-नियमों को ताक पर रखकर बीसीबी में कटवा दिए पेड़

-नियम के अनुसार वन विभाग से अनुमति लेना जरूरी

>BAREILLY

एक ओर केंद्र और राज्य सरकार हरियाली बढ़ाने पर जोर दे रही है तो दूसरी ओर बीसीबी एडमिनिस्ट्रेशन ने हरे पेड़ को काटने पर तुला है। बीसीबी कैंपस में शहतूत के लगे दो पेड़ वन विभाग की अनुमति के बिना एडमिनिस्ट्रेशन कटवा दिए और तर्क दिया कि पेड़ सूखे थे। वहीं जब आई नेक्स्ट ने कटे पेड़ों की जो तस्वीर कैमरे में कैद की है। उससे साफ पता चल रहा है कि पेड़ रहे थे।

छुट्टी के दिन कटवाए पेड़

पेड़ काटने पर कोई आपत्ति न उठाए, इसके लिए कॉलेज मैनेजमेंट ने काफी होशियारी दिखाई। उसने छुट्टी के दिन संडे को चुना। उसने दो मजदूर बुलाकर चुपचाप दो पेड़ कटवा दिए। पेड़ कटवाने के लिए कॉलेज मैनेजमेंट ने नियमों को ताक पर रख दिया। वन विभागों के नियम के मुताबिक कॉलेज मैनेजमेंट को पेड़ कटवाने से पहले से अप्लीकेशन देनी चाहिए थी। उसके बाद वन विभाग की टीम दोनों पेड़ों का मूल्यांकन करती। मूल्यांकन के बाद पेड़ों की नीलामी होती। इसमें मूल्यांकन से अधिक कीमत पर पेड़ों को बेचा जाता। इसके बाद ही पेड़ों को काट सकता था, लेकिन बीसीबी एडमिनिस्ट्रेशन ने नियमों को दरकिनार करते हुए पेड़ कटवा दिए।

पेड़ सूखे थे, इसलिए वन विभाग से अनुमति नहीं ली गई। कॉमर्स डिपार्टमेंट जाने वाले रास्ते के मोड़ पर पेड़ था। इसलिए कटवा दिया गया।

डॉ। सोमेश यादव, प्राचार्य

बरेली कॉलेज बरेली ने पेड़ काटे जाने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। कॉलेज मैनेजमेंट ने कोई अनुमति नहीं है। जबकि कोई भी पेड़ काटने से वन विभाग से अनुमति लेना जरूरी होता है।

धर्म सिंह, डीएफओ