-छेड़छाड़ की घटना रोकने के लिए बनाई गई कमेटी

-कमेटी कॉलेज में छात्राओं की सुरक्षा के इंतजाम की रिपोर्ट भेजेगी आयोग को

-छेड़छाड़ की वारदातों की करेगी जांच, कमेटी में सभी महिला प्रोफेसर्स

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क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

आरयू और बीसीबी ने यूजीसी के आदेश पर 'सक्षम' कमेटी बना दी है। जो छात्राओं की सुरक्षा के लिए किए गए इंतजाम की रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजेगी। वहीं, यूनिवर्सिटी और कॉलेज कैंपस में होने वाली छेड़छाड़ की निष्पक्ष जांच करेगी। हैरानगी कि बात यह है कि दोनों जगह छात्राओं की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब इसका रियलिटी चेक किया, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। यूनिवर्सिटी में थर्ड आई केवल एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में लगी मिली। वहीं, बीसीबी की तीसरी आंख खराब हो चुकी है। इसके अलावा दोनों जगह मनचले बेरोकटोक के कैंपस में घुस आते हैं और छेड़छाड़ की वारदात कर भाग जाते हैं।

केस नं। 1

पांच नंवबर को बीसीए की छात्रा किसी काम के कॉलेज आई थी। बीसीबी कैंपस में लगी स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के पास खड़े स्टूडेंट लीडर ने उस पर कमेंट किया। छात्रा ने जब इसका विरोध जताया, तो उसने पहले छात्रा के थप्पड़ जड़ दिया था। साथ ही हाथ पकड़कर उसे खींचने का प्रयास किया था। चौंकाने वाली बात यह है कि कॉलेज ने पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

केस नं। 2

बीबीए फ‌र्स्ट ईयर की छात्रा 10 नवंबर को क्लास अटेंड करने जा रही थी। इसी दौरान डिपार्टमेंट के गेट पर खड़े स्टूडेंट ने उस पर भद्दे कमेंट किए थे। इस पर छात्रा ने डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। राजीव मेहरोत्रा को लिखित में शिकायत की और मनचले पर कार्रवाई की मांग की है, लेकिन आरोपी स्टूडेंट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

यह दो केस केवल बानगी भर हैं। ऐसी दर्जनों शिकायतें आरयू और बीसीबी के पास आती हैं। जिसमें छात्राएं छेड़छाड़ का आरोप लगाती हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन और बीसीबी उन शिकायतों पर कार्रवाई की जहमत तक नहीं उठाता है। इस कारण छात्राएं अनसेफ फील करती हैं। शैक्षिक संस्थान में सुरक्षित माहौल मुहैया कराने की जिम्मेदारी यूजीसी ने उठाई है। उसने यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज को 'सक्षम' कमेटी बनाने का निर्देश दिया है। यूजीसी के आदेश पर आरयू और बीसीबी में 'सक्षम' कमेटी बना दी है। आरयू में प्रो। नीलिमा गुप्ता और बीसीबी में डॉ। सुनीता शर्मा को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इस कमेटी की जिम्मेदारी है कि यूनिवर्सिटी और कॉलेज कैंपस में छात्राओं की सुरक्षा के लिए की गई व्यवस्था का आंकलन कर आयोग को रिपोर्ट भेजें। इसके साथ ही छेड़छाड़ की वारदात होने पर उसकी निष्पक्ष जांच करेगी।

दावों में नहीं है दम

आरयू और बीसीबी छात्राओं को सेफ माहौल देने का दावा करते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब इन दावों की हकीकत को परखा, तो उनमें काफी झोल नजर आया। आरयू में 12 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। यह सभी कैमरे रिकॉर्ड रुम, रजिस्ट्रार ऑफिस, एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक, चार्ट रुम आदि में लगे हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी कैंपस में एक भी कैमरा नहीं लगा है। वहीं, बीसीबी में 11 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमें से छह प्रिंसिपल ऑफिस में लगे हैं। वहीं, एक कैमरा कॉमर्स ब्लॉक, एक इंग्लिश डिपार्टमेंट, एक प्रॉक्टोरियल ऑफिस, एक सेमिनार और एक जीसीआर में लगा है। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि सभी कैमरे खराब हैं। इस कारण छात्राएं अनसेफ महसूस करती हैं। क्योंकि मनचले छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम देकर निकल जाते हैं। प्रॉक्टोरियल बोर्ड सबूत के अभाव में कार्रवाई नहीं कर पाते हैं।

वर्जन

कॉलेज कैंपस में लगे कैमरों को दुरूस्त कराया जाएगा। ताकि छात्राएं सेफ फील करें। वहीं, कैमरे लगने मनचलों की एंट्री पर भी रोक लगेगी।

डॉ। एसपी मौर्य, चीफ प्रॉक्टर

जल्द की यूनिवर्सिटी कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ताकि, मनचलों पर शिकंजा कसा जा सके। छात्राओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

डॉ। एसएल मौर्य, रजिस्ट्रार