अधिवक्ताओं पर हो रहे हमले पर यूपी बार कौंसिल ने जतायी नाराजगी

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अधिवक्ताओं से मारपीट व जानलेवा हमले की घटनाएं बढ़ने को यूपी बार कौंसिल प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था का नतीजा बताया है। कौंसिल सभागार में कार्यकारी अध्यक्ष हरिशंकर सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कार्यकारिणी बैठक में सरकार से अधिवक्ताओं की हत्या व मारपीट करने वालों के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई करने की मांग हुई। साथ ही ग्राम न्यायालय के संचालन के लिए उचित संसाधन मुहैया कराने पर जोर दिया गया।

ग्राम न्यायालय का उचित प्रबंध करें

हरिशंकर ने कहा कि जब अधिवक्ता सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी स्थिति का अंदाजा स्वत: लगाया जा सकता है। ग्राम न्यायालय का जिक्र करते हुए कहा कि अभी तक सरकार ने उसके लिए उचित प्रबंध नहीं किया है। अगर ग्राम न्यायालय चलाना हो तो उसके लिए हर जिला में भवन, फर्नीचर व दूसरे संसाधन शीघ्र मुहैया कराया जाए, तभी आमजन को उसका लाभ मिलेगा। उपाध्यक्ष प्रशांत सिंह 'अटल' ने कहा कि अधिवक्ताओं के हित में हर संभव प्रयास किया जाएगा। उपाध्यक्ष देवेंद्र मिश्र 'नगरहा' ने अधिवक्ताओं के ऊपर हो रहे हमले के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव पास करवाया। कौंसिल के वरिष्ठ सदस्य बलवंत सिंह को सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। साथ ही निर्णय हुआ कि हर तीन माह में सचिव बदलते रहेंगे।

लोक अदालत में निस्तारित हुए 334 केस

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के निर्देश पर गठित राष्ट्रीय लोक अदालत ने शनिवार को सैकड़ों मामलों की सुनवाई की। लोक अदालत में जस्टिस सुधीर अग्रवाल के प्रयास से 334 वादों का निस्तारण हुआ। उच्च न्यायालय विधि सेवा समिति के सचिव निरंजन चंद्र पांडेय ने बताया कि पक्षकारों को 8,39,53,633 रुपये की धनराशि प्रतिकर के रूप में दिलाई गई।