-नगर निगम ने नाला निर्माण के दौरान नाले के पानी का रूख स्कूल कैंपस की ओर मोड़ा

स्कूल का कैंपस में भरा गंदा पानी, तीन कमरे गिरे, बच्चों की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा

>BAREILLY: करगैना रोड पर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जूनियर हाईस्कूल में गंदगी का तालाब बन गया है। नगर निगम की लापरवाही के चलते स्कूल कैंपस में नाले का पानी इकट्ठा हो रहा है। जो न सिर्फ स्कूल की बिल्डिंग को कमजोर कर रहा है, बल्कि यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए खतरा भी है। वहीं स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। स्कूल कैंपस में जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन ने कई बाद उच्चाधिकारियों और नगर निगम से कहा लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं ि1कया गया।

नाले का पानी कैंपस में

करगैना रोड पर पं। दीनदयाल उपाध्याय जूनियर हाईस्कूल में करीब दो सौ स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। काफी अरसे पहले नगर निगम ने नेकपुर से करगैना तक नाले का निर्माण शुरू कराया था जो अब तक चल रहा है। निर्माण कार्य के चलते नगर निगम ने नाले के पानी का रूख स्कूल कैंपस की ओर मोड़ दिया है। इसके चलते स्कूल कैंपस तालाब में तब्दील हो गया है। वहीं, कैंपस में गंदा पानी इकट्ठा होने के चलते स्टूडेंट्स दुर्गध से परेशान रहते हैं। इससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को संक्रमित बीमारियां फैलने की भी आशंका है।

गिर चुके हैं तीन कमरे

स्कूल के टीचर्स ने नगर निगम के अधिकारियों को स्टूडेंट्स की समस्या के बारे में बताया। हैरानी की बात यह है कि अधिकारियों ने समस्या के निस्तारण की जहमत नहीं उठाई। वहीं, विभागीय अधिकारी भी हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं। टीचर्स ने बताया कि जलभराव के कारण स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हो गई। तीन कमरे पानी भरने के कारण जमींदोज हो चुके हैं। साथ ही अन्य क्लासेज की दीवारें काफी कमजोर हो चुकी हैं। ऐसे में खुले में क्लासेज लगानी पड़ रही है। वहीं, बरसात के मौसम में स्कूल की स्थिति और दयनीय हो जाती है। इसलिए स्कूल पड़ोस की बिल्डिंग में शिफ्ट करना पड़ता है।

कैंपस में जलभराव के कारण हर वक्त अनहोनी होने की चिंता सताती रहती है। साथ ही दुर्गध के कारण पढ़ने में काफी परेशानी होती है।

बबिता, स्टूडेंट

कमरे की दीवारें गिरने के कारण खुले में पढ़ना पड़ रहा है। जिसमें खासी परेशानी होती हैं। हमारे कई साथी बीमार भी हो चुके हैं।

निकिता, स्टूडेंट

नगर निगम के अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों सभी को स्कूल की स्थिति के बारे में अवगत करा चुके हैं, लेकिन किसी ने कोई कदम नहीं उठाया। इस कारण स्टूडेंट्स को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं।

शिवलेश चन्द्र पांडे, हेड टीचर