- 200 करोड़ की जगह 80 करोड़ पर सिमटा बाजार

BAREILLY:

गर्मी बढ़ने से बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है और व्यापारी मायूस हैं। शहर के जिन प्रमुख बाजारों में दिन के समय पांव रखने तक की जगह नहीं होती थी वहां कफ्र्यू जैसा नजारा है। मैक्सिमम टेमप्रेचर 43 डिग्री पहुंचने के कारण लोग परचेजिंग के लिए भी घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं। लिहाजा बाजार में टर्नओवर 50 फीसदी से भी नीचे आ गया है। सामान्य दिनों में बरेली के बाजार का जहां रोजाना का टर्नओवर 200 करोड़ रुपए का था। वहीं इस समय घटकर 80 करोड़ के आसपास आ गया है। कस्टमर्स का रिस्पांस नहीं मिलने व गर्मी में माल का नुकसान होने के डर से व्यापारी भी कम माल मंगा रहे हैं।

बाजार में भीड़ 3 घंटे से भी कम

गारमेंट्स, सर्राफा, इलेक्ट्रॉनिक्स सहित प्रमुख सेक्टर से जुड़े बाजार में 3 घंटे से भी कम रौनक देखने को मिल रही है। सुबह 10 बजे दुकानों के खुलने के साथ ही सूरज के तीखे तेवर भी दिखने शुरू हो जा रहे हैं, जो कि शाम 6 बजे तक देखने को मिल रहा है। उसके बाद ही लोग थोड़ा बहुत शॉपिंग करने के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में रात 9 बजे तक ही लोगों को परचेजिंग करने का समय मिल पा रहा है। क्योंकि, 9 बजे के बाद शहर के अधिकतर दुकानों के शटर डाउन हो जाते हैं।

कच्चा माल मंगाने से बच रहे व्यापारी

उमस भरी गर्मी पड़ने से कच्चा माल के खराब होने का चांस काफी रहता है। आलू, प्याज, हरी सब्जियों और फल आदि मंडी में इंदौर, नासिक, पंजाब और गुजरात से ही आते हैं। ट्रक के हीट होने से इनके सड़ने का डर रहता है। लिहाज, आढ़ती बहुत कम माल मंगा रहे हैं। एक महीने पहले डेलापीर मंडी में 10 ट्रक आलू, प्याज के नासिक से आ रहे थे, लेकिन अब 6 ट्रक ही आ रहे हैं। एक ट्रक में 20 से 22 टन माल हाेता है।

इलेक्ट्रॉनिक बाजार पर भी असर

इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में भी बढ़ते टेम्प्रेचर की मार पड़ी है। इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट के बिजनेस से जुड़े लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरा हैं। व्यापारियों का कहना है कि ज्यादातर लोगों के पास पहले से ही एसी, कूलर हैं। जो खरीद रहे हैं वह भी शादी-ब्याह के उद्देश्य से। सामान्य दिनों में इलेक्ट्रॉनिक बाजार में 5 से 7 करोड़ रुपए का टर्नओवर रोजाना का है। लेकिन इस समय यह 2 करोड़ पर आ गया है। जबकि, 3 से 4 करोड़ रुपए का टर्नओवर होने की उम्मीद थी।

ट्रांसपोर्टर्स को टायर खराब होने का डर

टेम्प्रेचर की मार का असर ट्रांसपोर्टर्स पर भी पड़ा है। क्योंकि, गर्मी के वजह से टायर अधिक घिसता है। जिस वजह से उसके खराब होने का डर रहता है। एक टायर 15 से 20 हजार रुपए का पड़ता है। जिसके कारण ट्रांसपोर्टर्स बाहर से आने वाले रेता-बजरी और सीमेंट के अलावा कंस्ट्रक्शन से जुड़े अन्य सामान्य का काम लेने से गुरेज कर रहे हैं। ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि सामान्य मौसम में रोजाना 2 हजार से अधिक ट्रकों से माल शहर में आता था। लेकिन इस समय माल ढोने वाले ट्रकों की संख्या आधी रह गई है। गर्मी में मजदूर कम मिलने और मकानों के तरावट करने की समस्या से इस समय कंट्रक्शन भी काफी कम हो रहे हैं।

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कुछ प्रमुख ट्रेड और टर्नओवर एक नजर

ट्रेड - सामान्य दिनों में - अब

सर्राफा - 5 करोड़ - 1.25 करोड़

गारमेंट्स - 2 करोड़ - 30 लाख

इलेक्ट्रॉनिक - 7 करोड़ - 2 करोड़

फल व सब्जी - 1 करोड़ - 40 लाख

रेता, बजरी, सीमेंट - 6 करोड़ - 3 करोड़

नोट- जैसा की ट्रेड से जुड़े लोगों ने बताया।

ट्रांसपोर्टर्स कोई भी माल बाहर ले जाने और लाने से बच रहे हैं। क्योंकि, टेम्प्रेचर अधिक होने से टायर के खराब होने का डर रहता है। जितने का प्रॉफिट नहीं एक टायर खराब होने पर उतने का खर्च है।

रामकृष्ण शुक्ला, प्रेसीडेंट, रेता बजरी ट्रक एसोसिएशन

गर्मी का असर बाजार पर देखने को मिल रहा है। पूरे दिन बाजार में सन्नाटा रहता है। सूरज डूबने के बाद थोड़ा बहुत बिजनेस हो रहा है। इस समय बाजार में 50 फीसदी से भी कम का टर्नओवर रह गया है।

राजेश जसोरिया, महामंत्री, यूपी उद्योग व्यापार मंडल

बाहर से कच्चा माल हम लोग कम मंगा रहे हैं। क्योंकि, आलू-प्याज में सड़न पैदा होने लगती है। आर्थिक मार से बचने के लिए लोकल सब्जियां ही बेच रहे हैं।

मोहम्मद नाजिम, होलसेलर, डेलापीर मंडी

टेम्प्रेचर में गिरावट लेकिन उमस बरकरार

मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। फ्राइडे को जहां मैक्सिमम और मिनिमम टेम्प्रेचर में उछाल रहा। वहीं सैटरडे को दोनों टेम्प्रेचर में गिरावट दर्ज की गई। बावजूद इसके उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिली। पसीने से तरबतर कर देने वाली गर्मी से लोग बेहाल हैं। सैटरडे को मैक्सिमम टेम्प्रेचर 0.8 डिग्री की गिरावट के साथ 42.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जबकि, मिनिमम टेम्प्रेचर 0.2 डिग्री नीचे गिर कर 28.3 डिग्री सेल्सियस पर रहा। उमस भरी गर्मी का अहसास अभी दो दिनों तक और रहेगा। उसके बाद बारिश के आसार हैं।