- सीनियर मोस्ट डॉ। आरबी सिंह ने प्रिंसिपल पद को लेकर दावा ठोका

- बीसीबी में 1 जुलाई को बदल सकते हैं प्रिंसिपल

- अचानक हुए इस घटनाक्रम से सभी हैरान

BAREILLY: काफी दिनों से शांत पड़े बरेली कॉलेज के माहौल में मंडे को अचानक बड़ी हलचल पैदा होगी। एक नए घटनाक्रम ने कॉलेज में सरगर्मियां तेज कर दी हैं। कॉलेज के वर्तमान प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव ने मैनेजमेंट को कुर्सी छोड़ने का प्रस्ताव भेज दिया। उनका एक वर्ष का कार्यकाल 30 जून को ही खत्म होने वाला था। एक दिन पहले ही उन्होंने पद त्याग का प्रस्ताव भेजकर सभी को सकते में डाल दिया। एक सीनियर टीचर का प्रिंसिपल पद पर दावा किए जाने की प्रतिक्रिया में उन्होंने नैतिकता के आधार पर यह कदम उठाया है। अब गेंद मैनेजमेंट के पाले में है। हालांकि अब प्रिंसिपल बदले जाने की अटकलों पर विराम लगता जा रहा है। यह पुष्ट होता जा रहा है कि डॉ। सोमेश यादव का पद त्याग का पत्र मंजूर कर लिया जाएगा।

कैसे बदला घटनाक्रम

पूर्व प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह का कार्यकाल 30 जून 2014 को खत्म होने वाला था। तब मैनेजमेंट कमेटी ने डॉ। सोमेश यादव को अपने विवेक के आधार पर डॉ। सोमेश यादव को प्रिंसिपल का कार्यभार सौंप दिया था। उस समय अन्य वरिष्ठ टीचर्स ने भी प्रिंसिपल पद के लिए दावा किया था। क्योंकि डॉ। सोमेश यादव प्रिंसिपल के पद पर आयोग द्वारा नियुक्त नहीं किए गए थे ऐसे में उनका कार्यकाल केवल 90 दिनों तक ही था। उसके बाद तब तक कंटीन्यू कर सकते थे। जब तक मैनेजमेंट उनसे हटने के लिए न कहे या फिर कोई अन्य सीनियर टीचर प्रिंसिपल के लिए दावा न करे। अचानक जब एक वर्ष का कार्यकाल खत्म होने को है तो कमेस्ट्री डिपार्टमेंट के हेड डॉ। आरबी सिंह ने इस पद के लिए दावा ठोक दिया है। उन्होंने अपने दावा का लेटर मैनेजमेंट कमेटी के सेक्रेट्री देवमूर्ति को सौंप दिया है। डॉ। सोमेश यादव ने कहा कि जब कोई सीनियर टीचर खुद ही दावा करे तो मेरा यह नैतिकता के आधार पर कर्तव्य बनता है कि कुर्सी छोड़ दूं।

प्रिंसिपल पद को लेकर शुरू से रहा विवाद

डॉ। आरपी सिंह के रिटायरमेंट के होने पर इस पद को लेकर शुरू से ही विवाद गहरा गया था। आयोग की तरफ से कोई भी नियुक्त नहीं किया गया। ऐसे में 1 जुलाई को नए पि्रंसिपल को चार्ज सौंपना था। कई टीचर ने दावा किया था। जिसमें सबसे सीनियर डॉ। आरबी सिंह ने भी दावा किया था। लेकिन मैनेजमेंट कमेटी ने डॉ। आरबी सिंह के दावे को दरकिनार करते हुए डॉ। सोमेश यादव को प्रिंसिपल का चार्ज सौंप दिया। वे पहले भी 2 सितम्बर 2002 से 26 सितम्बर 2003 तक प्रिंसिपल का पद संभाल चुके थे। इससे पहले वे काफी समय तक संघ लोक सेवा आयोग के मेंबर भी रह चुके थे। वहीं सत्तापक्ष से उनकी काफी गहरी नजदीकियां हैं। जिसको देखते हुए उन्हें यह चार्ज सौंप दिया गया था।

