- उपभोक्ता फोरम ने दिया फैसला, एसबीआई की मोतीझील ब्रान्च के खिलाफ दाखिल हुआ था केस

KANPUR : बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से खाते से रुपए निकाल लेने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने बैंक को दोषी मानते हुए निकाली गई रकम मय ब्याज समेत व पांच हजार रुपए हर्जाने के रूप में परिवादी को देने का आदेश दिया है।

उपभोक्ता फोरम में 252, गंगागंज पनकी निवासी अत्रा कुमारी 4 जुलाई 2012 को वाद दाखिल किया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मोतीझील ब्रान्च में उसका खाता संख्या 10500780327 है। बैंक अधिकारियों ने श्रीमती सीता के साथ मिलीभगत कर उसके खाते से चेक नम्बर 324492 के जरिए 90 हजार रुपए निकाल लिए गए। परिवादिनी का कहना है कि चेक पर उसके फर्जी हस्ताक्षर किए गए। राइटिंग एक्सपर्ट की जांच में भी यह प्रमाणित हो चुका है।

बैंक ने भी मान लिया था

बैंक ने भी इसे मानते हुए निकाली गई रकम वापस खाते में करने का आश्वासन दिया, लेकिन खाते में रकम नहीं डाली गई। इस पर अत्रा कुमारी ने बैंकिंग लोकपाल को शिकायत भेजी, लेकिन स्वीकार नहीं की गई।

निर्णय के 30 दिन के अंदर

इसके बाद अत्रा ने कन्ज्यूमर फोरम में मामला दाखिल किया। दोनों पक्षों की तरफ से प्रस्तुत किए गए दस्तावेज व सबूतों को फोरम अध्यक्ष डा। आरएन सिंह, सदस्य पुरुषोत्तम सिंह ने परखने के बाद अत्रा के पक्ष में फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया कि प्रस्तुत किया गया वाद विपक्षी के खिलाफ आंशिक रूप से इस आशय से स्वीकार जाता है कि निर्णय के 30 दिन के अंदर बैंक वादी को 90 हजार रुपए मय ब्याज व पांच हजार रुपए हर्जाना दे।