-4 जुलाई से अस्थायी कर्मचारियों की चल रही थी हड़ताल 15 जुलाई से तालाबंदी

- देर शाम मैनेजमेंट कमेटी की बैठक के बाद हुई कर्मचारियों से वार्ता

BAREILLY :

बरेली कॉलेज के अस्थाई कर्मचारियों की हड़ताल और कॉलेज में तालाबंदी से परेशान छात्रों का गुस्सा फूटा तो उच्च शिक्षा अधिकारी के साथ प्रशासन के अधिकारी भी सकते में आ गए। उच्च शिक्षा अधिकारी, एसीएम और पुलिस ने सुबह से ही कॉलेज के ताले खुलवाने के प्रयास शुरू कर दिए। लेकिन इधर कर्मचारी मांगे माने जाने के बाद ही ताले खोलने की बात पर अड़े रहे तो दूसरी ओर छात्र संगठन कॉलेज में धरना देकर बैठ गए। दिनभर चली गहमागहमी के बाद देर शाम प्रबंध समिति की बैठक में मांगे मानने के निर्णय के बाद कर्मचारियों ने कॉलेज के ताले खोले। विवाद बढ़ने की आशंका के चलते कॉलेज में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा।

प्रबंध समिति की आकिस्मक बैठक

कॉलेज में तालाबंदी खत्म कराने के लिए बरेली कॉलेज प्रबंध समिति को देर शाम आकस्मिक बैठक बुलानी पड़ी। बैठक प्रबंध समिति के सचिव देवमूर्ति के आवास पर शाम साढ़े छह बजे शुरू हुई। बैठक में उपाध्यक्ष काजी अलीमउद्दीन, सचिव देवमूर्ति, डॉ। दिनेश जौहरी, डॉ। एके चौहान, केसी पारासरी, एम लायक अली खां, प्रभास चन्द्र आजाद, सुभाष मेहरा, प्राचार्य डॉ। अजय शर्मा, चीफ प्रॉक्टर डॉ। वन्दना शर्मा, डॉ। एमके सिंह मौजूद रहे।

बैठक में लिए गए निर्णय

-अस्थायी थर्ड एंव फोर्थ क्लास कर्मचारियों को 11 माह का वेतन मिलेगा।

-अस्थायी थर्ड क्लास कर्मचारियों को 8250 रुपए और फोर्थ क्लास कर्मचारियों को 6500 रुपए प्रतिमाह वेतन निर्धारित।

- महाविद्यालय में अधिक प्रवेश होने या विशेष अनुदान प्राप्त होने पर 15 दिन का अतिरिक्त वेतन दिया जा सकता है।

लिखित में मांग पूरी कराने पर अड़े

बरेली कॉलेज में चल रहा धरना खत्म कराने और कॉलेज खुलवाने की मांग को लेकर एबीवीपी और सछास के कार्यकर्ता मंडे सुबह उच्च शिक्षाधिकारी के ऑफिस पहुंचे। उन्होंने कॉलेज के कर्मचारियों से वार्ता कर कॉलेज का ताला खुलवाकर पढ़ाई शुरू कराने की बात कही। जिस पर उच्च शिक्षाधिकारी राजेश प्रकाश, एसीएम हरिओम, सीओ नीति द्विवेदी पुलिस फोर्स के साथ धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होने कर्मचारियों से ताला खोलने की बात कही लेकिन वह अपनी मांगों को लिखित में पूरा कराए बगैर ताला खोलने को तैयार नहीं हुए।

एबीवीपी ने दिया था धरना

सुबह से ही उच्च शिक्षा अधिकारी, एसीएम और पुलिस ने आंदोलन कर रहे अस्थाई कर्मचारियों को समझाकर ताले खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन कर्मचारी ताले खोलने को राजी नहीं हुए। इस पर गुस्साए एबीवीपी कार्यकर्ता भी कॉलेज परिसर में धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की। छात्र नेताओं का कहना था कि सेकंड ईयर और थर्ड ईयर स्टूडेंट्स ने अभी तक फीस ही जमा नहीं की है। जिससे उनकी पढ़ाई पर संकट आ गया है। प्रशासन ने छात्रों को ट्यूजडे तक तालाबंदी खुलवाकर कॉलेज खुलवाने का भरोसा दिया। जिसके बाद छात्र संघ ने धरना समाप्त किया। तालाबंदी खुलवाने के लिए सछास एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने भी मांग की।

कर्मचारियों की ये थी मांगे

-सभी 168 अस्थायी कर्मचारियों को बहाल किया जाए।

-कर्मचारियों को 12 माह का वेतन दिया जाए

-श्रम कानून के अंतर्गत वेतनमान लागू किया जाए

-पीएफ आदि की सुविधाएं दिलाई जाएं

-बरेली कॉलेज सचिव और प्राचार्य लिखित में मांगों को पूरा करने का पत्र जारी करें

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कर्मचारियों ने मांगी इच्छा मृत्यु

काफी समझाने के बाद भी जब कर्मचारी कॉलेज के ताले खोलने को राजी नहीं हुए तो पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने भी सख्त रुख अपना लिया। कर्मचारियों को चेतावनी दी कि यदि शाम तक ताले नहीं खोले तो बल पूर्वक ताले खुलवा दिए जाएंगे। जिस पर अस्थाई कर्मचारियों ने कहा कि बगैर मांगों को पूरा किए ताला खोला गया तो वह राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे।

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प्रशासन, पुलिस और उच्च शिक्षाधिकारी के सहयोग से हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से वार्ता की गई। वार्ता में कर्मचारी सहमत हो गए और उन्होंने खुद की रात आठ बजे ताला खोल दिया। ट्यूजडे से कॉलेज खुलेगा।

डॉ। अजय शर्मा, प्राचार्य बरेली कॉलेज

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प्रशासन से वार्ता हुई है जिसमें कुछ मांगे हमारी मान ली गई हैं। जिसके बाद हम लोगों ने कॉलेज का ताला खोल दिया है। ट्यूजडे से हम लोग काम पर लौटेंगे।

जितेन्द्र मिश्रा, कर्मचारी संघ अध्यक्ष