अचानक घटनाक्रम से सभी हैरान

अचानक एक वर्ष के बाद अचानक हुए इस घटनाक्रम से सभी हैरान हैं। सभी को पता है कि डॉ। आरबी सिंह सीनियरमोस्ट टीचर हैं। उनका एक वर्ष का ही कार्यकाल बचा है। डॉ। सोमेश यादव का कार्यकाल रूल के अनुसार 90 दिनों तक ही रह सकता था। ऐसे में वे 91वें दिन इस पद के लिए दावा ठोक सकते थे। तब भी उनको प्रिंसिपल का चार्ज दे दिया गया होता। अचानक एक वर्ष के बाद नए सेशन में दावा ठोकने का मामला सभी के समझ के परे लगता है। दोनों ही टीचर साथ-साथ पढ़ाई कर चुके हैं। सीनियर होने के बाद भी कई मामलों में डॉ। सोमेश यादव को ज्यादा लाभ मिले हैं। वहीं सोर्सेज की मानें तो डॉ। सोमेश यादव की कार्यप्रणाली को लेकर शिक्षक का एक धड़ा नाखुश था। मेन एग्जाम में उनका टकराव भी हुआ था। बताया जा रहा है कि उस धड़े का ही यह एक दाव था। हालांकि डॉ। सोमेश यादव ने बताया कि उन्होंने सभी टीचर्स को साथ में लेकर काम किया और सभी ने उनका साथ भी दिया है। चंद शिक्षक ऐसे हो सकते हैं जिनका काम करने का मन नहीं था और उन्होंने मेरे उपर ऐसे आरोप लगाए हों।

1 जुलाई को बदल जाएंगे प्रिंसिपल

वहीं डॉ। सोमेश यादव के पद त्याग का प्रस्ताव देने के बाद से स्थिति धीरे-धीरे साफ होती जा रही है। 1 जुलाई को प्रिंसिपल डॉ। आरबी सिंह द्वारा कार्यभार संभालना पक्का माना जा रह है। अभी मैनेजमेंट कमेटी के सेक्रेट्री और डॉ। आरबी सिंह दोनों ही शहर से बाहर हैं। ऐसे में उनके आने के बाद ही कार्य भार सौंपने और ग्रहण करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। वहीं दूसरी तरफ सोर्सेज की मानें तो पद त्याग के बाद अब डॉ। सोमेश यादव भी अवकाश पर जा रहे हैं। फिलहाल कोई भी इसकी पुष्टि करने से कतरा रहा है।

मैं शहर से बाहर हूं। डॉ। सोमेश यादव का लेटर मुझे प्राप्त नहीं हुआ है। डॉ। आरबी सिंह का लेटर प्राप्त हो गया है। उन्होंने पद को लेकर दावा किया है। सीनियर मोस्ट टीचर होने के नाते उन्हें प्रिंसिपल का चार्ज दिया जाएगा।

- देवमूर्ति, सेक्रेट्री, मैनेजमेंट कमेटी, बीसीबी

डॉ। आरबी सिंह ने पद को लेकर दावा किया है। ऐसे में नैतिकता के आधार पर मेरा पद त्याग देना बनता है। मैने सेक्रेट्री को लेटर भेज दिया है। डॉ। आरबी सिंह 91वें दिन भी दावा करते तब भी मैं पद त्याग देता।

- डॉ। सोमेश यादव, प्रिंसिपल, बीसीबी

मैं शहर से बाहर हूं। सीनियर मोस्ट टीचर होने के नाते मैंने प्रिंसिपल पद का दावा किया है। मैं 30 जून शाम को आउंगा और 1 जुलाई को प्रिंसिपल का पद ग्रहण कर लूंगा।

- डॉ। आरबी सिंह, हेड कमेस्ट्री, बीसीबी