- आरोपी शिक्षक को बचाने में लगा कॉलेज प्रशासन

- 7 दिन दिन में देनी थी रिपोर्ट 60 दिन बाद भी पता नहीं

BAREILLY:

बरेली कॉलेज में जातिवाद को लेकर हुए विवाद में शिक्षक के भूमिका को लेकर चल रही जांच की रिपोर्ट ठंडे बस्ते में चली गई है। मामले में आरोपी छात्र को सलाखों के पीछे जाना पड़ा था, लेकिन विवाद की असल वजह बताए जा रहे शिक्षक पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। इसे लेकर जांच कर रही कमेटी के सदस्यों ने भी चुप्पी साध रखी है। कोई भी सदस्य इस बारे में बोलने को तैयार नहीं है।

यह था पूरा मामला

बता दे कि लगभग दो महीने पहले लॉ विभाग में एक छात्र और छात्रा के बीच जातिवाद को लेकर विवाद हो गया था। विवाद के दौरान ही छात्र ने छात्रा को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद मामले ने इतना तूल पकड़ा कि कई दिनों तक कॉलेज कैंपस छावनी बना रहा। मामले में आरोपी छात्र को मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया था।

शिक्षक पर बैठाइर् थी जांच

इस पूरे मामले की जड़ में कॉलेज के ही एक शिक्षक का नाम आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने शिक्षक की भूमिका की जांच के लिए कमेटी बनाकर सात दिन में रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन लगभग दो महीने बीतने के बाद भी न तो कमेटी ने कॉलेज प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी और न ही यह साफ हो सका कि मामले में शिक्षक दोषी था या नहीं।

आखिर क्यों बचाने में लगा कॉलेज प्रशासन

सूत्रों की मानें तो कॉलेज प्रशासन आरोपी शिक्षक को बचाने में लगा है। यही वजह है कि दो महीने बीतने के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर कमेटी ने अब तक जांच रिपोर्ट क्यों नहीं दी। बता दें कि जांच कमेटी पहले आरयू के मेन एग्जाम का बहाना बनाकर मामले को टालती रही और अब एग्जाम खत्म होने के बाद भी कमेटी रिपोर्ट नहीं सौंप रही है।

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मामला पुलिस में विचाराधीन है। आरोपी शिक्षक ने जांच कमेटी में अपना पक्ष दे दिया है। आगे क्या कार्रवाई हुई इस बारे में कमेटी से बात होगी।

डॉ। अजय कुमार शर्मा

प्राचार्य , बरेली कॉलेज