-एसटीएफ को मिली सफलता, माल बरामदगी में जुटी एसटीएफ

-डिस्ट्रिक्ट पुलिस हुई फेल, जल्द होगा पूरे मामले का खुलासा

BAREILLY: टॉप कैरेट ज्वैलर्स लूटकांड में आखिरकार 16 दिन बाद एसटीएफ को सफलता हासिल हो गई है। एसटीएफ ने एक लुटेरे को हिरासत में लिया है और उसके पास से कुछ माल भी बरामद हुआ है। पुलिस दो अन्य लुटेरों की तलाश और पूरे माल की बरामदगी में लगी हुई है। सूत्रों की मानें तो लूट को बरेली से 1100 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के लुटेरों ने अंजाम दिया था। इसमें बरेली में रह रहे पश्चिम बंगाल के ही लुटेरे ने मुखबिरी की थी। पुलिस अधिकारी हालांकि अभी खुलासे को लेकर खुलकर नहीं बोल रहे हैं। एक संदिग्ध को देर रात पकड़कर बरेली भी लाया गया है। सनद रहे पिछले वर्ष बरेली में ताबड़तोड़ लूट में उड़ीसा के बदमाश पकड़े गए थे।

साथियों की तलाश जारी

सूत्रों के मुताबिक बरेली एसटीएफ को सर्विलांस के जरिए सूचना मिली थी कि बरेली में पीलीभीत बाईपास पर 4 जून को टॉप कैरेट्स ज्वैलर लूटकांड के लुटेरे आपस में कुछ बातें कर रहे हैं। जिसके चलते एसटीएफ ने सूचना को डेवलेप किया और फिर लखनऊ एसटीएफ की मदद से एक लुटेरे को धर दबोचा गया। उसने पूछताछ में बरेली में लूट की बात को कबूल लिया। उसके पास से कुछ माल भी बरामद हो गया। एसटीएफ उनके साथियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी, लेकिन वह निकल चुके थे। अब उनकी तलाश की जा रही है।

लोकल लुटेरे ने की मुखबिरी

बताया जा रहा है कि लुटेरों का एक साथी पश्चिम बंगाल का रहने वाला है, जो बरेली में संजय नगर में किराये पर रहता था। वह पहले भी कई वारदातें में शामिल रह चुका है। उसी ने अपने साथियों को लूट के लिए बुलाया था। उसके साथी पहले बरेली के पास के जिले में पहुंचे और फिर बाइक से बरेली पहुंचे और लूटकर फरार हो गए। दूसरे राज्य के होने के चलते पुलिस को उन्हें पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। ट्यूजडे को एसटीएफ ने एसएसपी को इस बारे में जानकारी दी तो क्राइम ब्रांच की टीम भी एसटीएफ के पास पहुंच गई, लेकिन उन्हें कोई अधिक जानकारी नहीं दी गई। जिसके बाद पीआरओ की ओर से मीडिया ग्रुप पर एसटीएफ के ज्वाइंट ऑपरेशन में लगाने का मैसेज डाल दिया, जिसके कुछ देर बाद हटा लिया गया। इससे लुटेरे के पकड़े जाने की खबर पर मोहर लग गई।

डिस्ट्रिक्ट पुलिस हाे गई फेल

टॉप कैरेट लूटकांड में एसटीएफ को जहां सफलता मिली है, वहीं कड़ी मेहनत के बाद भी डिस्ट्रिक्ट पुलिस फेल हो गई है। डिस्ट्रिक्ट पुलिस की ओर से करीब 250 पुलिसकर्मियों को खुलासे के लिए लगाया गया था, जिसके तहत क्राइम ब्रांच, सर्विलांस व थाने की पुलिस शामिल थी। पुलिस ने बरेली से लेकर बीसलपुर तक की सीसीटीवी फुटेज खंगाली थी, जिसके तहत दो बदमाशों के सीसीटीवी फोटो भी दिए थे। पुलिस ने करीब 3 हजार से अधिक फोटोग्राफ भी पीडि़त को दिखाए थे, लेकिन पहचान नहीं हो सकी थी। उसके बाद से पुलिस ईद और फिर पुलिस भर्ती की ड्यूटी में लग गई और केस की जांच ढीली पड़ गई।