-मकान के विवाद की बुजुर्ग ने आईजी से की थी शिकायत

-एसएसपी ऑफिस और थाना से नहीं दर्ज हुई थी एफआईआर

BAREILLY: बरेली पुलिस ने शासनादेश का हवाला देकर मकान के विवाद का मुकदमा नहीं लिखा तो बुजुर्ग अमर सिंह ने मामले की शिकायत आईजी रूल्स एंड मैनुअल अमिताभ ठाकुर से कर दी। अमिताभ ठाकुर ने एसएसपी को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया । इसके साथ ही एफआईआर दर्ज कर उन्हें भी अवगत कराने का निर्देश दिया। संडे को एसएसपी के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

शासनादेश का दिया था हवाला

65 वर्षीय अमर सिंह, वाकैय मोहल्ला, बिहारीपुर किशोर बाजार सिविल लाइंस में रहते हैं। वह फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से रिटायर्ड क्लर्क हैं। वह हार्ट पेशेंट हैं और उन्हें पेसमेकर भी लगा हुआ है। उनका परिवार में जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा है और परिवार के सदस्यों ने किसी और को उनकी संपत्ति का भी बैनामा कर दिया है। अमर सिंह ने 14 जून 2016 को आईजी रूल्स एंड मैनुअल से शिकायत की थी कि उन्होंने 16 मई को एसएसपी के जनता दरबार में जमीन के फर्जीवाड़े का प्रार्थना पत्र दिया था। जिसे एसएसपी ने अपने पास रख लिया और एक माह तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अमर सिंह का आरोप है कि एसएसपी ने उनसे कहा कि पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है। उन्होंने एसएसपी से एफआईआर दर्ज करने की काफी सिफारिश की तो एसएसपी ने कहा कि शासन के आदेश हैं जमीन या मकान की धोखाधड़ी से संबंधित किसी भी विवाद की रिपोर्ट दर्ज न की जाए।

पुलिस रेग्यूलेशन के उल्लंघन का आरोप

अमर सिंह ने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षीगण की राजनीतिक पहुंच रखने के कारण बरेली पुलिस खुलेआम पुलिस रेग्यूलेशन के प्रावधानों की अनदेखी या उल्लंघन कर रही है। जबकि थाना कोतवाली के नोटिस बोर्ड में साफ-साफ लिखा है कि थाने में आए हुए प्रत्येक पीडि़त व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज की जाए लेकिन बरेली पुलिस ऐसा नहीं कर रही है। उन्हें विपक्षियों द्वारा धमकियां दी जा रही हैं कि यदि रिपोर्ट दर्ज कराई तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जिससे वह काफी डरे हुए हैं।

हिस्से का मकान बेचने का आरोप

अमर सिंह ने एसएसपी से शिकायत की थी उनका बिहारीपुर में 55 वर्ग का पैतृक मकान है। उनके चार भाई थे जिसमें एक भाई की शादी से पहले मौत हो गई थी। जिससे एक मकान पर तीन भाई का हक हुआ। उनके एक भाई ओमप्रकाश का परिवार देहरादून में रहता है। यहां पर उनके भतीजे अमर दीप और आकाश दीप रहते हैं। उनका आरोप है कि इन दोनों ने मिलकर तीनों हिस्सों को पीलीभीत बाईपास निवासी शख्स को बेच दिया है। उनका यह भी आरोप है कि उनके खिलाफ पहले एक महिला के नाम से झूठा प्रार्थना पत्र भी दिया था जो गलत पाया गया था।