- जीपीएस सिस्टम से लैस है रेडियो टैक्सी

BAREILLY:

शहर में रेडियो टैक्सी बहुप्रतीक्षित आस तीन वर्षो बाद पूरी हुई, लेकिन इसका सफर जेब पर भारी पड़ रहा है। क्योंकि टैक्सी संचालक शासन से निर्धारित किराया लेने की बजाय यात्रियों की जेब काट रहा है। हैरत की बात यह है के गलत किराया वसूली को खुद आरटीओ ही सपोर्ट कर रहे हैं।

150 रुपए फिक्स किराया

बरेली में रेडियो टैक्सी का संचालन राजेन्द्र नगर की एक ट्रवेल्स एजेंसी कर रही है। संचालक ने रेडियो टैक्सी का फेयर अपने स्तर से 150 रुपए फिक्स कर दिया है। इसके लिए शहर में चार डेस्टिनेशन एयरफोर्स के दोनों गेट, मिनी बाईपास, जाट रेजिमेंट व वीरांगना चौक बनाया है, जहां से शहर में कहीं भी सफर करने पर यात्री से फिक्स चार्ज टैक्सी संचालक वसूल कर रहे हैं।

एसटीए ने तय किया है किराया

सनद रहे कि कॉमर्शियल वाहनों का फेयर स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी तय करती है। जारी नोटिफिकेशन में शासन ने रेडियो टैक्सी के लिए प्रदेश भर में एक किराया तय किया है, जिसके मुताबिक पहले ढाई किमी। तक 50 रुपया। इसके बाद प्रति किमी। या उसके किसी भी हिस्से के लिए 20 रुपया चार्ज टोटल फेयर में एड होता जाता है। यह व्यवस्था 5 सीटर टैक्सी के लिए है। 7 सीटर टैक्सी में पहले ढाई किमी। के लिए 50 के बाद प्रति किमी। या उसके किसी भी हिस्से के लिए 25 रुपया किराया देय है। रात 11 बजे से सुबह 5 बजे के बीच रेडियो टैक्सी यूज करने पर कुल फेयर का 25 परसेंट किराया देय है। 30 मिनट का कोई वेटिंग चार्ज नहीं है। इसके बाद 50 रुपए प्रति घंटे वेटिंग चार्ज का नियम है। नियमत: रेडियो टैक्सी संचालक को इसी हिसाब से किराया वसूल करना चाहिए, लेकिन बरेली में रेडियो टैक्सी संचालक एसटीए के फेयर को सीधे चुनौती दे रहा है। पब्लिक भी जानकारी के अभाव में अधिक किराया देने के लिए बाध्य है।

कम डिस्टेंस पर भारी चार्ज

रेडियो टैक्सी के फिक्स रेट की मार सबसे ज्यादा कम दूरी के यात्रियों पर पड़ रही है। क्योंकि रेडियो टैक्सी की ज्यादा डिमांड शहर के भीतरी इलाकों में है। ऐसे में, दो-चार किमी। की दूर के लिए रेडियो टैक्सी का सफर महंगा पड़ रहा है। हालांकि, लंबी दूरी के यात्रियों को डेढ़ सौ रुपए में सफर फायदे का सौदा हो रहा है, लेकिन इसका मोटा मुनाफा ऑपरेटर की जेब में ही जा रहा है। जबकि, एसटीए से तय किराया वसूल किया जाता तो बड़ी संख्या में लोगों को फायदा मिलता।

रेडियो टैक्सी में मिलनी है ये सुविधाएं

- सभी कार में एसी।

- जीपीएस से लैस

- कंट्रोल रूम

- कैरेक्टर सर्टिफिकेट प्रमाणित ड्राइवर

-यूनिफॉर्म में ड्राइवर

- हेल्प लाइन नंबर

-ड्राइवर सीट के पीछे इमरजेंसी बटन, जिसे दबाने पर कंट्रोल रूम को इत्तिला मिल जाएगी।

काफी समय बाद शहर में रेडियो टैक्सी की शुरुआत हो पाई है। रेडियो टैक्सी चलाने के लिए शहर में फिलहाल एक ट्रवेल एजेंसी को परमिशन दी गई है। ट्रवेल एजेंसी सभी डेस्टीनेशन का 150 ले रही है इसमें इस बात का ध्यान दिया गया है कि वह निर्धारित मानक से अधिक तो नहीं है।

आरआर सोनी, आरटीओ

बेस फेयर, वेटिंग चार्ज और फेयर इन बातों को समझा पाना कस्टमर्स को मुश्किल होती है। 50 रुपए बेस फेयर, 2 रुपए प्रति मिनट वेटिंग चार्ज और 20 रुपए प्रति किलोमीटर इसमें हीडेन चार्ज अधिक है। इस वजह से शहर के सभी डेस्टीनेशन का एक फिक्स किराया तय कर दिया है।

सपन मेहरोत्रा, एजेंसी ओनर