- महीनों बाद अकाउंट से हो रहे ट्रांजेक्शन पर बैंक्स काटने लगे अपना सर्विस चार्ज

- चेकबुक और एटीएम होल्डर्स को अकाउंट में मेंटेन करना होता है मिनिमम बैलेंस

>BAREILLY: नोट बंदी के बाद से अकाउंट और एटीएम से कैश ट्रांजेक्शन करने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है। यह वो लोग हैं, जो अपना अकाउंट लंबे समय से यूज नहीं कर रहे थे और अब कैशेलस की कतार में एक्टिव हो गए हैं। ऐसे कस्टमर्स का अकाउंट एक्टीवेट होते ही फ‌र्स्ट ट्रांजेक्शन पर सर्विस टैक्स कट जा रहा है। इस चपत के कारण से अंजान कस्टमर्स बैंक की दौड़ लगा रहे हैं।

तब बैंक काटते हैं चार्ज

दरअसल, हर बैंक को अकाउंट मेंटेन करने का एक अलग नियम है, जिसे अकाउंट होल्डर को मेंटेन करना आवश्यक होता है। यदि अकाउंट होल्डर ने चेकबुक और एटीएम कार्ड लिया है, तो उसे अपने अकाउंट में मिनिमम 1,000 रुपए मेंटेन रखना जरूरी है। ऐसा नहीं करने की स्थिति में क्वॉर्टर्ली बैंक्स 90 रुपए चार्ज के तौर पर अकाउंट से काट लेता है। वहीं दूसरे बैंक का एटीएम से कम से कम महीने में पांच बार ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इससे अधिक एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करने पर प्रति ट्रांजेक्शन 18 रुपए चार्ज देने पड़ते हैं।

बैंक्स में बढ़ा है ट्रांजेक्शन

लोग ने बैंक से चेकबुक और एटीएम इश्यू करा लेते हैं, लेकिन अकाउंट मेंटेन करने के नाम पर फिसड्डी हैं। गत 8 नवंबर को नोट बंदी के फैसले के बाद लगभग हर अकाउंट में कैश डाला गया है। इस बीच बैंक और एटीएम से ट्रांजेक्शन भी खूब हुए हैं। ऐसे में बैंकों ने अपना सर्विस चार्ज लेना शुरू कर दिया। जैसे ही रिलेटेड व्यक्ति कैश विड्रॉल करने के लिए एटीएम कार्ड इस्तेमाल कर रहा है बैंक्स सर्विस चार्ज काट ले रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि एटीएम कार्ड होल्डर के लिए यह जरूरी है कि 45 दिन में एक बार एटीएम कार्ड का इस्तेमाल जरूर करे। नहीं तो कार्ड ब्लॉक होने के भी चांस रहते है।

बैलेंस कटे तो न हो परेशान

एटीएम या बैंक्स से रुपए ट्रांजेक्शन करते वक्त बैलेंस कटे तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। एटीएम से निकलने वाली स्लिप और मोबाइल पर आने वाला मेसेज संभाल कर रखें। इस बात की शिकायत आप बैंक के हेल्पलाइन पर कर सकते हैं। इसके अलावा रिलेटेड बैंक के अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। वह आपके बैंक अकाउंट से एक्स्ट्रा बैलेंस कटने के बारे में बता देगा। इसके बाद भी आपको लगता है कि आपका बैलेंस जायज नहीं कटा है, तो इस बात की शिकायत बैंक के सेल या फिर कंज्यूमर फोरम से कर सकते हैं।