-चाइनीज पटाखों पर प्रतिबंध के बाद तलाश में जगह-जगह हो रही छापेमारी

-शहर की सेहत और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन ने कसी कमर

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VARANASI

इस बार दिवाली पर डै्रगन की धमक सुनायी नहीं देगी। उसकी रोशनी से आसमान रोशन नहीं होगा। नॉयज और एयर पॉल्यूशन का बड़ा कारण बनने वाले चाइनीज पटाखों पर गवर्नमेंट ने रोक लगा दी है। प्रदूषण के मानकों को पूरा न करने वाले विदेशी पटाखे कहीं बिकते दिखे तो उन्हें तुरंत जब्त कर लिया जाएगा। बेचने वाले के खिलाफ गंभीर धारा के अन्तर्गत कार्रवाई की जाएगी। इस रोक के जरिए गवर्नमेंट पटाखों के अवैध कारोबार पर रोक लगानी चाहती है। इसके साथ ही विदेशी पटाखों की आवाजाही की आड़ में देश के लिए घातक विस्फोटक की आवाजाही की आशंका को खत्म करना है। स्टेट गवर्नमेंट की ओर से सभी जिलों को विदेशी पटाखों पर रोक की बाबत निर्देश जारी किया गया है।

जगह-जगह हो रही छापेमारी

सरकार की ओर से जारी निर्देश के बाद उन ठिकानों पर छापेमारी शुरू हो गयी है जहां उनके जमा होने की संभावना है। पुलिस और प्रशासन की टीम दालमंडी, लंका, रामनगर जैसे पटाखों के बाजार के साथ समेत बड़ागांव, मिर्जामुराद में मौजूद पटाखों के गोदाम तक पहुंच रही है। अब तक लगभग दो दर्जन से अधिक दुकानों और गोदामों की जांच की गयी है। इसके साथ ही मुखबिरों को सक्रिय कर दिया गया है। वो गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले जाकर जानकारी जुटा रहे हैं। प्रशासन की ओर से लाइसेंसशुदा पटाखा कारोबारियों को हिदायत दी गयी है कि वो विदेशी पटाखों से दूरी ही बनाए रखें। जिसके पास भी इनका स्टॉक मिलेगा उनका लाइसेंस रद करने के साथ जेल भी भेजा जा सकता है।

बड़ा बाजार है बनारस

-बनारस पटाखों का बड़ा बजारा है। यहां पूरे साल पटाखों की बिक्री होती है।

-बनारस में पटाखे तैयार नहीं होते बल्कि दूसरे शहरों चेन्नई, तमिलनाडु से आते है

-दिवाली के अलावा शादी-विवाह, समारोह आदि में बनारस के आतिशबाजी चार चांद लगाते हैं

-दीपावली के समय बनारस से लगभग सौ करोड़ रुपये का कारोबार होता है

-यहां दर्जनों छोटे-बड़े पटाखा कारोबारी हैं जिनके जरिए पूरे पूर्वाचल तक पटाखे पहुंचते हैं

-पटाखों के प्रमुख बाजार दालमंडी, रामनगर हैं जहां दर्जनों कारोबारी हैं

-त्योहार के वक्त पूरे शहर में लगभग पांच सौ दुकानें पटाखों की सजती हैं

तस्करी कर आते हैं पटाखे

बनारस में बड़े पैमाने पर पटाखों का अवैध धंधा भी होता है

-लाइसेंस की आड़ में कई जगहों पर तस्करी कर लाए गए चाइनीज अवैध पटाखों का स्टॉक जमा कर लिया जाता है

-दिवाली के आसपास लगभग 700 कार्गो कंटेनर चाइनीज पटाखे स्मगलिंग के जरिए भारत पहुंचते हैं

-कोलकाता और नेपाल के रास्ते पटाखे भारत के विभिन्न इलाकों में पहुंचते हैं

-नेपाल और पश्चिम बंगाल से भारत में दाखिल होने का रास्ता बनारस से होकर गुजरता है

-पटाखों की बड़ी खेप बनारस में स्टॉक कर दी जाती है

नहीं है सेहतमंद

चाइनीज पटाखे सेहत के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। इनके तैयार करने में मानकों को बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता है। मुनाफा कमाने के लिए पटाखों का निर्माण करने के लिए सस्ते मैटेरियल का प्रयोग किया जाता है। इनमें सबसे खतरनाक पोटैशियम क्लोराइड होता है। चाइनीज पटाखों का शोर तय मानक 90 डेसिबल से अधिक होता है। वहीं भारत में तैयार होने वाले पटाखों कागज, एल्युमीनियम पाउडर, जूट आदि का प्रयोग किया जाता है। यह सेफ होता है लेकिन कीमत अधिक होती है।

बेहद खतरनाक हैं

-चाइनीज पटाखों की तस्करी के साथ खतरनाक विस्फोटक पदार्थ देश में आने की संभावना रहती है

-विस्फोटक देश विरोधी ताकतों तक पहुंच जाए तो काफी नुकसान हो सकता है।

-पटाखे की तस्करी का मुख्य मार्ग होने की वजह से विस्फोटक के बनारस आने की आशंका भी बनी रहती है

-बनारस आतंकियों की हिट लिस्ट में हैं उनके हाथ विस्फोटक लगे तो यहां काफी तबाही मचा सकते हैं

-पीओके में भारत की ओर से किए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बौखलाए आतंकी पटलवार का मौका तलाश रहे हैं

शहर की सुरक्षा के साथ लापरवाही नहीं जा सकती है। प्रतिबंधित और अवैध पटाखों को स्टॉक करने वालों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है। जो भी इसमें लिप्त मिलेगी इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आकाश कुलहरि

एसएसपी