AGRA। मंगलम शिला के पास स्थित राधिका कॉम्प्लेक्स में रहने वाले राजीव सक्सेना व प्रेमलता (दोनों बदले हुए नाम) ने केनरा बैंक की शाखा में लोन लेने के लिए आवेदन किया था। फाइल तैयार हो गई, लेकिन अचानक बैंक वालों ने यमुना डूब क्षेत्र में बिल्डिंग है या नहीं की एनओसी लाने के लिए कह दिया है। राजीव सक्सेना एनओसी लेने के लिए एडीए के चीफ टाउन प्लानर के पास पहुंचा, इस पर उन्हें बताया कि इसकी एनओसी सिंचाई विभाग दे सकता है एडीए नहीं देता है। इसके बाद राजीव सक्सेना सिंचाई विभाग पहुंचे, लेकिन वहां से भी उनकी समस्या का समाधान नहींहुआ।

एनओसी बिना 'नो लोन'

दरअसल, यमुना के आसपास प्लॉट या घर खरीदने के लिए सार्वजनिक और प्राइवेट बैंकों ने हाउस लोन देने से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। कस्टमर्स के आगे बैंक प्रबंधनों ने शर्त रख दी है कि इन क्षेत्रों के लिए आगरा विकास प्राधिकरण या सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र या एनओसी प्रस्तुत किया जाए।

प्रोपर्टी डीलर भी हैं परेशान

दयालबाग के प्रोपर्टी डीलर बेहद परेशान हैं। एक तो रीयल एस्टेट कारोबार मंदी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में कुछ काम भी निकल रहा है तो बैंकों का सहयोगात्मक रवैया नहीं है। उनका कहना है कि जो यमुना डूब क्षेत्र की एनओसी मांगी जा रही है वह सबसे बड़ी परेशानी साबित हो रही है। यह एनओसी लोगों के सपनों को साकार होने में सार्थक साबित होते नहीं दिख रही है। प्रोपर्टी डीलरों का कहना है कि जब लोग घर या फ्लैट बेचेंगे-खरीदेंगे नहीं, तो कैसे उनका फायदा होगा।

बहुमंजिला इमारतों के लिए नहीं हो रहे लोन

जिन 18 बहुमंजिला इमारतों को यमुना डूब क्षेत्र में एनजीटी को याचिकाकर्ता डीके जोशी ने बताया था, उनमें तो बैंकों ने लोन देना पहले से ही बंद कर दिया है। वहीं अब बैंकों ने उन लोगों को भी लोन देना बंद जो लोग यमुना डूब क्षेत्र में रहते हैं। हालांकि इन 18 बिल्डिंग्स को सिंचाई विभाग ने यमुना डूब क्षेत्र से बाहर होने का प्रमाण पत्र दे दिया है।

लोन ट्रांसफर में दिक्कत नहीं

अगर आप दयालबाग में री-सेल में कोई फ्लैट खरीद रहे है तो लोन ट्रांसफर करने में

दिक्कत नहींआएगी। बस शर्त है कि फ्लैट बेचने वाली पार्टी ने भी लोन कराया हो। लेकिन यदि पुराना घर खरीदने के लिए नए स्तर से लोन लेने के लिए ग्राहक आवेदन करता है तो उसे एडीए और सिंचाई विभाग से एनओसी लाकर बैंक को प्रस्तुत करनी ही पड़ेगी।