- 80 हजार से बढ़कर डेढ़ लाख तक पहुंच गई बोतलों की बिक्री, राजस्व में इजाफा का दावा

BAREILLY:

एक ओर जहां देश भर में शराब की बिक्री कम करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, प्रदेश में शराब की खपत को बढ़ाने के लिए दाम कर दिए गए, जिसका नतीजा यह रहा कि बरेली जिले में जहां शराब की खपत प्रतिमाह 80 हजार बोतल दर्ज की जा रही थी वह बढ़कर 1 लाख 40 हजार तक पहुंच गई है। आबकारी अधिकारी बढ़ी हुई बोतलों की संख्या के आधार पर राजस्व में इजाफा होने का दावा कर रहे हैं। इसके साथ ही, रेट कम होने से शराब की तस्करी में कमी होना बताया।

लोकल ब्रांड की ज्यादा डिमांड

अधिकारियों के मुताबिक दामों में 25 परसेंट की कमी होने से पियक्कड़ों ने बोतलों की संख्या बढ़ा दी है। प्रीमियम यानि फॉरेन ब्रांड लिकर के दामों में कोई खास अंतर न होने से उनकी खपत ज्यादा नहीं हुई। जबकि लोकल ब्रांड यानि इंडियन टैग की शराब की कीमतों में भारी अंतर होने से जबरदस्त खपत दर्ज की जा रही है। दामों में तकरीबन दो सौ से 3 सौ रुपए तक की कमी हुई है। इससे रॉयल स्टैग, इंपीरियल ब्लू, सिग्नेचर, नंबर वन ब्रांडेड लिकर के बोतलों की संख्या में तकरीबन दोगुना तक की बढ़त दर्ज की जा रही है। बताया कि यह दाम हरियाणा, उत्तराखंड में बेची जाने वाली दामों के करीब होने से तस्करी की शराब की आवक भी कम हुई है।

आंकड़ा

ब्रांड मार्च अप्रैल

डिसलरी 80 हजार 1,40 लाख

बीयर - 1.20 लाख 1.60 लाख

देसी - 2 लाख 2 लाख

प्रीमियम - 6 हजार 10 हजार

दामों में कमी होने से ब्रांडेड शराब के बोतलों की बिक्री बढ़ी है। जबकि देसी, फॉरेन और प्रीमियम ब्रांड्स की बिक्री में ज्यादा अंतर नहीं दर्ज किया जा रहा। राजस्व में इजाफा हुआ है।

एमएल द्विवेदी, जिला आबकारी अधिकारी