लगातार घंटों बैठने से दिल की बीमारी का खतरा

हार्ट डिजीज के बढ़े मरीज, हर 20 मिनट बाद 20 कदम टहलें

BAREILLY:

ऐसी जॉब में हैं, जिसमें घंटों सीट पर बैठकर काम करना पड़ता है, तो आप सिडेंट्री जॉब की चपेट में आ सकते हैं। इससे दिल की गंभीर बीमारियां होने का खतरा होता है। सीट पर लगातार बैठाना हार्ट के लिए स्मोकिंग करने जैसा ही है। अमेरिका में सिडेंट्री जॉब के मरीजों की तादाद स्मोकिंग से होने वाली बीमारियों के पीडि़तों के बराबर पहुंच गई है। फोर्टिस हॉस्पिटल नई दिल्ली के सीनियर कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ। निशीथ चंद्रा का कहना है कि देश में भी इस बीमारी से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ी है। हार्ट के दस में 3 पेशेंट इसी बीमारी से पीडि़त निकल रहे हैं।

28 फीसदी युवा चपेट में

डॉ। चंद्रा आईएमए में हुए दिलकॉन सेमिनार में भाग लेने बरेली आए हुए थे। मल्टी नेशनल कंपनीज, बीपीओ, रिटेल, मीडिया, बैंकिंग और अन्य सेक्टर में नौकरीपेशा लोगों को दिन में औसतन 8-9 घंटे सीट पर बैठे-बैठे काम करना पड़ता है। एक्टिविटीज कम होने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा। जो धीरे धीरे हार्ट तक ऑक्सीजन व खून पहुंचाने वाली आर्टरिज को ब्लॉक कर देता है। इससे हार्ट अटैक, आर्टरिज में मल्टीपल जगह पर ब्लॉक व नसों का फट जाना जैसे केसेज बढ़ रहे हैं। डॉ। निशीथ चंद्रा ने बताया कि इस खतरे से जूझ रहे 25-35 साल के युवाओं की संख्या ज्यादा है। दिल्ली में करीब 28 फीसदी नौकरीपेशा युवा दिल की बीमारी के खतरे में है। सिडेंट्री जॉब कर रहे इम्पलॉइज हर 20 मिनट वर्किंग के बाद कम से कम 20 कदम जरूर चलें।

लाइफ स्टाइल से हार्ट अटैक

जबरदस्त कॉम्पिटिशन के दौर में दूसरों से आगे निकलने की होड़ और जल्द सैटल होने की राह युवाओं के दिल की आर्टरिज का रास्ता बंद कर रही। दिलकॉन में आए फोर्टिस हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ। जेडएस मेहरावल ने यह जानकारी दी। डॉ। मेहरावल ने बताया कि नौकरी में काम का तनाव, डिप्रेशन, स्मोकिंग, शराब, बिगड़ी लाइफ स्टाइल और जंक फूड ने युवाओं को पहले हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज का मरीज बनाया। फिर एक कदम आगे बढ़कर हार्ट अटैक को बुजुर्गो की नहीं बल्कि जवानों की बीमारी बना दिया है। हार्ट अटैक के मरीजों का प्रोफाइल 50-55 से 15 साल कम हुआ है।