-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के कैंपेन 'गर्मी लगी क्या' में शहरवासियों ने निकाली भड़ास

-बोले, शहरवासी पुलिस को करना चाहिए निष्पक्ष काम, तभी लगेगा अपराधों पर लगे अंकुश

>BAREILLY: पॉलिटिकल प्रेशर के चलते पुलिस निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर पाती है। इसी का नतीजा है कि दिनोंदिन अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। वहीं, पुलिस भी अपनी जिम्मेदारी से बचती है। शिकायत करने पर पीडि़त से इतने सवाल-जवाब किए जाते हैं कि वे चुपचाप घर बैठने में भलाई समझता है। इसके अलावा पुलिस कार्रवाई की जगह समझौते को तवज्जो देती है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने नायसिल 'गर्मी लगी क्या' कैंपेन के जरिए 'सीच्युएशन ऑन इंप्लीमेंटेशन ऑफ लॉ एंड ऑर्डर इन सिटी' पर शहरवासियों की राय ली। शहरवासियों ने शासन और पुलिस प्रशासन को जमकर कोसा।

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम फ्राइडे को सुबह 10.30 बजे पीलीभीत वाईपास रोड स्थित अल मदीना हॉस्पिटल पहुंची। कैंपेन की शुरुआत करते हुए हॉस्पिटल के डायरेक्टर मो। अय्यूब अंसारी ने कहा कि पुलिसकर्मी अपने जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करते हैं। जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। दिनोंदिन वारदात में इजाफा हो रहा है। शहरवासी खौफ के साए में जीवन जी रहे हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाना चाहे, तो जनप्रतिनिधि उनके काम में रोड़ा अटकाते हैं। अपराधियों को छुड़वाने के लिए खादी अधिकारियों पर दबाव बनाती है। खालिक अंसारी ने कहा कि कानून व्यवस्था दुरुस्त रहे, इसलिए शासन ने यूपी 100 की गाडि़यां जगह-जगह खड़ी करवाई, लेकिन पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारी से बचते हैं। वे जनता की सेवा की जगह उगाही पर फोकस करते हैं, जिस कारण शहर की कानून व्यवस्था डिरेल हो रही है। शकील अंसारी ने कहा शहर की कानून व्यवस्था को बेपटरी करने में पब्लिक का भी बहुत बड़ा सहयोग है। वह कानून से बचने के लिए पुलिसकर्मियों को चढ़ावा चढ़ा देती है। इसके आलावा मो। रहीमुद्दीन सकलैनी, इस्लाम सकलैनी, डॉ। संजय शर्मा, ज्ञानेन्द्र सिंह और अख्तर हुसैन ने भी पुलिस प्रशासन पर भड़ास निकाली

डंडे का सही हो प्रयोग

कैंपेन का दूसरा पड़ाव मनोहर भूषण इंटर कॉलेज

रहा। कैंपेन में कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। मनोज कुमार ने विचार रखते हुए कहा कि पुलिस कर्मियों को केवल स्मार्ट बनाने से अपराधों पर अंकुश नहीं लगेगा। अपराध तभी थमेगा जब अपराधियों में पुलिस का खौफ होगा। उन्होंने कहा अक्सर देखा जाता है कि कोई पीडि़त शिकायत करने थाने जाता है, तो उससे इतने सवाल जबाव किए जाते हैं कि वह घर बैठने में भलाई समझता है। कुमार पारस ने कहा कि कोई घटना होने पर पीडि़त तहरीर देने जाता है, तो सवाल-जबाव के माध्यम से उनका उत्पीड़न करते हैं। अगर, पुलिस तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लेती है, तो जांच पड़ताल की जगह पीडि़त पर समझौते का दबाव बनाती है। इससे भी अपराधियों को बढ़ावा मिलता है। राजेश चौहान ने कहा कि पुलिस को जो डंडा मिला है, उसका वह केवल सही प्रयोग करे, तो अपराध काफी हद तक कम हो सकता है। इसके साथ ही आफताब मिर्जा ने पुलिस प्रशासन को कोसा।

जनता भी है जिम्मेदार

इसके बाद कैंपेन ने मिनी वाईपास स्थित मैस्कॉट प्ले स्कूल की ओर रुख किया। इसमें फातिमा ने कहा कि शहर की कानून व्यवस्था को बेपटरी करने में जनप्रतिनिधियों के अलावा शहरवासी भी जिम्मेदार हैं। कानून उल्लंघन करते पकड़े जाने पर कार्रवाई से बचने के लिए पुलिसकर्मियों को चढ़ावा चढ़ाते हैं, जिससे कानून उल्लंघन को बढ़ावा मिलता है। अंशुल वर्मा ने कहा कि शहर की जानता ईमानदारी से अपने दायित्वों को निभाएं, तो भी कानून व्यवस्था पटरी पर आ सकती है। शोभना दीक्षित ने कहा कि शासन को समय-समय पर पुलिसकर्मियों की काउंसलिंग कराते रहना चाहिए। इससे कानून व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलती है। इसके आलावा रमेश चन्द्र चित्रा, वर्षा, कमलेश चित्रा ने शहर की बिगड़ी कानून व्यवस्था पर अफसोस जताया।

पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बचते हैं, जिस कारण कानून व्यवस्था बेपटरी होती जा रही है। पुलिस पीडि़त की शिकायत सुने और कार्रवाई करें, तो अपराधों पर अंकुश लग सकता है।

डॉ। स्वाति

पुलिस डंडे का दुरुपयोग करती है। जिसका असर कानून व्यवस्था पर पड़ता है। शरीफ और ईमानदार शहरवासी पुलिस से डरती है। वहीं, अपराधी उसके दोस्त बन जाते हैं।

डॉ। मनोज कुमार

पुलिस ड्यूटी निभाने की जगह उगाही पर फोकस करती है। जिससे अपराध को बढ़ावा मिलता है। वहीं, पुलिस की अभद्रता के चलते पीडि़त शिकायत करने से बचता है।

उपेन्द्र सिरोही

पुलिस शहर ही भोली-भाली जनता पर खाकी का खौफ दिखाती है। वहीं, पॉलीटिकल प्रेशर में अपराधियों पर कार्रवाई से कतराती है, जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ता है।

खालिक अंसारी

वारदात की शिकायत करने पर पीडि़त से इस तरह का व्यवहार किया जाता है, जैसे उसने शिकायत करके कोई बहुत बड़ी गलती करती है। पुलिस के व्यवहार के चलते आम आदमी घटना होने पर शिकायत दर्ज नहीं कराता है।

कमलेश चित्रा