एकसाथ नहीं लेते मोटी रकम

एसपी सिटी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि गैंग 419 नाइजीरियन स्कैम के रूप में जाना जाता है। इससे जुड़े लोग बिजनेस टाइकूंस की डेथ के बाद उसकी प्रॉपर्टी, कैंसर या बड़ी बीमारी से पीडि़त की हेल्प या फिर बड़ी कंपनी में लॉटरी जीतने के नाम पर ठगी करते हैं। किसी को शक ना हो, इसके लिए इंडिया के ही किसी शख्स का नाम और अकाउंट नंबर दिया जाता है। गैंग एक साथ मोटी रकम अकाउंट में नहीं डलवाता, बल्कि छोटी-छोटी रकम कस्टम, आरबीआई और अन्य खर्चों के तौर पर डलवाता है। इससे विक्टिम का भरोस उन पर बना रहता है। अफ्रीकन कंट्री के करीब 200 लोग दिल्ली के पालम, मायापुरी और अन्य एरियाज से रैकेट ऑपरेट कर रहे हैं।

50 अकाउंट में जमा कराई रकम

बरेली के 32 लोग इस गैंग का शिकार बन चुके हैं। गैंग आईसीआईसीआई, एसबीआई, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक समेत कई बैंकों में अकाउंट ओपेन करते हैं। अब तक 50 अकाउंट में रकम डलवाने की बात सामने आई है। ये अकाउंट नॉर्थ ईस्ट के लोगों के नाम पर वहीं ओपेन किए गए हैं। इनके नाम विदेशियों की तरह जो लगते हैं। एक तरफ अकाउंट में रकम क्रेडिट होती है, दूसरी तरफ एटीएम से निकाल ली जाती है। अकाउंट डिटेल के मुताबिक, अधिकांश रकम दिल्ली के एटीएम से निकाली गई है। गैंग एक साथ हजारों लोगों को मेल भेजता है। पता चला है कि करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन किया जा चुका है। किसी भी अकाउंट में तीन हजार से ज्यादा  नहीं बचे हैं।

बरेली में भी सेंटर

पुलिस को अकाउंट्स की जो जानकारी मिली है, उसमें से ज्यादातर नॉर्थ ईस्ट के हैं। हालांकि बरेली में भी अकाउंट ओपेन किए गए हैं। जिन लोगों के नाम अकाउंट ओपेन हैं, उनमें नागालैंड के रूसी, एलोय नापामी, राम हहुनकिम,रामलखन, इनावेयतमी, दीमापुर के हिमसिसुआ, एम रोजी, इटोनी, इनोवी आपमी, रिनचौमी, हिटोमी शामिल हैं। एक अकाउंट दिल्ली और एक नोएडा का है। इसके अलावा एक अकाउंट बरेली के घेर जाफर खां, मिर्जा मस्जिद बारादरी निवासी फहीम हुसैन के नाम पर है।

बैठे-बिठाए पुलिस की लगी लॉटरी

ठगी के इंटरनेशनल रैकेट की पुलिस को लंबे समय से तलाश थी। डीआईजी के निर्देश पर एसएसपी ने कई टीमें बनाई थीं। जांच के चक्कर में क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली गई थी, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। लोग एक के बाद एक ठगी का शिकार हो रहे थे। सैटरडे को अपनी ही गलती की वजह से दोनों इंटरनेशनल ठग पुलिस के हाथ आ गए। असल में आना सिर्फ एक को था, लेकिन दो आ गए। वहीं पुलिस को देखकर वे बाइक से भागने भी लगे। दोनों लॉटरी की फेक करेंसी का बॉक्स देकर, असली रकम लेने आए थे। पर यहां तो उल्टा पुलिस की ही लॉटरी लग गई।

फिर भी फंस गए

रामचंद्र, प्रेमनगर में रहते हैं। उन्होंने आईआईटी से इंजीनियरिंग की है। वह ओएनजीसी में इंजीनियर थे और अहमदाबाद में जॉब करते थे। फिर 14 साल तक मस्कट और वेनेजुएला में प्राइवेट कंपनी में जॉब की। बेटी की शादी और वाइफ की डेथ के बाद कुछ सालों से वह बरेली में ही रह रहे हैं। इतने ज्यादा एजूकेटेड होने के बावजूद भी वह लालच में फंस गए। उनकी अहमदाबाद, बरेली समेत कई जगह प्रॉपर्टी है।

लॉटरी के लिए 25 लाख गंवाए

रामचंद्र ने बताया कि उनके पास 16 सितंबर को एक मेल आया। उसके मुताबिक, उन्होंने इरेजोना नेशनल कंपनी में दो मिलियन डॉलर की लॉटरी जीती। लॉटरी की रकम के लिए उन्हें नीचे दी गई डिटेल भरकर भेजनी थी। मेल में ऑर्गनाइजर का नाम जैफ हैक लिखा था। उन्होंने मेल का जबाव दिया और अपना नाम, मोबाइल नंबर और एड्रेस लिखकर भेज दिया। जबाव आया कि उनकी डिटेल एक्सेप्ट कर ली गई है। दो दिन बाद जबाव आया कि उनका प्राइज अप्रूव्ड हो गया है। एक मोबाइल नंबर पर बात करने के लिए कहा गया। पहले कस्टम के नाम पर 18 हजार रुपए जमा कराए गए। फिर आरबीआई और ना जाने क्या-क्या। इस तरह से उनके कुल 70 हजार रुपए जमा करा लिए गए। उन्होंने 10 हजार रुपए की लास्ट रकम सतोबी अवोमी के एसबीआई अकाउंट में 5 अक्टूबर को जमा की। वह इस तरह से लॉटरी के नाम पर करीब आधा दर्जन मेल का जवाब देकर कुल 20-25 लाख रुपए जमा करा चुके थे।

रास्ते में धरे गए

रामचंद्र की नाइजीरियन ठग से लगातार बात चल रही थी। सैटरडे रात उसने बरेली आकर उन्हें 2 मिलियन डॉलर से भरा बॉक्स देने की बात कही। रामचंद्र रात में उसे अपनी बाइक से लेने पहुंचे। जब उन्होंने देखा कि दो लोग हैं तो एक को अपनी बाइक पर पीछे बैठा लिया और दूसरे को ऑटो में। ऑटो ड्राइवर का नाम राजेश है। ऑटो में बैठे ठग के पास 20-25 किलो वजन की अटैची थी। वे रामचंद्र के घर जा रहे थे कि धर्मकांटा के पास पुलिसकर्मी को शक हुआ और उसने ऑटो रोकने के लिए कहा। इस पर बाइक पर बैठा ठग कूदकर भाग गया, लेकिन ऑटो में बैठा शख्स पकड़ा गया। वायरलेस करके दूसरे को भी सैटेलाइट के पास से पकड़ लिया गया। दोनों ने अपनी पहचान नाइजीरिया निवासी नेम्डी किग्लेस अकोसा और साउथ अफ्रीका निवासी मार्क ब्लैस्ड सैमुअल बताई है।