नंबर आगे पीछे कर डिक्लेयर किए रिजल्ट

डीडीयू बीए सेकेंड इयर के स्टूडेंट सीरीश ने बताया कि यूनिवर्सिटी और कंपनी द्वारा हुई गलती की सजा यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को देने पर उतारू है। बारकोड की वजह से करीब सैकड़ों कॉपियों में दिक्कत आई है, जिसको छिपाने के लिए यूनिवर्सिटी ने जनरल मार्किंग कर डाली और नंबर्स को आगे पीछे कर रिजल्ट डिक्लेयर कर दिए। इसकी सबसे बड़ी वजह यूनिवर्सिटी द्वारा स्टार्ट किया गया बारकोडिंग सिस्टम है। टेंडरिंग कंपनी की लापरवाही की वजह से कॉपियों पर प्रॉपर बारकोड नहीं पड़ सके, इससे स्कैन मशीन बारकोड को रीड नहीं कर पा रही थी जिसकी वजह से रिजल्ट इनकंपलीट शो करने लग रहा है।

स्टूडेंट्स ने काटा बवाल

यूनिवर्सिटी की इस लापरवाही का स्टूडेंट्स को तब पता चला जब उनका रिजल्ट डिक्लेयर हुआ। पता चलते ही स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी की एडी बिल्डिंग पहुंचे। वहां पहले वह एग्जामिनेशन कंट्रोलर के रूम में पहुंचे तो ईसी वहां से नदारद थे। आधे घंटा वेट करने के बाद स्टूडेंट्स एडमिनिस्टे्रटिव बिल्डिंग की गेट पर पहुंचे और वहां का गेट बंद कर दिया। करीब एक घंटे तक उन्होंने गेट पर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान यूनिवर्सिटी का कोई भी जिम्मेदार उनसे मिलने के लिए नहीं पहुंचा। करीब सवा घंटे के बाद यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर ओपी पांडेय मौके पर पहुंचे, लेकिन उनसे कोई भी स्टूडेंट्स बात करने को तैयार नहीं हुआ। स्टूडेंट्स एग्जामिनेशन कंट्रोलर से ही बात करने के लिए अड़े रहे।

पुलिस के थ्रू डाला दबाव

स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम को सॉल्व करने की बजाए चीफ प्रॉक्टर ने उन्हें गेट खोलने को कहा, जब स्टूडेंट्स ने मना किया तो उन्होंने गाड्र्स को उन्हें हटवाने के लिए कहा। इसके बावजूद जब स्टूडेंट्स अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे तब प्रॉक्टर ने पुलिस के थ्रू दबाव बनाने की कोशिश की। इसके बावजूद स्टूडेंट्स डटे रहे। आखिकार प्रॉक्टर ने उन्हें रजिस्ट्रार से मिलने के लिए कहा, इस पर स्टूडेंट्स तैयार हुए। रजिस्ट्रार से काफी देर हुई बातचीत के बाद वह एप्लीकेशन देकर वापस लौटे। रजिस्ट्रार ने उन्हें इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे जल्द से जल्द डिस्पोजल करने का आश्वासन दिया।

डेढ़ लाख कॉपियां इफेक्टेड

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के ओवरऑल रिजल्ट में बारकोड की वजह से करीब डेढ़ लाख से ज्यादा कॉपियों पर इफेक्ट पड़ा है। इससे उन डेढ़ लाख स्टूडेंट्स का फ्यूचर तो खराब हो ही रहा है, वहीं रिजल्ट डिले पर डिले होते जा रहे हैं। बारकोडिंग मैच न होने से एक ही स्टूडेंट्स की कई आईडी जनरेट हो जा रही है, जिसकी वजह से उनके फाइनल रिजल्ट में खामियां ही खामियां हो जा रही है और रिजल्ट इनकंपलीट शो कर रहा है। यही वजह है कि अब तक यूनिवर्सिटी रिजल्ट डिक्लेयर करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है। यूनिवर्सिटी के ही एक टीचर की माने तो बारकोडिंग की वजह से ही स्टूडेंट्स को सेमेस्टर रिजल्ट में भी आरटीआई का सहारा लेना पड़ा है।

सभी स्टूडेंट्स अपनी प्रॉब्लम को एक अप्लीकेशन पर लिखकर दें। उसकी जांच कराकर इस प्रॉब्लम को दूर किया जाएगा।

एसके शुक्ला, रजिस्ट्रार, डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी

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