इलाहाबाद बैंक की बांका जलालपुर शाखा में थे तैनात

बाइक सवार बदमाशों ने ओवरटेक करके रोकी कार

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इलाहाबाद बैंक के बांका जलालपुर ब्रांच में सीनियर मैनेजर की पोस्ट पर तैनात अनिल कुमार दोहरी की शुक्रवार को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गयी। बाइक सवार बदमाशों ने घटना को घूरघाट गांव के पास अंजाम दिया जब वह बैंक शाखा से बमुश्किल एक किलोमीटर दूर थे। अनिल खुद अपनी कार ड्राइव कर रहे थे। उनके बगल में इसी ब्रांच के डिप्टी मैनेजर नीरज जायसवाल भी थे। घटना में वह बाल-बाल बच गये। बदमाश अनिल के पास मौजूद बैग भी उठा ले गये। इसे हत्या के पीछे कई कारण होने की चर्चा रही। रिपोर्ट तीन अज्ञात बदमाशों के खिलाफ दर्ज करायी गयी है।

कालिंदीपुरम में बनावा रखा है घर

मृतक अनिल कुमार दोहरे पुत्र नन्दलाल दोहरे मूलरूप से कानपुर जनपद के बर्रा के रहने वाले थे। करीब दस वर्ष पहले कालिंदीपुरम में उन्होंने मकान बनवा लिया था। यहीं पूरे परिवार के साथ रहते थे। परिवार में पत्‍‌नी मंजू दोहरे, बेटी रीतू, खुशबू, व बेटा कृष्ण कुमार हैं। अनिल की पोस्टिंग करीब तीन वर्षो से मऊआइमा के बांका जलालपुर ब्रांच में सीनियर मैनेजर के पद पर थी। वह रोज कालिंदीपुरम से अप-डाउन करते थे। शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे अल्लापुर निवासी इसी ब्रांच के डिप्टी मैनेजर नीरज जायसवाल के साथ निकले थे।

गाड़ी लगाकर रोकवाई कार

कार बैंक की शाखा से करीब एक किलोमीटर पहले घूरघाट गांव के पास पहुंची तभी बाइक सवारों ने उन्हें ओवरटेक करके रोक लिया। कार रुकते ही पीछे बैठे युवक ने अनिल पर फायर कर दिया। पिस्टल से निकली गोली अनिल के सीने के नीचे दाहिनी तरफ जा धंसी। दहशत के मारे नवीन के होश उड़ गए। बदमाश गाड़ी में रखा अनिल कुमार दोहरे का बैग लेकर तमंचा लहराते हुए भाग निकले। बैग में बैंक की चाभियां व कुछ जरूरी कागजात थे। खून से तरबतर होने के बावजूद अनिल कुमार दोहरे कार भगाते हुए सीधे बैंक जा पहुंचे। वहां उन्हें घायल देख कर्मचारियों के होश उड़ गए।

पुलिस ने भेजवाया एसआरएन

तबतक नवीन घटना की खबर पुलिस को दे चुके थे। मौके पर पहुंची पुलिस उन्हें एसआरएन हॉस्पिटल भेज दिया। यहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा तो यहां बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों की भीड़ लग गई। घटना से सभी में जबरदस्त आक्रोश रहा। पोस्टमार्टम उस पहुंचे परिवार में कोहराम मच गया। सूचना मिलने पर एसएसपी के साथ डीआईजी केपी सिंह एसआरएन चौकी पहुंचे और बैंक के कर्मचारियों एवं अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। इसके बाद वह घटनास्थल रवाना हो गए।

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कत्ल की तीन संभावित कारण

बैंक के ऋण रिकवरी को लेकर पिछले माह कर्जदारों के साथ वह सख्ती से पेश आए थे।

वह बैंक की नौकरी के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग में भी हाथ आजमा रहे थे।

बदमाशों ने लूट के इरादे से उन्हें गोली मारी। क्योंकि वह उनका बैग भी अपने साथ ले गये थे। संयोग से इसमें बैंक की कागजात ही थे।

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इमरजेंसी में रो-पड़ी इंसानियत

परिवार के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंची अनिल की बेटी रीतू पिता के शव से लिपट कर बिलख पड़ी। सदमे से वह अचेत हो गयी। बैंककर्मी व रिश्तेदार उसे एसआरएन हॉस्पिटल की इमरजेंसी ले गए। यहां डॉक्टरों ने ग्लूकोज व आक्सीजन लगा दिया। इतने में पहुंचे एक डॉक्टर ने उसे मेडिसिन डिपार्टमेंट में शिफ्ट करने की हिदायत दी। सेवा में लगी रीतू की होने वाली सास डॉक्टर से बोली कि रीतू का बदन ठंडा हो रहा है। उनकी बात सुन डॉक्टर ने कहा मैं क्या करूं। इसे चोट नहीं लगी है। मैं नहीं देख सकता। मेडिसिन विभाग ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक मंगाने को वह तैयार नहीं हुए। इस पर परिजन व बैंककर्मी हंगामे पर उतर आए। एक सहयोगी से डॉक्टरों ने धक्का-मुक्की भी की। किसी तरह स्ट्रेचर मंगाकर उसे मेडिसिन विभाग भेजा गया।

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बेटी की तय हो चुकी है शादी

इमरजेंसी मौजूद लोगों की मानें तो अनिल ने बड़ी बेटी रीतू की शादी करेली निवासी युवक से तय कर रखी थी। लड़का-लड़की के छेका की रस्म भी हो चुकी थी। परिवार शादी की तैयारियों में जुटा था। अनिल कुमार की हत्या की खबर से बेटी के ससुरालवाले भी सन्नाटे में थे। एसआरएन हॉस्पिटल पहुंची रीतू की होने वाली सास की आंखें भी कर आयीं। उनका कहना था कि रीतू अब मेरी बहू है।

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तत्काल मिलता इलाज तो बच जाती जान

गोली खाकर भी अनिल दोहरे खुद कार चलाते हुए बैंक पहुंचे। पत्‍‌नी मंजू व परिवार के अन्य सदस्यों का कहना था कि उन्हें तत्काल किसी हॉस्पिटल ले जाया गया होता तो शायद जान बच जाती। डॉक्टर्स का कहना था कि ब्लीडिंग ज्यादा होने के कारण उनकी जान गयी है।

कातिल जो भी हैं, वे जल्द ही पुलिस गिरफ्त में होंगे। मैं पीडि़त परिवार के साथ हर पल खड़ा हूं।

-कवीन्द्र प्रताप सिंह,

डीआईजी रेंज