गेंदबाज बने मुस्तफिजुर

बांग्लादेश की तरफ से पारी का पहला ओवर फेंकने आए मुस्तफिजुर ने दूसरी ही गेंद पर रोहित शर्मा (00) का विकेट लेकर झटका देने का जो सिलसिला शुरू किया वह अपने दसवें ओवर की आखिरी गेंद तक जारी रखा। अपने कोटे के आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर उन्होंने रवींद्र जडेजा (19) को बोल्ड किया। इसके बीच उन्होंने एमएस धौनी (47), सुरेश रैना (34), अक्षर पटेल (00) और आर अश्विन (04) के विकेट भी झटके। भारत के खिलाफ पिछला मैच मुस्तफिजुर का पदार्पण मैच था और अब वह करियर के शुरुआती दो मैचों में पांच विकेट लेने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज बन गए। उनसे पहले लगातार दो मैचों में पांच विकेट लेने का कारनामा जिंबाब्वे के ब्रायन विटोरी ने किया था। संयोग की बात यह है कि विटोरी ने यह रिकॉर्ड 2011 में बांग्लादेश के खिलाफ ही बनाया था।

भारत की तरफ से केवल पांच बल्लेबाज दोहरे अंक तक पहुंचे और धवन एकमात्र बल्लेबाज रहे, जिन्होंने अर्धशतक पूरा किया। 74 रन के स्कोर रोहित और कोहली के रूप में दो विकेट गंवाने के बाद खुद जिम्मेदारी उठाने के लिए कप्तान धौनी मैदान पर उतरे। लेकिन 20 रन पर मिले जीवनदान का वह फायदा नहीं उठा सके। लेकिन छोटी-छोटी साझेदारी करके टीम को स्कोर को आगे बढ़ाया।

धौनी और रैना ने दबाव में पांचवें विकेट के लिए 53 रन की साझेदारी की, लेकिन मुस्तफिजुर ने फिर से अपना कहर बरपाया। बल्लेबाजी पावरप्ले में उन्होंने रैना, धौनी और अक्षर पटेल को आउट करके भारतीय खेमे में खलबली मचा दी। भारत ने पावरप्ले में 17 रन बनाए और इस बीच तीन विकेट गंवाए।

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