यहां भी वही हाल

बंगलुरु की बात छोड़ दीजिए. हम अपने शहर की बात करते हैं. यहां की स्थिति भी वहां से कुछ ज्यादा डिफरेंट नहीं है. क्योंकि शहर में भी सिक्योरिटी का वही हाल है जो बंगलुरु में है. शहर में लगे एटीएम में ज्यादातर में गार्ड तैनात नहीं हैं. वहां न तो कोई गार्ड रहता है और ना ही वहां कोई मॉनिटरिंग करने वाला. कुछ जगहों पर स्थिति यह है कि शाम ढलते ही वहां सन्नाटा हो जाता है. ऐसे में वहां अकेले पैसा निकलना सबसे ज्यादा अनसेफ है.

250 से ज्यादा ATM

शहर में भारतीय स्टेट बैंक के सबसे ज्यादा एटीएम हैं. सभी बैंकों की बात की जाए तो केवल शहर में 250 से ज्यादा एटीएम हैं. शहर के सबसे पॉश एरिया सिविल लाइंस की बात करें तो यहां पर ज्यादातर एटीएम में आपको गार्ड मिल जाएंगे. क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा रस होता है. लेकिन सिविल लाइंस एरिया खत्म होते ही आगे बढऩे पर आपको एटीएम तो दिखेगा लेकिन वहां गार्ड नहीं मिलेगा.

Swipe mechine भी खराब

सिक्योरिटी के परपज से बैंक की गाइडलाइन तो यह है कि एटीएम के गेट पर आटो लॉक लगाया जाए. यानी अगर किसी को एंट्री करनी है तो वह अपने कार्ड से गेट पर लगे स्वाइप मशीन पर स्वाइप करेगा फिर गेट खुलते ही वह अंदर जाएगा. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. क्योंकि ज्यादातर एटीएम में यह सुविधा नहीं है और जहां है वहां पर खराब है. सिविल लाइंस एरिया की बात की जाए तो यहीं पर दो जगहों पर स्वाइप मशीन खराब है. कुछ यही हाल बैरहना रेलवे क्रासिंग के पास बने एटीएम का भी है.

न गार्ड न कैमरा

इलाहाबाद की कहानी तो अजीबोगरीब है. दो साल पहले की कहानी है. शहर के अल्लापुर एरिया में एटीएम तो खोला गया लेकिन उसकी सिक्योरिटी के लिए न तो सीसीटीवी कैमरा लगाया गया और न ही गार्ड को तैनात किया गया. यही नहीं, एटीएम भी अभी जमीन में फिक्स नहीं हुआ. फिर क्या था मौके के फायदा उठाते हुए रात के अंधेरे में बदमाश एटीएम मशीन ही चुरा ले गए. पुलिस को आज तक एटीएम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है.

इसका ध्यान रखें

-रात के अंधेरे में एटीएम से रुपए निकालने से बचें

-महिलाएं सुनसान एरिया स्थित एटीएम का यूज न करें तो ही अच्छा

- एटीएम से रुपए निकालते समय गेट अंदर से बंद कर लें

-कोशिश करें कि जहां पर सिक्योरिटी के लिए गार्ड तैनात हो सेफ्टी को ध्यान में रखकर उसी का यूज करें.