-मोबाइल पर एकाउंट नंबर और एटीएम कार्ड पासवर्ड पूछ कर हो रही धोखाधड़ी

-बैंक अधिकारियों के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा, जालसाज एकाउंट से उड़ा रहे है माल

<-मोबाइल पर एकाउंट नंबर और एटीएम कार्ड पासवर्ड पूछ कर हो रही धोखाधड़ी

-बैंक अधिकारियों के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा, जालसाज एकाउंट से उड़ा रहे है माल

Case-1

Case-1

सोनारपुरा के रिटायर्ड टीचर एसएन ओझा का बैंक ऑफ बड़ौदा में सेविंग एकाउंट है। कुछ दिनों पहले उनके मोबाइल पर एक व्यक्ति ने अपने को मोबाइल कंपनी का अधिकारी बताते हुए लाटरी निकलने की बात कही। ईनाम के 15 हजार रुपये ट्रांसफर करने के लिए एकाउंट नंबर और एटीएम पासवर्ड की जानकारी ली। कुछ ही देर बाद एसएन चौबे के मोबाइल पर धन निकासी की सूचना आई। वह बैंक पहुंचे तो पता चला कि फर्जी ढंग से उनके खाते से 14 हजार रुपये निकाल लिए गए हैं।

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सोनारपुरा के रिटायर्ड टीचर एसएन ओझा का बैंक ऑफ बड़ौदा में सेविंग एकाउंट है। कुछ दिनों पहले उनके मोबाइल पर एक व्यक्ति ने अपने को मोबाइल कंपनी का अधिकारी बताते हुए लाटरी निकलने की बात कही। ईनाम के क्भ् हजार रुपये ट्रांसफर करने के लिए एकाउंट नंबर और एटीएम पासवर्ड की जानकारी ली। कुछ ही देर बाद एसएन चौबे के मोबाइल पर धन निकासी की सूचना आई। वह बैंक पहुंचे तो पता चला कि फर्जी ढंग से उनके खाते से क्ब् हजार रुपये निकाल लिए गए हैं।

Case-2

Case-2

क्फ् अगस्त को ठठेरी बाजार निवासी राजेश कुमार के मोबाइल पर कॉल आया। पत्‍‌नी ने उठाया तो उससे एटीएम पासवर्ड पूछा गया, एवज में ढेरों शॉपिंग करने का लालच दिया गया। पासवर्ड बताते ही ख्8 हजार रुपये की चपत लग गई। राजेश इस घटना के बाद से क्राइम ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन नतीजा कुछ खास नहीं निकला।

डिजिटल के दौर में सुविधाएं तो बढ़ी हैं लेकिन साइबर अपराध भी बढ़ा है। वर्चुअल व‌र्ल्ड में छुपे हुए क्रिमिनल अनजान कॉल और मैसेज के जरिए गाढ़ी कमाई सफाचट कर रहे हैं। जरा सी चूक में हजारों, लाखों रुपये एकाउंट से पलक झपकते गायब हो जा रहे हैं। शिकार बनने वालों में आम आदमी है तो खुद को बेहद इंटेलिजेंट मानने वाला वर्ग भी है। मौजूदा समय में सबसे अधिक मामले आईटीआर फाइलिंग को लेकर सामने आए हैं। इसमें एक लिंकनुमा मैसेज भेजकर उस पर आईटीआर फाइल करने की सलाह दे रहे है, जैसे ही लिंक टच हुआ तो संबंधित एकाउंट में जमा पूंजी तुरंत नील हो जा रही है। साइबर अपराध में ऐसे कई मामले लंबित चल रहे है।

इनाम के चक्कर में हुए घनचक्कर

आप यदि किसी बैंक के खाताधारक हैं, एटीएम कार्ड यूज करते हैं तो सावधान हो जाइये। ईनाम के झांसे में आकर मोबाइल पर किसी को अपना एकाउंट नंबर न बताएं। इससे हाथ तो कुछ न आएगा अपनी जमा पूंजी भी गंवा देंगे। इधर कुछ दिनों से फर्जीवाड़ा कर बैंक खाता धारकों को चूना लगाया जा रहा है। हालांकि बैंक सतर्क हैं लेकिन ग्राहकों में इतनी जागरूकता न होने से ठगे जा रहे हैं।

बैंकों ने बदला साफ्टवेयर

ठगी की घटनाओं का भारतीय रिजर्व बैंक ने भी संज्ञान लिया है। उसकेनिर्देश पर बैंकों ने साफ्टवेयर में तो बदलाव किया इसके बावजूद ग्राहकों के थोड़े से लालच में ठगी पर लगाम नहीं लग रही। हर दिन एटीएम का पासवर्ड पूछकर ठगी का मामला प्रकाश में आता रहता है।

बैंक के पास कस्टमर का एकाउंट नंबर सहित पूरी डिटेल होती है। ऐसे में उसे इस तरह की जानकारी मोबाइल पर या डाक से मांगने का सवाल ही नहीं उठता। रही एटीएम पासवर्ड की बात तो यह नितांत गोपनीय होती है जिसे बैंक भी नहीं पूछ सकता।

मिथिलेश कुमार, एलडीएम यूनियन बैंक

मोबाइल पर आईटीआर फाइलिंग के मैसेज को देखें लेकिन उस पर कुछ कमेंट न करें। आजकल जालसाजी से लिंक भेजकर कस्टमर्स को गुमराह किय जा रहा है। कस्टमर्स अपने परिचित सीए या वकील से आईटीआर फाइल करा सकते है।

जय प्रद्धवानी, सीए

बरतें सावधानी

-एटीएम पासवर्ड दूसरों को न बताएं

-ट्रांजेक्शन पूरा होने पर ही दूसरे को एटीएम में आने दें

-धनराशि प्राप्त होने के बाद स्क्रीन पर ट्रांजक्शन पूरा होने की जानकारी लिखकर आए तभी एटीएम से बाहर निकलें

-फोन पर किसी को भी एकाउंट नंबर या बैंकिंग विवरण की जानकारी न दें

-आईटीआर फाइल करते समय बरतें सावधानियां, परिचित वकील या सीए का ही लें सहयोग।