पीडि़त को नहीं लगाने पड़ेंगे थानों के चक्कर

डीजीपी ने सभी जिलों के मुखिया को जारी किए सख्त निर्देश

BAREILLY: बैंक फ्रॉड के मामलों में अब पुलिस पीडि़त को थाना विवाद में नहीं उलझा सकेगी। किसी भी थाना में पहुंचने पर पुलिस को हर हाल में पीडि़त के पहुंचने पर जीरो एफआईआर दर्ज करनी होगी। यहीं नहीं क्0 लाख रुपए से अधिक के बैंक फ्रॉड को पुलिस के हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर में भी अपलोड करना होगा। डीजीपी ने इस मामले में जिलों के पुलिस मुखिया को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

लगातार बढ़ रहे हैं मामले

पिछले कुछ वर्षो से बैंक फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लोगों के अकाउंट में छेड़छाड़ कर मोटी रकम निकाल ली जा रही है। एटीएम कार्ड फर्जीवाड़ा करके भी लोगों की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ किया जा रहा है। वहीं फर्जी चेक लगाकर बैंकों की मिलीभगत से भी ठगी के मामले सामने आए हैं। बरेली में ऐसे कई केस हो चुके हैं, जिसमें पीएनबी में ख्म् लाख और कॉरपोरेशन बैंक ऑफ इंडिया में क्ख् लाख रुपए का फ्रॉड शाि1मल है।

पुलिस देती है उलझा

बैंक फ्रॉड में पीडि़त को यह नहीं पता चल पाता कि मामला किस थाना क्षेत्र में लगेगा। जैसे कि किसी का बैंक अकाउंट बरेली की किसी ब्रांच में है लेकिन उसके अकाउंट से शाहजहांपुर की ब्रांच या फिर बरेली के ही किसी दूसरे एरिया की ब्रांच से रुपया निकाल लिया जाए तो पुलिस उसे थाना एरिया की बात में उलझा देती है। पीडि़त कई दिनों तक चक्कर लगाता है तब कहीं जाकर एफआईआर दर्ज होती है। इस देरी में ठगों को फरार होने का मौका मिल जाता है।

तुरंत दर्ज होगी एफआईआर

इन्हीं प्राब्लम्स से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत डीजीपी ने सभी जिलों के कप्तान को सर्कुलर जारी किया है। इसके तहत अगर कोई भी बैंक फ्रॉड का मामला सामने आता है तो पुलिस को उसकी तुंरत एफआईआर दर्ज करनी होगी। अगर लगता है कि फ्रॉड साइबर क्राइम से जुड़ा है तो तुंरत डिस्ट्रिक्ट साइबर सेल की हेल्प लेंगे। ऐसे फ्रॉड संगठित अपराध की श्रेणी में आते हैं इसलिए इन केसेस को प्रियॉरिटी पर रखा जाएगा। ऐसे फ्रॉड के लिए जिलों में एसपी क्राइम नोडल ऑफिसर होंगे और उन्हीं की जिम्मेदारी होगी कि जल्द से जल्द केस रजिस्टर कर इसकी जांच की जाए। पीडि़त को थाना विवाद में ना उलझाकर सबसे पहले जीरो एफआईआर दर्ज की जाएगी और फिर केस को संबंधित थाना में ट्रांसफर किया जाएगा।