लोकल स्तर पर भी चल रही रोहिंग्या की तलाश

आज पुलिस ने गाजी समेत तीन को भेजा जेल

आगरा। रुनकता से गायब हुए बांग्लादेशियों के फरीदाबाद जाने की आशंका बनी हुई है। शनिवार को भी एलआईयू की टीम व लोकल पुलिस मौके पर चक्कर लगाती रही। पुलिस ने मौके से पकड़े गाजी के परिवार पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। उसके दो छोटे बेटे मां के साथ जेल में रहेंगे। लोकल स्तर पर भी पुलिस इनकी तलाश में जुटी है।

खानाबदोश बन कर देते हैं धोखा

सिटी में बांग्लादेशी लोगों की भरमार है। लेकिन कभी इस विषय पर काम नहीं हुआ। अब जब आगरा फोर्स रेलवे स्टेशन पर रोहिंग्या पकड़े गए तब पुलिस जागी लेकिन अब पुलिस के हाथ कोई आने वाला नहीं है। चूंकि उनको पहले ही भनक लग गई कि उनकी पकड़ होने वाली है। ऐसे लोग अधिकतर झोपड़-पट्टी बना कर रहते हैं और कूड़ा बीनने का काम करते हैं। जहां भी खाली जगह देखते हैं वहां पर अपना टेंट लगा देते हैं।

फरीदाबाद तक लोगों की तलाश

रुनकता की नट बस्ती से 35 से 40 लोग जांच होने से पहले ही गायब हो गए। वहां पर अब करीब 16 लोग रह रहे हैं जिनके पास संयुक्त राष्ट्र का रिफ्यूजी कार्ड बना हुआ है। उनकी जांच हो चुकी है। सही पाए जाने पर ही उन्हें छोड़ा गया है। जो लोग यहां से भागे हैं उनके फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल जाने की आशंका है। वहां भी पुलिस टीम उनकी तलाश में जुटी है।

गाजी को परिवार समेत जेल

सिकंदरा पुलिस ने अवैध रूप से रुनकता में रहे रहे बांग्लादेशी गाजी को पुलिस ने पत्‍‌नी रतना, बेटे समीम समेत परिवार पर मुकदमा दर्ज किया। शनिवार को पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया। इनमें दो बेटे 6 साल से कम उम्र के हैं जो मां के साथ रहेंगे। बेटी 6 साल से बड़ी है। उसके मां के साथ रहने में संशय बना हुआ है। इस पर मंथन चल रहा है।

बॉक्स

एलआईयू और खुफिया विभाग रहे बेखबर

सिटी में इतने सालों से बांग्लादेशी रह रहे थे और खुफिया विभाग को पता तक नहीं चला। यदि फोर्ट स्टेशन से रोहिंग्या नहीं पकड़े जाते तो ये मामला शायद कभी नहीं खुल पाता। इस मामले के खुलते ही पुलिस के हाथ गाजी लग गया जिसने अपना कारोबार यहां स्थापित कर लिया। 15 साल से यहां खुफिया एजेंसी को कुछ पता नहीं चला। पल-पल की खबर देने वाली एलआईयू भी खबर नहीं लग पाई।

कमाई का अच्छा साधन बनाया

गाजी ने यहां पर रह कर एक प्लॉट रुनकता में खरीद लिया व इसके अलावा कोलकाता में मकान बनवा रखे हैं जिन पर किराएदार रखे हुए हैं। उसके पास दो मैक्स बोलेरो व एक डीसीएम भी है। यहां पर उसने अपने कबाड़ के कारोबार को बहुत बड़ा लिया। लेकिन अब उसे देखने वाला कोई नहीं है। यहां तक की उसकी पेरवी करने वाला भी कोई नहीं है।

सत्यापन का काम भी ढिलाई पर

जाने कितने ऐसे लोग है तो मकान मालिक को मोटा किराया देकर रहते हैं जिससे उनका सत्यापन न हो सके। मकान मालिक भी थोड़े से लालच में किराएदार से कोई रिकॉर्ड या दस्तावेज नहीं मांगता। लेकिन कई बार जब खुलासे हुए हैं तब बदमाश किराए के मकान में पाए गए हैं। इसी तरह बांग्लादेशी भी यहां पर पहले किराए का आशियाना ही तलाश करते हैं। इसके बाद फर्जी वोटर आईडी और आधार बनवा कर भारतीय हो जाते हैं।

वर्जन

लोकल स्तर पर भी पुलिस टीम बांग्लादेशियों की तलाश में जुटी हुई है। गाजी पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है। एलआईयू के इनपुट पर पुलिस कार्रवाई कर रही है।

अभिषेक, एएसपी